भारत में महिला लोक प्रशासकों के सामने आने वाली चुनौतियां का कारण है समाज मेंमौजूद लैंगिक पूर्वाग्रह, रूढ़िवादिता और भेदभाव. ये सभी कारण उनके करियर की उन्नतिको सीमित करते हैं. निर्णय लेने वाली भूमिकाओं में महिलाओं का सीमित प्रतिनिधित्वउनकी प्रगति में बाधा डालता है और लैंगिक असमानताओं को कायम रखता है. भारत मेंप्रशासनिक सेवाओं में महिलाओं के लिए शिक्षा और सांस्कृतिक बदलावों के जरिए एकसमावेशी और सशक्त वातावरण बनाना जरूरी है. अधिक जानने के लिए वीडियो देखें.