विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी की त्रासदियों का जिक्र खूब आता है. यहूदियों पर किएअत्याचार, गैस चैंबर. केमिकल वेपन. कंसंट्रेशन कैंप. पर जब भी जापान का जिक्र आताहै. ज्यादा बात हिरोशिमा और नागासाकी की एटॉमिक बमबारी की होती है और जापान नेदूसरे देशों में जो त्रासदी मचाई वो छिप जाती है. अस्पतालों में नर्सेज़ काबलात्कार, उन पर गोलियां बरसाना. ऐसे तमाम जुर्मों की बात कम होती है. तब केजापानी प्रधानमंत्री तोज़ो हिडेकी का. एक सैनिक. एक नेता. कुछ लोगों की मानें तो एकहत्यारा. जिसके खिलाफ, मुकदमा चला. युद्ध में किए गुनाहों के लिए. यूं तो युद्ध मेंजान जाना आम बात है. पर आम नागरिकों या फिर गैर सैनिकों के साथ सुलूक के लिए, तोज़ोपर ये मुकदमा चला. क्रूरता के साथ तमाम जापानी अधिकारियों को मौत की सजा दी गई. औरजिस अदालत ने ये सजा सुनाई, उसमें से एक जज भारतीय भी थे. हालांकि भारतीय जज नेयुद्ध के इन मुजरिमों को दोषी नहीं पाया. क्या थे युद्ध में किए ये जुर्म? भारतीयजज ने सजा क्यों नहीं दी? और कौन था तोज़ो? जानने के लिए देखें तारीख का ये एपिसोड.