भारतीय लेखिका बानू मुश्ताक को कहानियों की उनकी किताब, “हार्ट लैम्प” के लिए साल2025 का अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार (International Booker Prize 2025) मिला है.ये अवार्ड पाने वाली वे दूसरी भारतीय हैं. इससे पहले साल 2022 में गीतांजलि श्री कोउनके उपन्यास “रेत समाधि” के लिए ये पुरस्कार मिला था. इस अवार्ड के नियमों में एकशर्त ये होती है कि किताब का अंग्रेजी में होना अनिवार्य है, भले ही वो मूल रूप सेकिसी भी भाषा में लिखी गई हो. इसी वजह से ‘हार्ट लैम्प’ का अंग्रेजी में अनुवादकरने वाली दीपा भास्थी को भी ये पुरस्कार मिला है. वह अंतरराष्ट्रीय बुकर पाने वालीपहली भारतीय अनुवादक हैं. इस किताब में ऐसा क्या था कि इसे दुनिया का सबसे बड़ाप्राइज़ मिला, जानने के लिए देखें वीडियो.