आसान भाषा में: क्या होनी को टालना संभव है? क्या है किस्मत का खेल?
चेले को समझ आ गया..नियति का मंच होता है और कर्म तय करते हैं कि कहानी कैसे आगे बढ़ेगी. आप ही मोहरा, आप ही खिलाड़ी. कर्ता भी आप, कर्म भी आप, क्रिया भी आपकी, प्रारब्ध भी आपका.
तो कर्म किए जाइए. कुछ चीज़ें संभवतः आप नहीं बदल सकते पर कुछ चीज़ें ज़रूर बदल सकते हैं.
आकाश सिंह
24 फ़रवरी 2025 (Published: 10:51 IST)