कहानी की शुरुआत साल 1257 से. मंगोल फौज बगदाद को घेरे हुए खड़ी थी. पिछले 12 दिनोंसे उन्होंने शहर पर डेरा डाला हुआ था. और इस फौज को लीड कर रहा था हलाकू खान. चंगेज़खान का पोता. बगदाद तब अब्बासी ख़िलाफ़त की राजधानी हुआ करता था. और यहां रहते थे,37वें अब्बासी ख़लीफ़ा मुस्तआसिम बिल्लाह. आज कहानी अब्बासी खिलाफत के अंत की.कहानी उस शहर के बर्बाद होने की. जो एक वक्त में दुनिया का सबसे बड़ा शहर था. जहांपहली बार दस लाख की आबादी बसी. और जहां आधार रखा गया, इस्लाम के स्वर्णिम युग का.हम बात कर रहे हैं ईराक की राजधानी बगदाद की. पूरी कहानी जानने के लिए देखिएवीडियो.