BBC के एक आर्टिकल में पाकिस्तान के इतिहासकार, अकील जाफरी मुहम्मद अली जिन्ना सेजुड़ा एक दिलचस्प किस्सा बताते हैं. ये बात है जुलाई 1948 की. जिन्ना बीमार थे. TBकी बीमारी. ऐसी हालत में किसी ने उन्हें जियारत जाने की सलाह दी. किसने दी? येपाकिस्तान में एक बड़ा सवाल है. बहरहाल जिन्ना जियारत गए. जियारत बलूचिस्तान का एकऊंचाई वाला इलाका है. देवदार के घने जंगलों से घिरा हुआ. जिसके चलते यहां काफी ठंडपड़ती थी. ये मौसम जिन्ना की सेहत के लिए ठीक नहीं था. जिन्ना की तबीयत काफी खराबथी. खाना पचता नहीं था. इसलिए कुछ खाने का मन भी नहीं होता था. डॉक्टर ने एक रोज़जिन्ना की बहन फातिमा जिन्ना से कहा, "आपके भाई को खाने के लिए तैयार करना जरुरी है. बताइए उनका पसंदीदा खाना क्या है?"फातिमा जिन्ना ने बताया कि बंबई में एक बावर्ची हुआ करता था. “जिसके हाथ का खाना जिन्ना शौक से खाते थे. लेकिन पाकिस्तान बनने के बाद बावर्चीकहां गया, पता नहीं”पूरा किस्सा जानने के लिए देखें वीडियो.