1949 में भीतर राम की मूर्ति रखकर जिस धार्मिक आंदोलन की शुरुआत हुई और कालांतर मेंजिस रामजन्मभूमि आंदोलन ने देश की राजनीति को बहुत हद तक तय किया, उसे आज अमली जामापहनाया गया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर की आधारशिलारखी गई थी. मंदिर की आधारशिला भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही रखी थी. आधारशिलारखे जाने के तीन साल पांच महीने और 16 दिन बाद मंदिर में भगवान राम की प्राणप्रतिष्ठा हुई. इसके बाद प्रधानमंत्री ने मंदिर परिसर में 8 हज़ार मेहमानों औरअपने-अपने घर, दफ्तर, दुकानों और सड़कों पर लाइव टेलीकास्ट देख रहे देशवासियों कोसंबोधित किया. कहा कि देव से देश है और राम से राष्ट्र है. आज भारतीय राजनीति औरउससे भी बढ़कर भारतीय समाज के लिए महत्वपूर्ण इस घटना पर विस्तार से होगी बात.