एक सिनैरियो पर गौर कीजिए. मान लीजिए आपने एक शख्स को अपना घर किराए पर दिया. कुछदिन बाद पता चला कि घर का इस्तेमाल ग़ैरक़ानूनी काम के लिए हो रहा है. पुलिस ने उसशख्स को तो अंदर डाला ही लेकिन आपके घर पर भी ताला डाल दिया. क्योंकि वो घर भी केससे जुड़ा हुआ था. अब ऐसे में आप क्या करेंगे?ऐसा ही एक सवाल पिछले दिनों दिल्ली हाई कोर्ट के सामने आया. मामला दिल्ली केजामिया नगर में मौजूद एक घर का है. जिसे UAPA के एक केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसीNIA ने जब्त कर लिया था. इसके बाद घर का मालिक दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गया। कोर्टने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा,"UAPA के तहत किसी जगह को अधिसूचित करने का इरादा ये होता है कि उसका इस्तेमालगैरकानूनी गतिविधियों के लिए न किया जाए. इसका इरादा निर्दोष मालिकों की संपत्तियोंको जब्त करना कतई नहीं है."संपत्ति ज़ब्त होना- भारत में आपराधिक मामलों में आपने कई बार सुना होगा कि अमुक कीसंपत्ति ज़ब्त हो गई. कुर्की हो गई. चलिए आज आसान भाषा में आज आपको समझाएं- कानून के तहत सरकार कब किसी संपत्ति को ज़ब्त कर सकती है? - इस संपत्ति का होता क्या है?- कुर्की क्या होती है, और इसकी प्रक्रिया क्या है? - और दिल्ली हाई कोर्ट में चल रहा केस क्या है?