खो गया बब्बू मान!
पिछले 3 साल से कहीं गायब है पंजाब का सुपर स्टार बब्बू मान!

बब्बू मान. उम्र 42 साल. पिंड (गांव) खंट मानपुर, जिला फतेहगढ़ साहिब, पंजाब. दिखने में करीब 6 फुट. रंग - उनकी ज़ुबान में कहें, तो पकी हुई कनक के जैसा. पेशा… अममम... पहले गायक था, अब पता नहीं! पता इसलिए नहीं है कि बब्बू से मिले अब कई साल हो गए हैं. अखिरी बार उनसे साल 2013 में मुलाकात हुई थी. उसके बाद से ही वो गायब हैं. लगातार गायब. तब उनका गाना आया था 'जिप्सी काली'.
उसके बाद से वो लगातार कोशिश कर रहे हैं कि किसी तरह अपनी ऑडियंस तक और अपने फैन्स तक पहुंचा जा सके, लेकिन शायद रास्ता भटक गए हैं. घर वापसी की आस तो है लेकिन थोड़ी मुश्किल लग रही है. खैर बब्बू ने तो अपनी इमेज ही दुनिया जहान से लड़ने वाली बनाई है. इसलिए पंजाबी होने के नाते मैं भी चाहता हूं कि बब्बू जल्द से जल्द मिल जाए.
पहले मैं आपको मिलवा तो दूं बब्बू मान से. ये पंजाब का वो कल्ट सिंगर था ('है' लिखने से पहले सोचना पड़ रहा है, इसलिए 'था' ही ठीक है) जो पॉप सॉन्ग गाता तो लोग झूम उठते और सैड सॉन्ग गाता तो लगता मेरा सारा दर्द यही आदमी बयां कर रहा है. वैसे तो इनको इंट्रोडक्शन की ज़रूरत नहीं, क्योंकि ये वो शख्स है जिसे पंजाब में हर चौथी गाड़ी के पिछले शीशे पर देखा जा सकता है. चौथी गाड़ी इसलिए कि पहली तीन पर भगत सिंह, भिंडरावाला और गुरदास मान रहते हैं.
बब्बू मान के बाद पांचवां कोई नहीं है. ये बड़ी बात है. वही आखिरी हैं. और गाड़ी पे लगे इनके स्टिकर्स को हल्के में मत लीजिए. ये सिर्फ साजो-सजावट नहीं बल्कि जान होते हैं फैन्स की. मैं ऐसे लोगों को भी जानता हूं जो रोज़ाना चाहे गाड़ी की सफाई ना करते हों पर 8*10 के इस पोस्टर पर धूल तक नहीं बैठने देते. मोटा-माटी आप ये समझिए कि ये पंजाबी इंडस्ट्री का सलमान खान है. अव्वल दर्ज की फॉलोविंग. गज़ब रसूख. और फैंस से वैसा ही कनेक्शन कि अपने रूम-मेट के आगे बब्बू को क्रिटिसाइज़ कर दो, तो वो राशन-पानी अलग करने की बात कर देता है. आप सुनिए बब्बू मान को. हिंदी नहीं, पंजाबी गाना सुनाऊंगा. ताकि आप उस पंजाबी बब्बू मान से वाकिफ हो सकें, जो कभी पंजाब की नस पकड़ना जानता था और अब इतने सालों से लापता है.
रेफरेंस मिल गया हो तो ठीक वर्ना ये भी सुनलो. 'ओ अच्छा ये वाला सिंगर' वाली फील आ जाएगी.
खो गया है बब्बू मान. हां मैं सच कह रहा हूं. आप बताइए, आपको उनका आखिरी गाना कौन सा याद है? क्या बब्बू मान का नाम सुनके आपको उनका कोई रिसेंट गाना याद आया? याद आया भी होगा तो दिन में कितनी बार उसे गुनगुनाते हो? कितनी बार अपनी गाड़ी में वैसे ही फुल बेस के साथ बजाते हो जैसे 'मितरां दी छतरी तो उड गई' बजाते थे? अब कितनी दफा आपने 'महफिल मितरां दी' के इस गायक को महफिलें सजाते देखा? जो दिखता है, वो है सिर्फ वीडियोज़. यू-ट्यूब पर अपलोडेड रीसेंट वीडियोज़. जिसमें सिर्फ भाषा/बोल पंजाबी होते हैं बाकि कुछ पंजाबी नहीं. आप पहले ये गाना सुनिए और फर्क देखिए ऊपर दिखाए गए गानों और इस गाने में.
आप कनफ्यूज हो जाएंगे. काफी फर्क आ गया है. गिनना शुरू करता हूं तो मैं भी कनफ्यूज़ हो जाता हूं. क्योंकि फर्क तो उनमें देखा जा सकता है जिसमें कुछ एक सिमिलैरिटी बची हो. काफी ढूंढने पर भी एक ही सिमिलैरिटी मिलेगी कि सिंगर बब्बू मान है. मैं इससे भी हामी नहीं भरता, क्योंकि जिस बब्बू मान को हमने जाना था, जो हमारे बचपन का हिस्सा था. वो बिल्कुल ऐसा नहीं था. वो स्टैंडर्ड वाले काम करता था. ना तो उसके लिरिक्स हल्के-फुल्के होते थे, ना गायिकी और ना ही ऐसे स्टेप्स.
ये वही शख्स है जिसके 'चकलो' बोलने पर डीजे झूम उठते थे. लोगों के हाथ दोनाली में बदल जाते थे और हर तरफ फायरिंग. 'चुक के फड़ादे जरा जिप्सी तो नागणी, ओ पहली गोली वेलिया दी हिक विच दागणी', बब्बू ऐसे गाने गाता तो उनका हर एक बोल लोगों के दिलों में गोली की ही तरह ठा करके बजता. लेकिन अब देखिए अमरीका-कनेडा के बीच फंसे इस कल्ट सिंगर को पंजाब नहीं मिल पा रहा है. वो भटक गया है.
क्या हो गया है बब्बू को?बीमारी. ओवर-कॉंफिडेंस की. अब आप कहेंगे कि वो तो पहले से ही ऐसे रहे हैं. मैं कहूंगा कि नहीं, पहले सिर्फ कॉंफिडेंट होते थे, इतने कि हर किसी को जुत्ती की नोक पर रखते थे. रिजिडिटी, या कहें कि अक्खड़पना उनकी पर्सनैलिटी का हिस्सा था. एंग्री यंग की फील देता था हमेशा. मीडिया को आड़े हाथों लेता था. ना किसी का डर, ना खौफ.
लेकिन अब ऐसा कुछ भी नहीं झलकता है. झलकता है तो बस हल्कापन. और ओवर-कॉन्फिडेंस कि वो जो भी कर रहे हैं वो सुपर हिट ही होगा. सलमान की फिल्मों जैसा हाल हो गया है इनके गानों का. गाना जो भी गा दें, व्यूज़ तो आ ही जाने हैं लाखों में. पर बब्बू तुम ही ने तो अपने इस वाहियात से गाने में कहा था कि 'सेल्फ-कॉन्फिडेंस ते सेल्फी मरवा जांदी'. मुझे लगता है सेल्फ कॉन्फिडेंस तो आपके लिए बढ़िया था, बस ओवर कॉन्फिडेंस मरवा गया.
बब्बू मान की गायिकी सिम्पल होती थी. जिस से आप और मैं बहुत ईज़िली कनेक्ट किया करते थे. टिपिकल पंजाब की फील आती था. 'सौन दी झड़ी', 'राती मिलण ना आई ओए' जैसे गाने गाने वाला अब गा रहा है तो क्या? 'सेल्फी', 'गार्जियस'. ओ कम-ऑन बब्बू. कहां फंस गए हो तुम? या किसी के फेर में आ गए हो? अच्छे भले पंजाब की महक लिए गाने गाते थे. ज़ोरदार खड़ी आवाज़ में गाने आते थे तो घर में रखे कैसिट वाले डेक में भी जान पड़ जाती थी. और अब ऑडियो इफेक्ट के साथ आई आवाज़ सुनकर हंसी आती है. तुम्हें क्या ज़रूरत थी? ऐसी गायिकी की और बोल की भी. अंग्रेज़ी में ट्रांसफॉर्म होने के चक्कर में अपनी पंजाबी दांव पर मत लगाओ.
बब्बू के बर्डे पर एक आर्टिकल लिखा था. कोशिश की थी कि हिंदी भाषी लोगों को उस पंजाबी सिंगर से मिलवाया जाए जिसके दिल में पंजाब बसता और जिसकी चाल में, बोल में, एटिट्यूड में पंजाबियत. आर्टिकल को अच्छा रिस्पांस मिला. कारण बब्बू की फैन फॉलोविंग थी, मेरी लेखनी नहीं. एक कमी जो उस आर्टिकल में रह गई थी, वो है ये:
आर्टिकल पढ़ने के बाद कई लोगों के फीडबैक आए. एक ये भी था कि उस आर्टिकल में 'रब ना करे' गाना नहीं था. और ये बात मुझे एक यूपी से आने वाले मेरे दोस्त ने कही. ये बब्बू की अचीवमेंट है. यूपी से आया एक लड़का बब्बू के उस गाने की बात कर रहा है जिसमें पंजाब सी महक है. और हां 'इट्स योर ब्वाय बादशाह' और 'यो यो हनी सिंह' इस गाने में कहीं नहीं था. ये उपलब्धि है. पंजाब की, बब्बू मान की और हर उस सिंगिंग लवर की, जिनके लिए पंजाबी गाने सिर्फ हनी सिंह और बादशाह तक सिमट कर नहीं रह गए. आपको बब्बू मान की फॉलोविंग देखनी है तो ये वीडियो देखो. कैसे लोग चुम्बक की तरह उनकी तरफ खिंचते चले आ रहे हैं.
इसलिए बब्बू तुम्हारी वापसी बहुत ज़रूरी है. जहां भी हो, वापस आ जाओ. सब तुम्हारा बहुत इंतज़ार कर रहे हैं. किसी को मिल जाएं तो बता देना. सबसे पहले मैं ही इंटरव्यू करूंगा. जानकारी देने के लिए thelallantoprs@gmail.com पर मेल करें.
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