ब्रह्मा ने चंद्रमा को ज्यादा पावर दे दी. चंद्रमा के बढ़ गए भाव. वो बृहस्पति की पत्नी तारा को किडनैप कर लाए. बृहस्पति ने पहले तो प्यार से समझाया. जब चंद्रमा नहीं माने तब बृहस्पति ने छेड़ दिया युद्ध. स्वर्ग में टीमें बन गईं. शुक्राचार्य गए चंद्रमा की टीम में. शंकर जी और इंद्र गए बृहस्पति की टीम में.
मार चली धुआंधार. ऋषि अंगिरा परेशान हो गए. गए ब्रह्मा जी के पास. बोले प्रभु मार रोक दीजिये. ब्रह्मा जी ने लड़ाई रोकी और जमकर चंद्रमा की क्लास ली. चंद्रमा ने तारा को बृहस्पति के हवाले कर दिया. पर तारा हो गई थी प्रेग्नेंट. बृहस्पति का खून खौल उठा. उन्होंने तारा और उसके बेटे को अपनाने से मना कर दिया. तब तारा ने अपनी कोख से बच्चा अलग कर दिया.
बच्चा गजब सुंदर था. बृहस्पति और चंद्रमा दोनों अब क्लेम करने लगे कि ये उनका बेटा है. तब बृहस्पति ने तारा को साइड में ले जाकर पूछा. तारा ने चंद्रमा का नाम लिया. बाय द वे, वो बच्चा था बुध. जी हां, बुध चंद्रमा की संतान माने जाते हैं.
(श्रीमद्भागवत महापुराण, नौवां स्कंध, 14वां अध्याय)