"चलो मिलकर नया फाइटर जेट बनाते हैं", पुतिन के आने से पहले रूस ने बड़ा चक्का घुमा दिया
Putin Visit Special: पुतिन की भारत यात्रा से ठीक पहले रूस ने पाxचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट के जॉइंट डेवलपमेंट का प्रस्ताव देकर माहौल गर्म कर दिया है. सु-30MKI अपग्रेड से लेकर सु-57E ऑफर तक पूरा पैकेज तैयार है. अब नजर इस बात पर होगी कि दिल्ली में होने वाली बातचीत में कितना फैसला आगे बढ़ता है.

रूस और भारत की दोस्ती में जब भी रक्षा का chapter खुलता है, कहानी हमेशा दिलचस्प हो जाती है. अब नई दिल्ली में एक इंटरव्यू ने दोनों देशों के रिश्ते में फिर से हलचल ला दी है. रूस की सैन्य-तकनीकी एजेंसी FSMTC के डायरेक्टर दिमित्री शुगायेव ने साफ कहा कि वो भारत के साथ रक्षा-उद्योग में नए सिरे से गाड़ी बढ़ाना चाहते हैं. और इस बार मेन रोल में है पाँचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान.
पुराना सपना, नई कोशिशपहले FGFA प्रोजेक्ट था. SU-57 प्लेटफॉर्म पर प्लान हुआ. फिर फाइलों में ही दम तोड़ दिया. लेकिन रूस अब फिर से उसी तर्ज पर एक नया जॉइंट प्रोजेक्ट आगे बढ़ाने का इशारा कर रहा है. इंडियन डिफेंस रिसर्च विंग की रिपोर्ट के मुताबिक शुगायेव का कहना है कि आने वाले दस साल में फाइटर एविएशन भारत-रूस रक्षा सहयोग का बड़ा पिलर रहेगा.
उनके मुताबिक तीन चीजें सबसे अहम होंगी-
1. भारत में सु-30MKI का लाइसेंस्ड प्रोडक्शन बढ़ाना
2. मौजूदा बेड़े का अपग्रेड
3. और एक बिल्कुल नया इंडो-रशियन फिफ्थ-जनरेशन फाइटर प्रोग्राम शुरू करना
यानी बात सिर्फ हथियार बेचने की नहीं, मिलकर बनाने की है.

रूस के एजेंडे में इससे आगे की चीजें भी हैं. जिनमें से कुछ इस लिस्ट में शामिल हैं-
- आधुनिक एयर-डिफेंस सिस्टम.
- ड्रोन और UAV टेक्नोलॉजी.
- अगली पीढ़ी के हवा-से-हवा मिसाइल.
- ग्राउंड सिस्टम का अपग्रेड.
- भविष्य के टैंक और कॉम्बैट व्हीकल.
- और नौसेना के लिए शिपबिल्डिंग और सर्विसिंग.
मतलब 2030 तक का पूरा पैकेज तैयार है. रूस की मंशा बिल्कुल साफ है कि भारत के साथ उसकी डिफेंस केमिस्ट्री बनी रहनी चाहिए.
इस बीच SU-57 की भी एंट्रीभारतीय मीडिया में बीते महीनों से SU-57 और उसके एक्सपोर्ट वर्जन SU-57E की चर्चा खूब गर्म है. फरवरी 2025 में जब SU-57E एयरो इंडिया में उड़ान भरते हुए दिखा, तो रूस ने साफ संकेत दे दिया कि वो इस जेट को भारत को पेश करना चाहता है.

IAF इसकी संभावित खरीद और शायद लोकल प्रोडक्शन पर भी इंटरनल लेवल पर सोच-विचार कर रहा है. लेकिन अभी तक कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट नहीं.
रूस SU-57 को ऐसे प्लेन के रूप में पेश करता है जिसने असली जंग में वेस्टर्न एयर-डिफेंस को चकमा देकर ऑपरेशन किए हैं. इसमें स्टेल्थ डिजाइन, एडवांस अवियोनिक्स, सुपरसोनिक क्रूज और प्रिसिजन हथियारों के साथ कम्पैटिबिलिटी जैसी खूबियां शामिल हैं.
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भारत भी अपने AMCA में तेज़ी ला रहा हैभारत का AMCA प्रोग्राम पहले से ही ट्रैक पर है. इस दशक के आखिर तक पहली उड़ान की उम्मीद है. ऐसे में रूस के साथ एक और फिफ्थ-जनरेशन जेट पर काम करना है या नहीं, ये फैसला बहुत सोच-समझकर लेना होगा. क्योंकि बात सिर्फ तकनीक की नहीं, स्वदेशीकरण और पैसे की भी है.
रूस का संदेश- भारत का मुश्किल समीकरणशुगायेव के इंटरव्यू का सीधा मतलब है कि रूस भारत को फिर से टॉप लेवल स्ट्रेटेजिक पार्टनर के तौर पर जोड़कर रखना चाहता है. भले ही भारत अब खरीद के रास्ते में डायवर्सिटी ला रहा है और मेक-इन-इंडिया पर जोर बढ़ा रहा है.
नया जॉइंट फाइटर प्रोजेक्ट अब दो सरकारों के फैसले, दोनों देशों की इंडस्ट्री की तैयारी और IAF की असल जरूरतों पर टिका है. मगर इतना तय है कि मुद्दा फिर से मेज़ पर आ चुका है और अगली मीटिंगों में इस पर जमकर बात होने वाली है.
वीडियो: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे का पूरा प्लान, विमान, टैरिफ और किन मुद्दों पर बात हो सकती है?


