गोहत्या करने पर मनु के बेटे को मिली कड़ी सजा
मनु धरती पर मानवता के पापा हैं. उनसे ही सब मनुष्य पैदा हुए. लेकिन उनके बेटे से कैसे हो गई गोहत्या?
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फोटो - thelallantop
वैवस्वत मनु को भगवान की तपस्या करके 11 बेटे और मिले थे. उन्हीं में से एक था पृषध्र. गुरु वसिष्ठ ने उसे गइया-भैंसिया को चारा-वारा डालने के लिए रख लिया था. तो पृषध्र बड़ी चौकसी से गायों की देखभाल करता और ध्यान रखता कि कोई उन्हें नुकसान न पहुंचाए.
एक बार रात को बहुत्तेज बारिश हो रही थी. बिजली कड़क रही थी. गइयां सब बेचारी दुबक के बैठी थीं. इत्ते में उनके झुंड में एक बाघ घुस आया. खलबली मच गई. गइया सब इधर-उधर भागने लगीं. तब पृषध्र तेजी से तलवार लेकर उठा और खचाक की आवाज़ आई. खून से ज़मीन लाल हो गयी. रात के घुप्प अंधेरे में पृषध्र को लगा कि उसने बाघ को मार डाला है. पर असल में बाघ का बस कान कटा था और वो दुम दबा के भग लिया था. पृषध्र के हाथों एक गाय का खून हो गया था.
गाय को तो वे माता मानते थे. उन्होंने जानबूझकर गाय को नहीं मारा था. फिर भी वसिष्ठ ने उनको शाप दिया कि जाओ क्षत्रिय से शूद्र बन जाओ. शाप को एक्सेप्ट करके वो संन्यासी टाइप लाइफ जीने जंगल की ओर चला गया. वहां जलती हुई आग में उसने खुद को झोंक दिया.
(स्रोत- श्रीमद्भागवत पुराण)