क्या होते हैं इंटिमेसी डायरेक्टर, जो फिल्म में 'हॉट', 'न्यूड' या 'सेक्स सीन' शूट करते हैं?
भारत में पहली बार दीपिका की फिल्म 'गहराइयां' में एक Intimacy Director को क्रेडिट दिया गया है.
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'गहराइयां' के एक सीन में सिद्धांत चतुर्वेदी और दीपिका पादुकोण. दूसरी तरफ इस फिल्म का ऑफिशियल पोस्टर.
असीम ने फिल्म के क्रेडिट प्लेट का स्क्रीनग्रैब अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करते हुए लिखा-
''मैं गलत हो सकता हूं मगर मैंने पहली बार किसी भारतीय फिल्म में Intimacy Director का क्रेडिट देखा. मैं डार गै को जानता हूं, इसलिए ये जानने को उत्सुक हूं कि इस फिल्म में उनका क्या योगदान रहा.''
I could be wrong, but is it the first time I have seen a credit for an “Intimacy Director” in an Indian film (or any other film)? I know Dar Gai and am really curious about her contribution to this film. pic.twitter.com/eTCZ12hZly
— Aseem Chhabra (@chhabs) January 5, 2022
शकुन बत्रा के इस कदम की हर ओर तारीफ हो रही है. मगर मेन बात ये है कि ये इंटिमेसी डायरेक्टर होता क्या है? आइए जानते हैं.
# क्या होता है Intimacy Director?
अगर लिटरल मीनिंग पर जाएं, तो इंटिमेसी का अर्थ होता है अंतरंगता. किसी भी फिल्म या सीरीज़ में कथित 'हॉट', न्यूड या सेक्स सीन की शूटिंग बिना किसी गड़बड़ी के हो, इसकी ज़िम्मेदारी इंटिमेसी डायरेक्टर्स के कंधों पर होती है. मगर इंटिमेसी डायरेक्टर्स का काम सिर्फ इतना ही नहीं होता है. इंटिमेसी डायरेक्टर्स किसी फिल्म या प्रोजेक्ट में क्या-क्या करते हैं, ये हम क्रमवार तरीके से आपको नीचे बता रहे हैं-
* इंटिमेसी डायरेक्टर्स का मुख्य काम शूटिंग के दौरान होता है. ये देखना कि दो एक्टर्स एक-दूसरे को किस तरह से फिज़िकली टच करेंगे. उनके बीच सेक्शुअल टेंशन, न्यूड या सिमुलेटेड सेक्स सीन कैसे शूट किया जाएगा. ताकि दोनों एक्टर्स उस चीज़ को लेकर कंफर्टेबल रहें. साथ ही फिल्ममेकर को अपने विज़न के साथ भी समझौता न करना पड़े.
* अगर किसी सीन को लेकर एक्टर्स में हिचकिचाहट है, तो उनसे बात करके उनका नज़रिया समझा जा सके. उसे दूर करने के लिए ज़रूरी कदम उठाए जा सकें. या उस सीन को किसी और तरीके से शूट किया जा सके. बेसिकली एक्टर्स को पर्टिकुलर सीन्स के लिए कोच करने का काम इंटिमेसी डायरेक्टर्स का होता है.
* आम तौर पर इंटिमेसी डायरेक्टर्स को शुरुआत से ही फिल्म के साथ जोड़ लिया जाता है. ताकि वो डायरेक्टर के साथ मिलकर सीन्स को कोरियोग्राफ कर सकें. उन सीन्स में एक्टर्स के कॉस्ट्यूम पर काम कर सकें. कितना एक्सपोज़र रहेगा, उसका ख्याल रखा जा सके.
* इंटिमेसी डायरेक्टर्स को हायर किए जाने की एक वजह ये भी होती है कि किसी एक्टर के साथ कुछ गलत न हो. उन्हें कोई गलत तरीके से टच न करे या सीन शूट करते वक्त कैरीड अवे न हो.
* इंटिमेसी डायरेक्टर्स का काम सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि साइकोलॉजिकल भी होता है. क्योंकि ये शारीरिक क्रिया है. कुछ चीज़ें नहीं चाहते हुए भी हो जाती हैं. अगर कोई एक्टर किसी सीन को शूट करते वक्त उत्तेजित हो जाता है, तो उसे जज नहीं करना होता. उसकी समस्या समझनी होती है. उसके को-एक्टर के साथ बातचीत करके, उस सीन को बिना किसी दिक्कत के फिल्माया जाता है.
फिल्म 'गहराइयां' का टीज़र आप यहां देख सकते हैं-
# कहां से आया इंटिमेसी डायरेक्टर का कॉन्सेप्ट?
इंटरनेशनल थिएटर में ये चीज़ काफी लंबे समय से चली आ रही है. उसे एग्ज़ैक्ट्ली इस नाम से नहीं बुलाया जाता था. मगर एक व्यक्ति ऐसा हुआ करता था, जो इन चीज़ों का ख्याल रखता था. मेनस्ट्रीम सिनेमा में इंटिमेसी डायरेक्टर्स का कॉन्सेप्ट #MeToo मूवमेंट के बाद शुरू हुआ. हार्वी वाइंस्टीन जैसे बड़े प्रोड्यूसर के ऊपर लगे सेक्शुअल हैरसमेंट के इल्ज़ाम ने पूरे हॉलीवुड को हिला दिया था. उसके बाद से स्टूडियोज़ ने इस चीज़ का खास ख्याल रखना शुरू किया. इंटिमेसी को-ऑर्डिनेटर या कोरियोग्राफर को हायर करने वाला पहला स्टूडियो था HBO. 2018 में आई सीरीज़ The Deuce के दूसरे सीज़न के लिए HBO ने पहली बार इंटिमेसी को-ऑर्डिनेटर हायर किया. Alicia Rodis इस शो की इंटिमेसी डायरेक्टर थीं. आगे वो HBO के कई और शोज़ के साथ इसी कपैसिटी में जुड़ी रहीं. 2019 में आई Sex Education नेटफ्लिक्स की पहली सीरीज़ थी, जिसमें इंटिमेसी को-ऑर्डिनेटर को हायर किया गया था. इसके बाद से हॉलीवुड में ये रवायत शुरू हो गई.

सेट पर एक इंटीमेट सीन को कोरियोग्राफ करतीं अलिशिया रोडिज़.
इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में इसकी शुरुआत फिल्म 'गहराइयां' के साथ हो रही है. नए ज़माने के देसी फिल्ममेकर्स सेक्स को स्टिगमा की तरह नहीं देखते. इसलिए वो इंटिमेट सीन्स फिल्माने में हिचक नहीं रखते. बशर्ते वो कहानी की ज़रूरत हो. हालांकि इसी इंडस्ट्री में ऐसी भी तमाम फिल्में और सीरीज़ बन रहीं, जिसमें जानबूझकर इस तरह के सीन्स जोड़े जाते हैं. मगर हम मॉरल साइंस के प्रोफेसर नहीं हैं और ये बड़ा सब्जेक्टिव मसला है. इसलिए अगर एक्टर्स उस सीन को परफॉर्म करने में कंफर्टेबल हैं, तो इससे किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.
इंडिया में इंटिमेसी डायरेक्टर के कॉन्सेप्ट को लॉन्च करने वाले फिल्ममेकर शकुन बत्रा ने इस मसले पर बात की. नवंबर 2021 में HT Brunch के लिए हुए इंटरव्यू में शकुन ने कहा-
''इंटिमेसी डायरेक्टर की मौजूदगी सीन को परफॉर्म करने वाले एक्टर के लिए शूट का माहौल कंफर्टेबल और प्रोटेक्टिव बना देती है. एक फिल्ममेकर और स्टोरीटेलर के तौर पर हम अगर कोई नई चीज़ करने जा रहे हैं, तो ज़रूरी है कि हम इसके नियम और सीमाएं सबके लिए तय करें.''# कौन हैं डार गै और वो इंटिमेसी डायरेक्टर कैसे बनीं?
फर्स्ट थिंग्स फर्स्ट, 'गहराइयां' फिल्म में डार गै के साथ आस्था खन्ना भी इंटिमेसी डायरेक्शन टीम से जुड़ी हुई थीं. आस्था इससे पहले दो फीचर फिल्में और 'फोर मोर शॉट्स प्लीज़' जैसी चर्चित सीरीज़ से भी इंटिमेसी डायरेक्टर के तौर पर जुड़ी रह चुकी हैं. अब बात डार गै की. इनका पूरा नाम है- Daria Gaikalova (डारिया गैकलोवा). मगर वो नहीं चाहतीं कि कोई उन्हें उनके जेंडर या उनकी नेशनैलिटी के बारे में बात करे. वो चाहती हैं कि लोग सिर्फ उनके काम की बात करें, इसलिए वो अपना डार गै बताती हैं.
डार यूक्रेन की रहने वाली हैं. मगर वो पिछले 10 सालों से इंडिया में रह रही हैं. इंडियन एक्स्प्रेस को दिए इंटरव्यू में डार बताती हैं
कि वो बचपन से ही थिएटर में एक्टिंग और डायरेक्शन के साथ जुड़ी हुई थीं. अंडरग्रैजुएशन के बाद उन्होंने दुनिया के अलग-अलग देशों के आर्ट ऑर्गनाइज़ेशन में अपना रेज़्यूमे भेजा. उन्हें कई जगह से बुलाया भी आया. मगर वो इंडिया की ओर आकर्षित हुईं. उन्हें ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में एक प्ले डायरेक्ट करने के लिए बुलाया गया था. वो यहां 6 महीने रुकने वाली थीं. मगर साल कब बीता, पता ही नहीं चला. यहां उनकी मुलाकात हुई बिज़नेसमैन आनंद महिंद्रा से. आनंद ने डार को मुंबई शिफ्ट होने की सलाह दी. मुंबई जाने के बाद डार ने सुभाष घई के इंस्टिट्यूट Whistling Woods में फिल्ममेकिंग पढ़ाना शुरू कर दिया. वो अगले तीन सालों तक इस इंस्टिट्यूट से जुड़ी रहीं. उन्होंने यहां एक शॉर्ट फिल्म डायरेक्ट की और उसे अनुराग कश्यप को दिखाया. अनुराग ने कैमरा वर्क से जुड़े कुछ टिप्स दिए. और बात आई-गई हो गई.

IIM अहमदाबाद में टेड टॉक करतीं डार गै.
2017 में उन्होंने अपनी पहली फीचर फिल्म 'तीन और आधा' डायरेक्ट की. इस फिल्म में ज़ोया हुसैन और जिम सर्भ ने लीड रोल्स किए थे. इस फिल्म को अनुराग कश्यप ने प्रोड्यूस किया था. ये फिल्म दुनियाभर के 35 फिल्म फेस्टिवल्स में दिखाई गई और 12 अवॉर्ड्स जीते. आप 'तीन और आधा' को नेटफ्लिक्स पर देख सकते हैं. 2018 में उन्होंने अपनी दूसरी फिल्म 'नामदेव भाऊ' डायरेक्ट की. इस फिल्म में रियल लाइफ ड्राइवर नामदेव गुरव ने लीड कैरेक्टर प्ले किया था. इसके अलावार रित्विज के लिए 'लिगी' और 'खामोशी' जैसी म्यूज़िक वीडियोज़ भी डायरेक्ट कर चुकी हैं. अब वो 'गहराइयां' से बतौर इंटिमेसी डायरेक्टर जुड़ गई हैं.