आज से 622 ईसा पूर्व रेगिस्तान में एक मस्जिद की नींव रखी गई. जो मजहब के साथतालीम का पहला मीनार बनी. तालीम देने वाले ख़ुद पैगंबर मोहम्मद साहब. जिन्होंनेदुनियाभर को इस्लाम का इल्म दिया. ये इल्म दिल्ली की तख्त पर बैठी सल्तनतों तकपहुंचा. कैसे? इसकी भी कहानी है. बनने से लेकर ध्वस्त होने और दोबारा खुद कोस्थापित करने तक की. कहानी में 1857 का गदर भी शामिल है. देवबंद और अलीगढ़ के नामभी हैं. 622 CE का दौर. जब पैगंबर मोहम्मद साहब ने मदीना में मस्जिद-ए-नबवी की नींवरखी. मस्जिद के सामने एक छत थी, जिसे सुफ्फा कहा जाता था. यहीं पर पैगंबर साहब ने60 से 70 छात्रों को तालीम दी. जिसे हासिल करने के बाद, इन तालिबों (छात्रों) कोअलग-अलग इलाकों में भेजा गया, ताकि वे इस्लाम और पैगंबर साहब के संदेश का प्रचार करसकें. ये इल्म ही आगे चलकर इस्लामी शिक्षा के शुरुआती अध्यायों का गवाह बनी. क्याइतिहास है मदरसों का, जानने के लिए देखें पूरा वीडियो.