79 साल की हुईं सोनिया गांधी, जानिए कैसे सीखा था हिंदी बोलना, राजीव गांधी के राजनीति में आने के भी खिलाफ थीं
सोनिया गांधी के जन्मदिन के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं उनसे जुड़े कुछ खास किस्से. जानिए कि इटली में पली बढ़ीं और इंग्लैंड में अंग्रेजी सीखने वाली सोनिया ने हिंदी भाषा कहां से और कैसे सीखी. साथ ही जानेंगे कि आखिर सोनिया गांधी क्यों राजीव गांधी को राजनीति में नहीं आने देना चाहती थीं.
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देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहने वाली सोनिया गांधी का आज जन्मदिन है. भारतीय राजनीति की सबसे अहम शख्सियतों में से एक सोनिया गांधी का जन्म इटली के विसेन्जा के कुछ दूर एक छोटे से गांव लूसियाना में 9 दिसंबर 1946 को हुआ था. उनके पिता का नाम स्टेफिनो मायनो है. सोनिया अंग्रेजी भाषा की पढ़ाई करने के लिए इंग्लैंड के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी गई थीं. इसी दौरान उनकी उनकी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से मुलाकात हुई थी.
आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इटली में पली बढ़ीं और इंग्लैंड में अंग्रेजी सीखने वाली सोनिया ने हिंदी भाषा कहां से और कैसे सीखी. साथ ही जानेंगे कि आखिर सोनिया गांधी क्यों राजीव गांधी को राजनीति में नहीं आने देना चाहती थीं. इन सवालों के जवाब सोनिया गांधी ने खुद 2018 के इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में दिए थे.
कैसे सीखी हिंदी?इस सवाल पर कि हिंदी सीखना उनके लिए कितना चुनौती पूर्ण था, सोनिया बताती हैं कि शुरुआत में उनके लिए अंग्रेजी सीखना भी आसान नहीं रहा था. वह कहती हैं कि उन्होंने जब कैंब्रिज में अपनी पढ़ाई शुरू की थी, उस वक्त बहुत कम अंग्रेजी वह बोल पाती थीं. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी उनसे पहली बार मिली थीं तो उनसे फ्रेंच भाषा में बात की थी. फिर जब राजीव गांधी से उनकी शादी हुई और वह भारत आईं तो उनकी सास यानी इंदिरा ने उन्हें घर में हिंदी बोलने के लिए प्रोत्साहित किया.
सोनिया ने बताया कि इसके बाद उन्होंने दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित एक हिंदी संस्थान को ज्वॉइन किया था. यहां उन्होंने हिंदी भाषा से जुड़े कुछ कोर्स किए और हिंदी सीखी. हालांकि वह बताती हैं कि इसके बाद उनकी हिंदी में पकड़ कमजोर हो गई, क्योंकि वह अधिकतर समय अंग्रेजी में ही बात करती थीं. लेकिन जब वह राजनीति में आईं और उन्हें हिंदी में भाषण देने पड़े, तब कोर्स के दौरान मिली सीख ने उनकी काफी मदद की. इसके बाद धीरे-धीरे वह इसमें और अभ्यस्त होती चली गईं.
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राजीव के राजनीति में आने के खिलाफ क्यों थीं?इसके अलावा उन्होंने बातचीत के दौरान यह भी बताया कि वह शुरुआत में राजीव गांधी के राजनीति में आने के खिलाफ थीं. सोनिया इसकी वजह बताते हुए कहती हैं कि अगर आप एक ईमानदार और परवाह करने वाले इंसान हैं और राजनीति में हैं तो आपके लिए बाकी सब चीजें बाद में आएंगी. सोनिया बताती हैं कि उस वक्त उनका और राजीव का हंसी-खुशी परिवार था, दो छोटे बच्चे थे. ऐसे में वह नहीं चाहती थीं कि इस पर नरारात्मक प्रभाव पड़े. इसके बाद वह कहती हैं कि जब इंदिरा गांधी कि हत्या हुई तो वह और डर गईं. उन्हें लगा था कि अगर राजीव राजनीति में होते तो वह लोग उन्हें भी मार देते. वह कहती हैं कि आखिरकार वह सही निकलीं और बाद में राजीव को भी मार दिया गया. यह बताते हुए वह भावुक भी हुईं
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