The Lallantop
Advertisement

'तुमसे मैंने इतना सारा सीखा है, इंसानो!'

आज गैब्रियल गार्सिया मार्केज़ यानी गाबो का जन्मदिन है. पढ़िए उनकी कही कुछ यादगार बातें...

Advertisement
Img The Lallantop
font-size
Small
Medium
Large
6 मार्च 2021 (Updated: 5 मार्च 2021, 04:49 IST)
Updated: 5 मार्च 2021 04:49 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
आज गैब्रियल गार्सिया मार्केज़ यानी गाबो का जन्मदिन है. उनकी कुछ बातों का बहुत सुंदर अनुवाद करके अशोक पांडे ने अपने मशहूर ब्लॉग ‘कबाड़खाना’ पर लगाया था. विश्व के महानतम लेखकों में शुमार मार्केज़ को याद करते हुए यहां हम ये सदा काम आने वाली बातें ‘कबाड़खाना’ से साभार प्रस्तुत कर रहे हैं...
अगर एक पल को ईश्वर यह भूल जाए कि मैं चीथड़ों से बना एक गुड्डा नहीं हूं और मुझे जीवन की एक कतरन अता फरमाए तो मैं शायद वह सब नहीं कहूंगा जो मैं सोचता हूं. मैं उस सब की बाबत सोचूंगा जो मुझे कहना होगा. मैं चीजों को उनकी कीमत से नहीं बल्कि इस बात से आंकूंगा कि उनका अर्थ क्या है. मैं कम सोऊंगा और यह सोचता हुआ सपने ज्यादा देखूंगा कि आंखें बंद करते ही हम एक मिनट में रोशनी के साठ सेकेंड गंवा देते हैं. जब दूसरे लोग मटरगश्ती कर रहे होंगे मैं चलूंगा और जब वे सो रहे होंगे जगूंगा. जब दूसरे बोल रहे होंगे तो मैं सुनूंगा और एक बढ़िया चॉकलेट आइसक्रीम का मजा लेने के बारे में सोचूंगा. अगर ईश्वर मुझे जीवन की एक कतरन अता फरमाएगा तो मैं साधारण पोशाक पहनूंगा, मैं अपनी देह ही नहीं अपनी आत्मा को भी उघाड़ते हुए सबसे पहले अपने को सूरज के सामने उछाल दूंगा. मेरे ख़ुदा! अगर मेरे पास एक दिल होता तो मैं अपनी नफ़रत को बर्फ़ पर लिखता और सूरज के बाहर आने का इंतज़ार करता. वान गॉग के सपने के साथ मैं बेनेदित्ती की कविता को सितारों में उकेर देता और सेरात एक कविता मेरे वास्ते एक प्रेमगीत होती जिसे मैं चंद्रमा को पेश करता.
अपने आंसुओं से मैं गुलाबों को सींचता ताकि उनके कांटों के दर्द और उनकी पंखुड़ियों में पुनर्जन्म लिए चुंबनों को महसूस कर पाऊं. मेरे ख़ुदा अगर मेरे पास जीवन की एक कतरन होती तो मैं एक भी ऐसा दिन न बीतने देता जब मैं उन लोगों से, जिन्हें मैं प्यार करता हूं कहता कि मैं उन्हें प्यार करता हूं.
मैं हरेक औरत और हरेक आदमी को यकीन दिलाता कि वे मेरे सबसे प्यारे हैं और यह कि मैं प्यार से प्यार करता हुआ जिए चला जाऊंगा. मैं उन इंसानों पर यह साबित करूंगा कि यह सोचने में वे कितने गलत हैं कि एक बार बूढ़ा हो जाने पर वे प्यार नहीं कर सकते, वे नहीं जानते कि प्यार करना बंद करने पर ही वे बूढ़े होते हैं.
एक बच्चे को मैं पंख दूंगा, लेकिन उसे खुद उड़ना सीखने दूंगा. मैं बूढ़ों को सिखाऊंगा कि मृत्यु बड़ी उम्र के कारण नहीं बल्कि भूल जाने की वजह से आती है. तुमसे मैंने इतना सारा सीखा है, इंसानो!
मैंने सीखा है कि हर कोई पहाड़ की चोटी पर रहना चाहता है बिना यह जाने कि सच्ची खुशी इस बात में है कि उस पर चढ़ा कैसे गया है. मैंने सीखा है कि जब एक शिशु सबसे पहले अपने पिता की उंगली को अपनी नन्ही हथेली में जकड़ता है, वह हमेशा के लिए उसे अपने साथ जकड़ लेता है. मैंने सीखा है कि आदमी को दूसरे आदमी को नीची निगाह से देखने का अधिकार तभी है जब वह उसे उसके पैरों पर खड़ा करने में मदद कर रहा हो. मैंने तुमसे कितनी ही बातें सीखी हैं, इंसानो! लेकिन सच यह है कि उनका ज्यादातर किसी काम का नहीं होता क्योंकि जब वे मुझे उस सूटकेस के भीतर रख रहे होंगे, बदकिस्मती से मैं मर रहा होऊंगा.
 वीडियो- एक कविता रोज़: जैसे पुरानी मोहब्बतों में चिठ्ठियां फेंका करते थे लोग

thumbnail

Advertisement