घर से बाहर भी हमारा एक परिवार होता है. हमारे दोस्त जिन पर हम खुद से भी ज़्यादाभरोसा करते हैं. जो रात को तीन बजे भी एक कॉल पर हाज़िर हो जाते हैं. घर जैसी बातेंके तीसरे एपिसोड में बात उन्हीं दोस्तों की, जिनके पास हम हर बार अपने सबसे प्रसन्नऔर सबसे दुखी क्षणों में लौटते हैं. सौरभ और गिरिजा से सुनिए, उनके दोस्तों केकिस्से. उनकी शरारतें, उनका प्रेम और भी बहुत कुछ.