मुग़ल सल्तनत के आख़िरी दिनों में भी चल रहा था साजिशों का खेल
साल 1856 में आगरा से शुरू हुई हैजे की महामारी दिल्ली तक फैल गई. इसी दौरान बहादुर शाह ज़फर के वारिस और मुग़ल गद्दी के हक़दार शहजादे की भी मौत हुई. बेगम ज़ीनत महल अपने बेटे को अगला बादशाह बनाना चाहती थी. इसलिए सवाल उठा कि शहजादे की मौत बीमारी से हुई या उसे ज़हर दिया गया था.
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