तारीख: 'आतंकियों के लिए मौत का दूसरा नाम' राष्ट्रीय राइफल्स का इतिहास जान लीजिए
Rashtriya Rifles यानी RR. इसके गठन के पीछे एक लम्बी कहानी है. कहा जाता है कि अगर बैकग्राउंड की घटनाएं न होती तो RR की जरूरत ही नहीं पड़ती. क्योंकि घाटी में लॉ एंड आर्डर के लिए वहां की पुलिस, BSF और पैरामिलिट्री बल ही पर्याप्त थे. तो पहले समझते हैं इसके पीछे की कहानी.
मानस राज
5 अगस्त 2024 (Published: 09:30 IST)