The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Lallankhas
  • Trump baba and Hitler baba are there in the Magh Mela in Prayagraj Know about more babas with such names

अजब-गजब नाम वाले बाबाओं की लिस्ट में ट्रंप बाबा, हिटलर बाबा ने भी जमाया डेरा

अपने अनोखे नाम से भीड़ खींचने वाले और कितने बाबा हैं, सबकी कुंडली जान लीजिए

Advertisement
Img The Lallantop
बाएं से दाएं - ट्रंप बाबा और हिटलर बाबा.
pic
अभिषेक त्रिपाठी
22 जनवरी 2021 (Updated: 22 जनवरी 2021, 01:11 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माघ मेला चल रहा है. मकर संक्रांति के दिन यानी कि 14 जनवरी से शुरू हुआ यह मेला महाशिवरात्रि यानी कि 11 मार्च तक चलेगा. मेला लगता है तो इसके तमाम आकर्षण भी होते हैं. नदी किनारे का माहौल, रेती, मेले की दुकानें, खाने-खरीदने का सामान वगैरह. इनके अलावा इस तरह के धार्मिक मेलों में आने वाले संतों को लेकर भी खासा आकर्षण रहता है. लेकिन माघ मेले का एक और आकर्षण है. यहां आए बाबाओं के नाम. दो बाबाओं के नाम सबसे ज़्यादा चर्चा में हैं. ट्रंप बाबा और हिटलर बाबा.
पहले बात करते हैं हिटलर बाबा की. हिटलर बाबा का असली नाम है – महामंडलेश्वर माधव दास. ये बाबा दिगंबर अनी अखाड़े से हैं. माधव दास प्रयागराज के सैदाबाद के रहने वाले हैं. माधव दास के हठी स्वभाव के कारण उनके गुरु रघुवर दास ने उन्हें ‘हिटलर’ नाम दिया था. इसके बाद से वे हिटलर बाबा के नाम से ही पहचाने जाने लगे. दि टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए माधव दास ने बताया-
“मैंने हमेशा वही किया, जो मुझे सही लगा. और बाद में मेरा किया काम ही सही साबित भी हुआ. संन्यास लेने का फैसला भी मेरा ही था. जब मैं इसके लिए अड़ गया तो मेरे गुरु ने मुझे हिटलर नाम दे दिया.”
हिटलर बाबा बताते हैं कि एक बार वो किसी यात्रा पर निकलने की तैयारी में थे. तभी उनके गुरु रघुवर दास ने कहा कि यात्रा कुछ दिन टाल दो, क्योंकि दिशा शूल है. मतलब ये ऐसा समय है जब किसी यात्रा पर निकलने को शुभ नहीं माना जाता. लेकिन हिटलर बाबा नहीं माने. निकल पड़े. बोले कि जब तक मेरा गुरु मेरे साथ है, कुछ अशुभ नहीं हो सकता. ट्रंप बाबा, M.Com अब बात माघ मेले में ही आए हुए ‘ट्रंप बाबा’ की. साकेत धाम आश्रम के महंत कंचन दास. महंत जी मास्टर्स ऑफ कॉमर्स हैं यानि एम.कॉम. इसके बाद धरम-करम में मन रम गया. चेले बताते हैं कि जब से अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बने, महंत कंचन दास को वो ख़ासे पसंद आ गए. अब बाबा एम.कॉम पासआउट हैं, तो खटाखट अंग्रेजी भी बोलते हैं. इसी नाते उनके गुरु विनायक बाबा ने नाम रख दिया – ट्रंप बाबा.
अच्छा, एक फैसले में ट्रंप बाबा का एकाधिकार रहता है. उसमें कोई दख़ल नहीं देता. वो फैसला है कि आज खाने में क्या बनेगा?. गुरुओं की देन होते हैं ये नाम इसी तरह माघ मेले में मारुति बाबा और धुंधकारी बाबा भी आए हुए हैं. धुंधकारी बाबा का असली नाम रामदास त्यागी महाराज है. वहीं, हनुमान जी के भक्त मारुति बाबा की असल पहचान है काशी के पीठाधीश्वर बाबा जगदीश दास. यानी आप मेले से गुजरेंगे तो अनोखे नाम वाले बाबाओं की गिनती चलती रहेगी. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी कहते हैं –
“बाबाओं को अनोखे नाम मिलने की परंपरा तो काफी पुरानी है. गुरु अपने शिष्य को उसकी किसी ख़ासियत के आधार पर नाम देते हैं और फिर यही नाम उनकी पहचान बन जाते हैं. इन अनोखे नामों से भक्तों के बीच भी उन संत को लेकर अलग किस्म की जिज्ञासा बनती है.”
ऐसे ही अनोखे नाम वाले कुछ और बाबाओं के बारे में बात करते हैं. कंप्यूटर बाबा इस फेहरिस्त में पहला नाम कंप्यूटर बाबा का ही आना चाहिए. मध्यप्रदेश के बाबा नामदेव दास त्यागी. 2018 में उस वक्त चर्चा में आए, जब मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया. कहा जाता है कि अपना लैपटॉप हमेशा साथ लेकर चलते हैं, इसलिए कंप्यूटर बाबा का नाम मिला.
कंप्यूटर बाबा पर भी कई केस दर्ज हैं. जिसमें तलवार लेकर एक व्यक्ति के घर में घुसने और उसे जान से मारने की धमकी देने का आरोप शामिल है. इनके अलावा शासकीय कार्यों में बाधा डालने का आरोप भी बाबा पर लगा है. और इन्हीं मामलों के सिलसिले में वे जेल भी जा चुके हैं.
Computer Baba कंप्यूटर बाबा.
गोल्डन बाबा गाज़ियाबाद के रहने वाले सुधीर कुमार मक्कड़. चर्चित नाम – गोल्डन बाबा. सोने से बिल्कुल लदे हुए बाबा. बताया जाता है कि सुधीर कुमार मक्कड़ यहीं गाज़ियाबाद में कपड़े का व्यापार करते थे. 1972 के आस-पास मन उचट गया तो संन्यास ले लिया. सोने को इष्टदेव माना, इसलिए काफी सोना पहने रहते थे और इस तरह गोल्डन बाबा बन गए. नवभारत टाइम्स की ख़बर के मुताबिक- गोल्डन बाबा पर ईस्ट दिल्ली में अपहरण, फिरौती, वसूली, मारपीट के कई मामले दर्ज हैं. एक जुलाई 2020 को लंबी बीमारी के बाद गोल्डन बाबा का निधन हो गया.
Golden Baba गोल्डन बाबा.
बाबा और भी हैं.. इसी तरह बाल्टी बाबा और पायलट बाबा भी हुए हैं. उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिल के तमकुहीराज से BJP नेता जगदीश मिश्रा ने 2017 में विधायकी का चुनाव लड़ा था. हार गए थे. लेकिन इस दौरान उन्होंने दावा किया था कि उनके पास एक चमत्कारी बाल्टी है.  तो नेताजी ने बाल्टी के इर्द-गिर्द आभा बुनी और लोग उन्हें बाल्टी बाबा बोलने लगे.
एक पायलट बाबा भी हुए हैं. असल पहचान कपिल सिंह. 2007 में इलाहाबाद के अर्धकुंभ मेले से चर्चा में आए. कहा कि मैं संन्यास लेने से पहले वायुसेना में था, इसलिए पायलट बाबा का नाम मिला. फिलहाल धोखाधड़ी के तमाम आरोपों में जेल में है.

Advertisement