The Lallantop
Advertisement

क्या पीएम मोदी के मंत्री ने संसद में झूठ बोला?

15 साल से देश को मनमोहन सिंह का मुस्लिम पर झूठा बयान बताया गया?

Advertisement
Img The Lallantop
15 साल से देश को मनमोहन सिंह का मुस्लिम पर झूठा बयान बताया गया?(फोटो- ससंद टीवी स्क्रीनशॉट , इंडिया टुडे)
font-size
Small
Medium
Large
3 फ़रवरी 2022 (Updated: 3 फ़रवरी 2022, 18:47 IST)
Updated: 3 फ़रवरी 2022 18:47 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
बजट सत्र के चौथे दिन आज संसद में राष्ट्रपति के धन्यवाद ज्ञापन प्रस्ताव पर चर्चा थी. इसमें अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी के बयान पर हमारी नजर गई. मोदी सरकार के काम गिनाते हुए उन्होंने 28 बिंदु बताए. उसमें 11वें पर गौर करिए. मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा
कभी कहा जाता था कि इस देश के संसाधनों पर एक सम्प्रदाय विशेष का अधिकार है. वो अधिकार देने वाले नहीं थे लेकिन कहते ज़रूर थे.
नक़वी कह रहे हैं कि पहले कहा जाता था कि देश के संसाधनों पर पूरा अधिकार एक समुदाय का है. ये बात हम इतनी बार, इतने अलग अलग मंचों से बीजेपी के नेताओं से सुन चुके हैं. तो समझ ही जाते हैं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक कथित बयान की बात हो रही है. आज नक़वी ने डॉ मनमोहन का नाम नहीं लिया. ले भी नहीं पाते, संसद में जो मौजूद ना हों, उनका नाम लेने को लेकर कुछ नियम हैं. तो उन्होंने इशारों ही इशारों में समझा दिया. संसद में कही हर बात रिकॉर्ड पर जाती है. ये बात भी रिकॉर्ड पर गई है. लेकिन क्या नकवी ने जो कहा वो सही है. या नक़वी से पहले भी किसी ने ये कहा तो क्या वो सही है. क्या वाकई मनमोहन सिंह ने देश के संसाधनों पर पहला हक मुस्लिमों का बताया था. हमने सोचा थोड़ी सी पड़ताल कर लेते हैं. मनमोहन सिंह के जिस बयान का इस्तेमाल किया जाता है, वो 15 साल पुराना है. 9 दिसंबर 2006 का. किसी चुनावी रैली का भी नहीं है. बतौर प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह नेशनल डेवलपमेंट काउंसिल यानी राष्ट्रीय विकास परिषद को संबोधित कर रहे थे. ग्याहरवी पंचवर्षीय योजना और विकास के लक्ष्यों पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई गई थी. और आपको पता ही होगा विकास परिषद के डि फेक्टो अध्यक्ष प्रधानमंत्री हुआ करते थे. तो उस हैसियत से बैठक में डॉ मनमोहन सिंह बोल रहे थे. हमने भाषण का वीडियो खोजने की कोशिश की, नहीं मिला तो आपके लिए टेक्स्ट ले आए, जो प्रधानमंत्री दफ्तर के पास आज भी है. और भाषण का सिर्फ वो पैराग्राफ बताएंगे जिसमें वो विवादित लाइन है, ताकि आप संदर्भ समझ सकें. भाषण अंग्रेजी में है. उसका हिंदी अनुवाद इस तरह है. ''मेरा मानना ​​​​है कि हमारी सामूहिक प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं- कृषि, सिंचाई - जल संसाधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण निवेश, और सामान्य बुनियादी ढांचे के लिए आवश्यक सार्वजनिक निवेश की जरूरतें, साथ ही अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए कार्यक्रम, अल्पसंख्यक और महिलाएं और बच्चों के लिए कार्यक्रम. अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए योजनाओं को पुनर्जीवित करने की ज़रूरत है. हमें नई योजना लाकर ये सुनिश्चित करना होगा कि अल्पसंख्यकों का और खासकर मुस्लिमों का भी उत्थान हो सके, विकास का फायदा मिल सके. इन सभी का संसाधनों पर पहला हक़ है. केंद्र के पास बहुत सारी जिम्मेदारियां हैं, और ओवर-ऑल संसाधनों की उपलब्धता में सबकी ज़रूरतों का समावेश करना होगा. आपने सुना. इस भाषण में कहीं नहीं कहा गया है कि देश के संसाधनों पर पहला हक किसी एक समुदाय का हो. डॉ मनमोहन सिंह एस, एसटी, ओबीसी, महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों की बात कर रहे थे. और उसी संदर्भ में कहा कि संसाधन पर पहला हक इनका होना चाहिए, जिनमें मुस्लिम भी शामिल हैं. मगर उनके बयान को इस तरह से प्रचारित करना कि पीएम बोले, मुस्लिमों का संसाधानों पर पहला हक, ये काम अगले रोज से ही शुरू हो गया था. और तब 10 दिसंबर 2006 को यानी पीएम के एनडीसी में भाषण के एक दिन बाद ही पीएम ऑफिस की तरफ से बयान पर स्पष्टीकरण आ गया था. कि जो प्रेस में कहा जा रहा है, वो गलत है और असल बात वो है जो हमने आपको अभी बताई. ये प्रेस रिलीज आज भी प्रधान मंत्री दफ्तर के आर्काइव में है. प्रधानमंत्री दफ्तर जो अब हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रिपोर्ट करता है. और उन्हीं को हमारे मंत्री नकवी भी रिपोर्ट करते हैं. मगर सवाल ये है कि ये गलत कोट क्यों करते हैं. जबकि रिकॉर्ड मौजूद है. ये सवाल आपको जरूर पूछना चाहिए. और जानना ये भी चाहिए कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में बताया गया था कि देश में अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिमों की स्थिति पिछड़ेपन के मामले में दलितों से भी गई गुजरी है. यहां कहा जा सकता है कि बीजेपी कांग्रेस के दौर में बनी इस कमेटी से इत्तफाक नहीं रख सकती. तो फिर बीजेपी सबका साथ के नारे के लिए कोई नई कमेटी बना सकती है. मगर नए तथ्य वह भी संसद में नहीं बनाए जा सकते.

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

पॉलिटिकल मास्टरक्लास में बात झारखंड की राजनीति पर, पत्रकारों ने क्या-क्या बताया?

लल्लनटॉप चुनाव यात्रा : बेगुसराय में कन्हैया की जगह चुनाव लड़ने वाले नेता ने गिरिराज सिंह के बारे में क्या बता दिया?
राष्ट्रकवि दिनकर के गांव पहुंची लल्लनटॉप टीम, गिरिराज सिंह, PM मोदी पर क्या बोली जनता?
लल्लनटॉप चुनाव यात्रा: एक फैसले के बाद से मुंबई के मूलनिवासी, जो कभी नावों के मालिक थे, अब ऑटो चलाते हैं
मुंबई के मूल निवासी 'आगरी' और 'कोली' समुदाय के लोग अब किस हाल में हैं?
लल्लनटॉप चुनाव यात्रा : बिहार की महादलित महिलाओं ने जातिगत भेदभाव पर जो कहा, सबको सुनना चाहिए

Advertisement

Advertisement

Advertisement