The Lallantop
Advertisement

इंद्र ने भ्रूण के किए 7 टुकड़े, पर पैदा हो गए 49 बेटे

जब कश्यपजी और दिति के बच्चे की भ्रूण हत्या करने चले थे इंद्र. लेकिन भगवान ने बचा लिया इस पाप से.

Advertisement
Img The Lallantop
img - thelallantop
pic
कुलदीप
9 दिसंबर 2015 (Updated: 9 दिसंबर 2015, 07:09 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
कश्यपजी जी की वाइफ दिति के दो बच्चे थे. हिरण्यकश्यप और हिरण्याक्ष. दोनों थे राक्षस. भगवान विष्णु दोनों को निपटा चुके थे और यह बात सर्वमान्य हो चुकी थी कि वे इंद्र और देवताओं की साइड हैं. दिति ने सोचा कि एक ऐसा भौकाली लड़का पैदा किया जाए जो कि इंद्र की बैंड बजा दे. इसलिए उन्होंने अपने हस्बेंड कश्यप जी की सेवा शुरू की. जब कश्यप जी ने खुश हो कर कहा कि कुछ मांगो, तो उन्होंने मांगा लड़का. पर कश्यप जी भी विल्किंसन के ब्लेड की तरह तेज थे. बोले ठीक, अगर तुम प्रेग्नेंसी के समय ये सब चीज़ें फॉलो करो, तो तुमको एक सुंदर देवता जैसा लड़का होगा. और पकड़ा दी एक लिस्ट बहुत से कठिन कामों की. दिति थी जबर जिद्दी. पूरा व्रत अच्छे से निभाया. एक दिन बेचारी थक कर बिना पैर धोए सो गई. बस इंद्र मौका देखकर दिति की बच्चेदानी में पल रहे बच्चे को मारने घुस गए. उन्होंने गर्भ में ही बच्चे के सात टुकड़े कर दिए. पर भगवान ये कैसे देख सकते थे कि जिस औरत ने इतना कठिन व्रत किया हो उसका बच्चा मार डाला जाए. उन्होंने चलाया अपना जादू, और वो सभी टुकड़े सात नए बच्चे बन गए. कंफ्यूज हो कर इंद्र ने उन सातों के भी सात-सात टुकड़े कर दिए. इस तरह दिति के पेट में हो गए 49 बच्चे. जब दिति सो कर उठी तो देखा 49 लड़के इंद्र के साथ खड़े हैं. दिति बोली, अमां हमने मांगा था एक ठौ, ये पूरी फौज कैसे खड़ी हो गई? तब इंद्र को हुआ गिल्ट और उन्होंने दिति को सॉरी कहा. दिति के 49 बेटे मरुद्गण कहलाए. (श्रीमद्भगवत महापुराण)

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement