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राहुल रॉयः जिनकी 'आशिकी' प्रेम करनेवाले तमाम लोगों के लिए वरदान साबित हुई थी

जानिए क्यों इस हीरो का कल्ट कभी नहीं जाएगा.

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9 फ़रवरी 2021 (Updated: 8 फ़रवरी 2021, 05:28 IST)
Updated: 8 फ़रवरी 2021 05:28 IST
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नब्बे के दशक में बॉलीवुड पर तीन खानों ने राज किया. शाहरुख, सलमान, आमिर. इन सबमें कॉमन क्या है? सबकी उम्र और स्टारडम. 50 के ऊपर आ गए हैं सारे और जिंदगी भर फिल्म इंडस्ट्री के सिरमौर रहे. चलो इनमें से एक को उठा लेते हैं. सलमान खान. सलमान की ही उम्र के एक्टर हैं राहुल रॉय. अरे मुंह न बिचकाओ साहब. सन 89 में सलमान की 'मैंने प्यार किया' आई थी. उसके 6 महीने बाद 1990 में 'आशिकी' आई थी. दोनों हीरो जस्ट उठ रहे थे. दोनों का फ्यूचर क्या होगा, न वो ही जानते थे न कोई. लेकिन उसके बाद आज सलमान क्या हैं और राहुल रॉय क्या हैं, ये दुनिया के सामने है. आशिकी के गाने ऐसे हैं, जिनका चार्म कभी कम नहीं होगा. उस दौर में प्रेम में जो जोड़े रहे होंगे, उनके सामने बजा दो तो उनका दिल अंदर ही अंदर आंसुओं से भीग जाता होगा. उस नॉस्टैल्जिया को सहने की ताकत होगी तो कहेंगे "वॉल्यूम बढ़ाओ यार." अगर याददाश्त से बुरी तरह डर जाते होंगे तो कहेंगे "इसको नहीं, कोई और गाना बजा लो यार." ये कल्ट आशिकी के गानों के साथ है. https://www.youtube.com/watch?v=Mcs2xEZ6K8o नब्बे का दशक इस एक फिल्म के नाम है. जिसके हीरो राहुल रॉय थे. ये फिल्मिस्तानियों की बदकिस्मती हो या खुशकिस्मती. इस एक फिल्म की वजह से राहुल रॉय को भूलना नामुमकिन है. उस जमाने में न सबके पास टीवी होता था न वीसीआर. जिनके पास टीवी होता था और वो चित्रहार में गाना एक बार देख लेते थे, फिर उसे कैसेट में डब कराके डेक पर बजाते थे. जहां "अब तेरे बिन जी लेंगे हम" आता था उनके सामने लंबे बालों में छिपा राहुल रॉय का गुस्साया चेहरा घूम जाता था. लोग गाने के साथ उसी अंदाज में सिर झटकते थे. ये तो क्रेज़ था. r आशिकी में राहुल बने राहुल, फिर उसके बाद उनकी कोई फिल्म 'आशिकी' के मेयार को छू नहीं पाई. हिट तो क्या ही हुई, 'सपने साजन के' फिल्म के अलावा सब एवरेज ही रहीं. 'आशिकी' के बारे में एक बार बताते हुए राहुल ने कहा था "उसमें मुझे लंबे बाल रखने के लिए कहा गया था. जो मुझे बहुत अजीब लगता था." लेकिन राहुल को अजीब लगने से क्या होता है. डायरेक्टर तो गोविंदा को सुपरमैन की ड्रेस भी पहनाकर नचा देता है. सलमान को भी 'तेरे नाम' में नोकदार बाल आंखों में घुसने वाले रखने को कहता है. जो फिल्म रिलीज के बाद पब्लिक के लिए चरस बन जाते हैं. जनता एडिक्ट हो जाती है उस स्टाइल की. अगर पॉपुलरिटी की कोई ऐसी लिस्ट बने जिसमें सिंगल फिल्मों की वजह से याद रखे जाने वाले लोग शामिल हों तो उसमें राहुल रॉय पहले नंबर पर होंगे. उनका साथ निभाएंगे अरुण गोविल, रामायण के राम. राम जी को तो फिर भी काफी काम मिलता रहा. भले बाद में पूजा न हुई. लेकिन राहुल रॉय को गिनती की फिल्में मिलीं. जिनमें 'जुनून' भी शामिल है. जिसमें ये खूबसूरत नौजवान भेड़िए में तब्दील हो जाता था. big आशिकी से शुरू हुआ सफर 'टू बी ऑर नॉट टू बी' जैसी बंडल फिल्मों तक चला. 2006 में 'बिग बॉस' का पहला सीज़न टेलीकास्ट हुआ तो उसमें नजर आए. कायदे से वहीं से बिग बॉस को फुंके कारतूसों का अड्डा कहा जाने लगा. तो आज भले राहुल को फुंका हुआ कारतूस कहकर किनारे कर दो, लेकिन उनके कल्ट को इग्नोर नहीं कर पाओगे. 'आशिकी' का गाना सुनते जाओ. https://www.youtube.com/watch?v=YCuhzjK11iA
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