The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Lallankhas
  • Richard Nixon called Indian prime minister Indira Gandhi a bitch in 1971

वो बदनाम अमेरिकी राष्ट्रपति, जिसने भारतीय प्रधानमंत्री को गाली दी थी

आज ही वो तारीख है, जब 1971 की लड़ाई शुरू हुई थी.

Advertisement
Img The Lallantop
फोटो - thelallantop
pic
लल्लनटॉप
9 जनवरी 2018 (Updated: 9 जनवरी 2018, 05:53 AM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
अमेरिका के 37वें राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के खाते में वैसे तो 'अपोलो मून मिशन' की सफलता और वियतनाम में कैद अमरीकी सैनिकों को वापस लाना भी है. मगर निक्सन को इतिहास निगेटिव कारणों से ज़्यादा याद करता है. रूढ़िवादी और ज़िद्दी कहे जाने वाले निक्सन को वॉटरगेट स्कैंडल के चलते इस्तीफा देना पड़ा था. 1971 में जब तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (अब बांगलादेश) में लोगों का कत्लेआम हो रहा था. निक्सन बेशर्मी की हद तक पश्चिमी पाकिस्तान का पक्ष लेते रहे. कहा जाता है निक्सन एक ‘महिला’ लीडर की तुलना में एक फौजी जनरल को ज़्यादा ताकतवर और दोस्ती के काबिल समझते थे. प्रोफेसर गैरी बास  ने अपनी किताब द ब्लड टेलीग्राम में लिखा है.

उस समय ढाका में अमरीकी काउंसलर रहे ‘आर्चर ब्लड’ ने राष्ट्रपति निक्सन को ढाका में मचे कत्ल-ए-आम के बारे में कई टेलीग्राम भेजे. यूएस काउंसलेट ने अमेरिका को ढाका यूनिवर्सिटी में हुए कत्ल-ए-आम की डीटेल में जानकारी दी. खंडहर बन चुके कैम्पस में प्रोफेसर्स को पकड़कर घरों से बाहर लाया गया और गोली मार दी गई.

एक अमरीकन जिसने कैम्पस का दौरा किया, उसने लिखा - स्टूडेंट्स को कमरों में ‘मूव डाउन’ करवा दिया गया. आग से जलते रेज़ीडेंस हॉल में मशीनगन से इन सभी पर फायर करवा दिया गया. हिंदू डॉरमेट्री से एक इंग्लिश स्कॉलर को खींच कर बाहर लाया गया और गर्दन में गोली मार दी गई. 6 और फैक्ल्टी मेंबर्स के साथ भी इसके बाद यही हुआ. शायद इसके बाद भी कुछ और लोग मारे गए हों.

वॉशिंग्टन में जब राष्ट्रपति निक्सन और उनके NSA हेनरी किसिंजर को इसकी खबर मिली तो उस समय उनकी भारत और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के प्रति घृणा चरम पर थी. करोड़ों शरणार्थियों के भारत आने की बात जानते हुए भी उन्होंने हिंदुस्तान को कोई मदद देने से इनकार कर दिया. ये भारत और अमेरिका दोनों के लिए मानवता का एक बड़ा टेस्ट था.

प्रोफेसर बास आगे लिखते हैं,

हालांकि कई बार अमेरिका ने युद्ध के समय निर्दोषों की उपेक्षा की है, मगर इस बार ये कदम इतिहास के पिछले सभी अध्यायों से अलग था जब अमेरिका सीधे-सीधे कातिलों के साथ खड़ा हो गया.

इसी बीच पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना के 11 ठिकानों पर हमला कर दिया. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसके बाद युद्ध की घोषणा कर दी. इस घटना की जानकारी मिलने के बाद हुई निक्सन और किसिंजर की ऑन रिकॉर्ड बातचीत में वो शब्द आ गए जिसने इन दोनों अमेरिकी राजनेताओं के ऊपर बड़े धब्बे लगा दिया. अमेरिकी स्टेट ने साल 2005 में ये बातचीत पब्लिक कर दी थी. निक्सन: तो पश्चिमी पाकिस्तान वहां समस्या खड़ी कर रहा है.किसिंजर: अगर वो (पाकिस्तान) बिना लड़े ही अपना आधा देश खो दें, तो वे बर्बाद हो जाएंगे. हालांकि इस तरीके से भी वो बर्बाद हो सकते हैं. फिर भी कहा जाएगा कि वे लड़े तो.निक्सन: पाकिस्तान की बात तुम्हारे दिल को परेशान कर रही है. हमने उस बिच (इंदिरा गांधी) को वॉर्न किया था उसके बाद भी उनके (पाकिस्तान के) साथ ऐसा हो रहा है....10 दिसम्बर 1971निक्सन: हमारी कोशिश है पश्चिमी पाकिस्तान को बचाना. और कुछ नहीं.किसिंजर: हां ये सही है, यही सबसे सही है....निक्सन: हमें कुछ करना चाहिए. एक डिवीज़न को रवाना करो. कुछ ट्रक चलवाओ. जहाज़ उड़वाओ. कुछ दिखावे वाले एक्शन करो. मगर, हम कुछ करेंगे नहीं हेनरी, ये तुम जानते हो.किसिंजर: हांनिक्सन: ये भारतीय तो कायर होते हैं न?किसिंजर: सच है. बस रशियन सपोर्ट के साथ. दुनिया के दादा बने बैठे देश के दो सबसे बड़े नेता एक देश को कायर और इसके महिला प्रधानमंत्री को ‘बिच’ कह रहे थे. इससे पहले भी मई 1971 में सभी इंडियन्स को बास्टर्ड कह चुके थे. इसके बाद क्या हुआ, किसी को बताने की ज़रूरत नहीं. सैम मानेक शॉ की अगुवाई में हुए युद्ध को समकालीन इतिहास के सबसे वेल प्लान्ड ऑपरेशन्स में से एक माना जाता है. जिसमें 1 लाख पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया. और निक्सन, वो आज इतिहास में एकमात्र ऐसे अमरीकी राष्ट्रपति के तौर पर जाने जाते हैं, जिसे अपने कार्यकाल के बीच में ही इस्तीफा देना पड़ा. ये स्टोरी अन‍िमेष ने की है.

Advertisement

Advertisement

()