लव के लिए कपल्स को कमरा दे रही इंडियन वेबसाइट. संस्कार फीलिंग अनसेफ!
दावा कि पुलिस परेशान नहीं करेगी. जब चाहे चेक इन करो और आधे दिन के पैसे दो.
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फोटो - thelallantop

तस्वीर को देखेंगे तो उसका सटायर समझ पाएंगे. कि किस तरह लोगों की पर्सनल लाइफ में मीडिया घुस जाता है. और बेचारे लोगों को समझ नहीं आता कि रिएक्ट कैसे करें. दूसरा यह कि मीडिया खबर बनाने के लिए कुत्तों के सेक्स तक को कवर कर सकता है. इस तस्वीर पर लोग ऑफेंड हो गए. क्यों?
क्योंकि होटल में कमरा दिलाने वाली एक वेबसाइट ने इसे अपने इश्तेहार में यूज किया है. होटल का कहना है कि वो कपल्स, जिन्हें आमतौर पर सिर्फ इसलिए होटलों में कमरा नहीं मिलता, कि वो शादीशुदा नहीं है, ये वेबसाइट उन्हें कमरा दिलाएगी. वो भी 10 घंटों के लिए. यानी होटल में जाएं, मिलन करें, और वापस आ जाएं. शॉर्ट एंड सिंपल.लोगों ने वेबसाइट से पूछा, कि आप कुत्तों को कमरा देते हैं, या अपने कस्टमर को कुत्ता समझते हैं?
खैर, बात वेबसाइट की. इनका क्लेम है कि आप इनकी लिस्ट वाले होटलों में कमरे केवल 10-12 घंटे के लिए ले सकते हैं. खालिस सेक्स के लिए.इनका ये भी दावा है कि ये लोकल आई कार्ड पर कमरा दिलवा सकते हैं. जो कि आमतौर पर नहीं मिलता. यानी अगर आपके वैलिड आई-कार्ड पर दिल्ली का पता है, तो आपको दिल्ली के होटल में कमरा नहीं मिलेगा. लेकिन ये वेबसाइट आपको दिलवा सकती है. इसके अलावा इनका ये भी कहना है कि ये सभी होटल 'इज्जतदार' हैं. और पुलिस-वुलिस की रेड नहीं पड़ती. आपका वीडियो भी नहीं बनाएगा कोई वेबसाइट को आपकी प्राइवेसी की भी चिंता है. इसलिए दावा किया गया है कि हम 'उस टाइप' के होटलों से टाई-अप नहीं करते, जहां छिपे हुए कैमरे निकलें.
इंडिया में जो लोग अपने बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड के साथ समय बिताना चाहते हैं. उसके साथ प्राइवेसी चाहते हैं. और उसके लिए होटल में जाएं. तो सबसे पहले रिसेप्शन पर आपसे पूछा जाएगा कि जिसके साथ आप आए हैं, उसके साथ आपका रिश्ता क्या है. जब तक लड़की के हाथ में दर्जन-दर्जन भर चूड़ियां, और सिर पर किलो भर सिंदूर न हो, उन्हें होटल में घुसने का सर्टिफिकेट नहीं मिलता. और अंदर घुसकर भी हमेशा यही डर सताता है कि क्या यहां कोई कैमरा तो नहीं छुपा हुआ? एक डर ये भी होता है कि बीच में ही पुलिस या होटल वाले न आ जाएं. जैसा मसान फिल्म में दिखाया गया था.
होटल वाले आपको कमरा न देने के लिए एक हजार वजहें गिना देंगे. जिनमें टॉप पर होंगे, आपके पास किसी दूसरे शहर का आई-डी नहीं है. या फिर, जब आपके पास लगेज नहीं है, तो आप होटल कैसे ले सकते हैं.
लेकिन ये वेबसाइट कहती है कि ये ऐसे मॉरल जजमेंट से आपको बचाते हैं. क्योंकि इनके मुताबिक़ 'प्रेमियों को कमरा चाहिए, जजमेंट नहीं'. और अगर इनसे पूछो कि क्या ये सबसे सस्ते कमरे दिलवाते हैं, तो ये जवाब क्या देते हैं, पढ़िए.

कानूनन, न ही दो गैर-शादीशुदा वयस्कों का एक ही कमरे में रुकना गुनाह है. न ही अपने ही शहर में होटल लेना. और लगेज होना चाहिए, ऐसी तो कोई शर्त होती ही नहीं. ये होटलों की मॉरल पुलिसिंग होती है, जो कपल्स को कमरा नहीं दिया जाता. या उनके बीच का रिश्ता पूछा जाता है. ये पुलिस का पैसे कमाने का तरीका होता है, जो रेड डालकर अपनी मर्ज़ी से सेक्स करते कपल्स को शर्मिंदा करते हैं. घर पर बताने की धमकी देते हैं.इस तरह की वेबसाइट्स बनना, जो सेक्स को टैबू के दायरे से बाहर निकालें, एक अच्छा कदम है. बस दिक्कत सिर्फ ये है, कि ये कमरे 2.5 से 4 हजार के बीच मिलते हैं. जिन्हें कुछ कपल्स ही अफोर्ड कर सकते हैं. जबकि छोटी नौकरियां करने वाले या स्टूडेंट एज के अधिकतर कपल्स अब भी पार्क वगैरह में बैठते हैं. जहां इन्हें पुलिस मारती है, लोग ताने मारते हैं. और हर पल इन्हें पकड़े जाने का डर सताता रहता है.
इस तरह की वेबसाइट का होटल से टाई-अप का फायदा जाने कितने लोग उठा पाएंगे, और जाने कितने नहीं. लेकिन ये तो तय है कि जब तक लोग अपनी सोच का दायरा नहीं बढ़ाएंगे, इस वेबसाइट जैसे आइडिया जन्म लेते रहेंगे.