फडणवीस सरकार के लिए सियासी चुनौती बनी दो सरपंचों की मौत, मंत्री के खिलाफ BJP विधायक
बीड जिले में दो सरपंचों की हत्या और कथित हत्या ने महाराष्ट्र की सियासत में बवाल मचा दिया है. बीती 11 जनवरी को जिले में अभिमन्यु क्षीरसागर नाम के सरपंच की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई, जिसे हत्या बताया जा रहा है. इससे पहले दिसंबर में संतोष देशमुख नाम के एक सरपंच की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी.

बीड सरपंच हत्या मामले से महाराष्ट्र की सियासत में मचा बवाल अभी थमा नहीं था कि 11 जनवरी को जिले में एक और सरपंच की मौत ने तूल पकड़ लिया है. बीड के सौंदना गांव के सरपंच अभिमन्यु क्षीरसागर की ट्रक से कुचलकर मौत हो गई. इस घटना को उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने ‘हत्या’ बताया है, जबकि पुलिस अभी घटना को हादसा ही बता रही है.
हाल के दिनों में बीड में ये दूसरी घटना है जिसमें सरपंच की मौत हुई. इससे पहले दिसंबर में संतोष देशमुख नाम के एक सरपंच की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी. इस मामले पर बीजेपी के विधायक सुरेश धास ने गठबंधन की साथी NCP के एक मंत्री धनंजय मुंडे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इससे नई सरकार के कार्यकाल की शुरुआत में ही विवाद पैदा हो गया है.
ट्रक से कुचलकर सरपंच की मौतइंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सौंदना गांव के सरपंच अभिमन्यु अपने घर लौट रहे थे. इसी दौरान उनकी टक्कर एक ट्रक से हो गई. टक्कर इतनी जोरदार थी कि अभिमन्यु की बाइक चूर हो गई और वो बुरी तरह घायल हो गए. सरपंच को पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
इस घटना ने वहां के थर्मल पावर प्लांट की राख के अवैध ट्रांसपोर्टेशन के मामले को हवा दे दी है. दिसंबर में हुई सरपंच संतोष देशमुख की हत्या में NCP के मंत्री धनंजय मुंडे को घेरने वाले बीजेपी विधायक सुरेश धास ने कहा कि अभिमन्यु की मौत के पीछे राख की तस्करी करने वाले माफिया का हाथ है. वहीं, शिवसेना के नेता विनायक राउत ने इस घटना को 'हत्या' बताया है. हालांकि पुलिस इन आरोपों से इत्तेफाक रखती नज़र नहीं आ रही. इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बीड के पुलिस अधीक्षक नवनीत कांवट ने कहा,
सरपंच संतोष देशमुख मर्डर केस“यह एक सड़क दुर्घटना है. अभी तक किसी साजिश जैसा प्रतीत नहीं होता है. आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है.”
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक 9 दिसंबर को दोपहर करीब तीन बजे संतोष देशमुख अपने चचेरे भाई शिवराज देशमुख के साथ टाटा इंडिगो कार में मसाजोग गांव जा रहे थे. रास्ते में एक काली स्कॉर्पियो गाड़ी ने उनकी कार को रोका. गाड़ी से छह लोग उतरे और संतोष को जबरन गाड़ी से खींचकर कर ले गए. इसके बाद उनका शव केज तालुका के दहितना फाटा पर बरामद हुआ. संतोष के शरीर पर गहरी चोटों के निशान मिले थे.
आरोप लगा कि संतोष देशमुख विंड मील प्रोजेक्ट का संचालन कर रही ऊर्जा कंपनी में चल रही जबरन वसूली को रोकने की कोशिश कर रहे थे, इसी वजह से उनकी हत्या की गई. उनकी मौत के बाद पुलिस ने हत्या और जबरन वसूली का केस दर्ज किया था. मामले की जांच विशेष जांच दल (SIT) को सौंप दी गई. बाद में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) की धारा 3(1) भी जोड़ी गई.
इस हत्याकांड में शामिल सात आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इसके अलावा इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक एक आरोपी वाल्मिक कराड ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. वाल्मिक कराड NCP नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री धनंजय मुंडे के ‘करीबी’ बताए जा रहे हैं.
धनजंय मुंडे के खिलाफ मोर्चा खोला है बीजेपी के विधायक सुरेश धास ने. धनंजय के इस्तीफे की मांग को लेकर धास सबसे आगे हैं. हाल ही में महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात कर धनंजय को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग करने वाली सर्वदलीय बैठक में वे एकमात्र भाजपा विधायक भी थे. धास के इस कृत्य की वजह से बीजेपी और फडणवीस सरकार दोनों के लिए असहज स्थिति पैदा हो गई है.
लेकिन इस सबके बीच NCP अध्यक्ष अजित पवार अपने साथी धनंजय मुडे के पीछे खड़े हैं. 10 जनवरी को उनका बयान आया कि मुंडे के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं, इसलिए इस्तीफा नहीं होगा. डिप्टी सीएम ने कहा,
"महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आश्वासन दिया है कि बीड के सरपंच की नृशंस हत्या में शामिल किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मैंने मुख्यमंत्री से कहा है कि सरपंच हत्या मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, चाहे वे किसी भी पार्टी से जुड़े हों."
लेकिन जब नैतिक आधार पर मुंडे के इस्तीफे की बात आई तो पवार ने कहा,
कौन हैं धनंजय मुंडे?“अपराध में किसी की भी कथित संलिप्तता के लिए सबूत होना चाहिए, लेकिन यहां (सतोष देशमुख हत्याकांड में) स्थिति ऐसी नहीं है.”
धनंजय मुंडे दिवंगत केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे के भतीजे हैं. धनंजय, मुंडे परिवार का हिस्सा तो थे लेकिन राजनीतिक विचारधारा अलग थी. सियासत के लिए उन्होंने बीजेपी की जगह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को चुना. NCP टूटने से पहले पार्टी में धनंजय मुंडे की अपनी साख थी. इसे इस बात से समझा जा सकता है कि 2014 में शरद पवार ने उन्हें विधान परिषद में नेता विपक्ष का पद दिया था.
2019 में जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी की सरकार बनी तो धनंजय को कैबिनेट मंत्री बनाया गया. 2020 में उन्हें बीड जिले का संरक्षक मंत्री भी नियुक्त किया गया. वो बीड के ही निवासी हैं. और जिस हत्याकांड में उनका नाम उछाला जा रहा है वो भी बीड का ही मामला है.
2023 में जब अजित पवार शरद पवार से अलग हुए, तो धनंजय मुंडे ने अजित पवार की राह पकड़ी. नतीजा, उन्हें एक बार फिर कैबिनेट मंत्री का पद मिला. 2024 में उन्होंने फिर अपने गृहनगर बीड की परली विधानसभा से जीत दर्ज की. फडणवीस की नई सरकार में भी मुंडे को मंत्री बनाया गया. फिलहाल उनके पास फूड, सिविल सप्लाई और कंज्यूमर प्रोटेक्शन मिनिस्ट्री है.
राजनीतिक जीवन में लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ने वाले धनंजय मुंडे के जीवन में विवादों की कमी नहीं है. 13 जनवरी, 2021 को एक महिला सिंगर ने मुंडे पर 'रेप' का आरोप लगाया था. तब धनंजय उद्धव ठाकरे सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री थे. महिला ने कहा था कि मुंडे 2006 से उनका यौन शोषण कर रहे थे.
अगले दिन 14 जनवरी को मुंडे का बयान आया. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि उन पर रेप का आरोप ‘बेबुनियाद’ है, हालांकि आरोप लगाने वाली महिला की बहन से उनका एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर है और उनके दो बच्चे भी हैं. मुंडे ने एक बयान में कहा कि वह 2003 से अपनी शादी से बाहर रिश्ते में हैं. उन्होंने कहा,
"मेरे परिवार, पत्नी और दोस्तों को इस बारे में पता था. उनके साथ मेरे दो बच्चे हैं, जिनके सभी दस्तावेजों में मैंने अपना नाम माता-पिता के तौर पर दिया है. वे दोनों मेरे परिवार का हिस्सा हैं."
रिपोर्ट्स के मुताबिक रेप का आरोप लगाने वाली महिला ने बाद में शिकायत वापस ले ली थी.
हाल ही में दिवंगत केंद्रीय मंत्री प्रमोद महाजन की भाभी सारंगी महाजन ने धनंजय पर बीड जिले में साढ़े तीन करोड़ रुपये से ज्यादा की कीमत की डेढ़ एकड़ जमीन ‘हड़पने’ का आरोप लगाया. TV9 की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने ये भी दावा किया कि इस जमीन की कीमत 3.5 करोड़ रुपये से ज्यादा थी, लेकिन दबाव डालकर इसे महज 21 लाख रुपये में खरीदा गया.
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