The Lallantop
Advertisement

पॉर्न फिल्मों के वो 8 सीन जो आपको नहीं दिखाए जाते हैं

प्रवेश वर्जित नहीं है.

Advertisement
Img The Lallantop
पॉर्न फिल्मों के लैजेंड रोक्को सिफरेदी.
font-size
Small
Medium
Large
22 सितंबर 2016 (Updated: 25 जनवरी 2018, 05:58 IST)
Updated: 25 जनवरी 2018 05:58 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

हम सब इस (लाइफ) रंगमंच की कठपुतलियां हैं जिनकी डोर ऊपर वाले के हाथ है. कौन कब कहां उठेगा कोई नहीं जानता.

कुछ इसी फिलॉसफी से हम लाइफ को देखते हैं. इस रंगमंच में कोई मकान बनाने वाला कारीगर है, कोई भाजी-तरकारी बेचने वाली औरत है, कोई मंदिर में भगवान का श्रंगार करने वाला पुजारी है, कोई कॉरपोरेट कंपनी में मार्केटिंग प्रफेशनल है, कोई किसी का बॉडीगार्ड है. ऐसी कई जॉब हैं. और ऐसी ही एक जॉब है पॉर्न आर्टिस्ट होना. वे जो पॉर्न फिल्मों में काम करते हैं. जिनकी फिल्में देखकर करोड़ों को काम-सुख मिलता है.
इन एडल्ट स्टार्स को देखते हुए कइयों को लगा होगा कि ये लोग कितने लकी हैं और दुनिया का सबसे मजेदार काम तो इनका है. फिल्मों में इन्हें देखकर ईर्ष्या भी होती होगी कि सेक्स को ये जितना एंजॉय करते हैं उतना अधिक आम लोग नहीं कर पाते. इन्हें देख बहुत सारी हरसतें मन में पैदा होती हैं.
लेकिन ये सच नहीं है. पॉर्न फिल्मों में काम करना दुनिया के सबसे मुश्किल पेशों में से एक है. और ये आसान तो बिलकुल भी नहीं है. बल्कि इतना मुश्किल है कि जानने के बाद कानों से धुआं निकलने लगेगा और अपनी मौजूदा जॉब को पकड़ कर कहेंगे/कहेंगी कि I love my job. अगली बार किसी भी पॉर्न फिल्म को देखेंगे तो उसमें काम करने वाले लोगों के लिए मन में इज़्जत होगी.
तो जानते हैं एेसी ही आठ मुश्किलेंः
मुश्किल #1: पॉर्न स्टार भी हमारे जैसे ही लोग होते हैं. उनके लिए भी सेक्स एक निजी काम है. उन्हें भी झिझक होती है. कोई आपसे कहे कि दो दर्जन लोगों के सामने यौन क्रिया करनी है तो कैसा फील होगा? पॉर्न स्टार्स को भी वैसे ही महसूस होता है. और वे लगातार उस शर्म से लड़ते हैं. अगर यकीन नहीं होता तो ये जान लीजिए कि अपने-अपने पार्टनर्स के साथ जो उनका असल सेक्स होता है वो बिलकुल निजी एक्ट होता है.
मुश्किल #2: एक छोटी सी फिल्म की शूटिंग भी घंटों चलती है जिसका पूरा सेट होता है, कैमरा होते हैं, टेक्नीशियन होते हैं, मेकअप के लोग होते हैं. इस दौरान जब सिनेमैटोग्राफर कैमरा सेट करने लगे या दूसरी टेक्नीकल चीजें हो रही हों तब इंतजार करते हुए संबंधित मेल एक्टर को पूरे समय तक इरेक्टेड रहना होता है. और ऐसा कर पाना आमतौर पर संभव या आसान नहीं होता है. कई एडल्ट फिल्मों में एक्टिंग करने और उन्हें डायरेक्ट करने वाले सेमूर बट्स ने इस बारे में एक इंटरव्यू में बतायाः
एक पुरुष पॉर्न स्टार होने का सबसे कठिन हिस्सा है इरेक्शन. उन्हें निर्देशक के आदेश पर पीनस को सामान्य करना होता है और सेक्सुअल एक्ट के लिए रेडी कर लेना होता है. और इरेक्शन को भी शूटिंग के दो-तीन घंटों के दौरान बनाए रखना होता है. ये सब बहुत ही कठिन परिस्थितियों के बीच किया जाता है. जैसे कि अगर वह अपनी फीमेल को-स्टार के प्रति आकर्षित नहीं है तो भी. या फिर वो सख़्त जमीन पर, ठंडे/गर्म मौसम में एक्ट कर रहे हैं. परफॉर्म करने के लिए उन्हें बहुत फिट रहना होता है. पॉर्न में कुल मिलाकर ये सबसे कठिन काम हो जाता है.
मुश्किल #3: फीमेल स्टार्स शूटिंग से पहले खाना नहीं खातीं. जैसे कटरीना या मलाइका अरोरा खान जब भी किसी आइटम नंबर की शूटिंग करती हैं तो खाना नहीं खातीं. क्योंकि उन्हें अपना पेट सपाट दिखाना होता है. जैसे, कटरीना को काला चश्मा या शीला की जवानी में देखिए. लेकिन इन पॉर्न स्टार्स के साथ खास स्थिति ये होती है कि लगातार कई घंटों का शूट चलता है और सेक्सुअल एक्ट भी कई तरह के होते हैं और उत्तेजना के दौरान शरीर की पूरी ऊर्जा शरीर के निचले हिस्से में जाती है. उसी दबाव से यौन सुख पैदा होता है, उसी दबाव से शौच क्रिया पूरी होती है. तो दूसरी वजह से भोजन से परहेज किया जाता है. ब्लोजॉब के दौरान गले के भीतर तक पीनस जाता है जिससे आंतें सिकुड़ती हैं और आहारनली में भोजन हो तो उल्टी हो सकती है.
मुश्किल #4: एक ही फिल्म की शूटिंग के दौरान एक से ज्यादा बार इजेक्युलेशन यानी वीर्य स्खलन करना पड़ सकता है. वो भी तब जब डायरेक्टर कहे या कहानी में इसकी जरूरत हो. इसके लिए वायाग्रा या दवाओं के इस्तेमाल को प्रोत्साहित नहीं किया जाता क्योंकि इसके बाद चेहरा लाल पड़ जाता है जो कैमरा पर ठीक नहीं लगता.
मुश्किल #5: यहां तक कि जब कोई लड़का या लड़की पॉर्न फिल्म इंडस्ट्री में प्रवेश करना चाहते हैं तो उनका स्क्रीन टेस्ट होता है जो आसान नहीं होता. इसमें उन्हें 10, 50 या उससे ज्यादा मिनट तक मास्टरबेट करना होता है. वो भी बिना कोई पॉर्न फिल्म देखे. वो भी ऑडिशन लेने वाले के सामने. इसके अलावा उन्हें सीवी के तौर पर अपनी सेक्स टेप भी साथ लानी होती हैं.
मुश्किल #6: ज्यादातर फिल्मों के शूट में पॉर्न स्टार्स कॉन्डम यूज़ नहीं करते. इसे प्रोत्साहित नहीं किया जाता. इसी कारण इन पेशेवरों के एचआईवी टेस्ट पॉजिटिव आते हैं. हर साल ऐसे कुछ मामले सार्वजनिक होते हैं. अगर कम उम्र में रोग पकड़ में आ जाए तो डॉक्टरी मदद से वे तंदुरुस्त हो जाते हैं. स्थितियां उलट भी होती हैं. पॉर्न फिल्में करोड़ों डॉलर का उद्योग है और ऐसे मामले होते भी हैं जो ज्यादातर तो सामने ही नहीं आने दिए जाते क्योंकि बिजनेस पर बुरा असर पड़ता है.
मुश्किल #7: दर्शक फिल्म देखकर उत्तेजित और आनंद में होता है लेकिन असली शूट में पॉर्न एक्टर्स सुखी नहीं होते. मेल और फीमेल परफॉर्मर अगर ऐसे पोज़ में खड़े या लेटे होते हैं जहां वे बिलकुल भी कंफर्टेबल नहीं हैं तो भी उन्हें लगातार वैसे ही रहना होता है. वो इसलिए क्योंकि कैमरा पर उसी एंगल से वे खूबसूरत या उत्तेजक लग रहे हैं. एक्ट के अंत में ये भी बहुत बार होता है कि उनके अंग छिल चुके होते हैं.
मुश्किल #8: फीमेल स्टार्स को पीरियड्स हों और पेन हो रहा हो तब भी शूट करना पड़ता है. बहुत बार लगातार सात-सात दिन काम करते हैं. संडे को छुट्टी के दिन भी. इस दौरान बीमार हों या घर में कोई परेशानी हो. बच्चों या पेरेंट्स से जुड़ी चिंता हो तब भी पॉर्न स्टार्स को कैमरा पर खुश होने का नाटक करते हुए अपना काम करना पड़ता है.


ये भी पढ़ेंः

हमें इस नए तरह के पॉर्न की बेहद जरूरत है

किसी की सेक्स चैट पॉर्न साइट पर अपलोड कर क्या मिल गया?

आप पॉर्न देखते हैं? 'नहीं, मैं तो सौंदर्य को आंखों से चूसता हूं'

रेप करने के पहले वो औरत को पॉर्न क्यों दिखाते हैं?

पॉर्नहब ने वो काम किया है कि देखने वालों के आंसू आ जाएंगे

thumbnail

Advertisement

Advertisement