भगीरथ के वंशजों में से एक था राजा सौदास. राजा गया था जंगल में टाइगर मारने. लेकिन वो टकरा गया एक राक्षस से और उसको मार डाला. राक्षस के भाई ने ये देख लिया और डिसाइड किया कि इससे लड़ाई नहीं करेंगे, कह के लेंगे. राजा के घर आए थे गुरु वसिष्ठ. राक्षस ने उनका खाना बदल दिया गोश्त से. वसिष्ठ प्लेट में गोश्त देख कर गुस्से में मोगैम्बो बन गए. उन्होंने सौदास को शाप दिया कि वो राक्षस बन जाएगा. जब उन्हें पता चला कि बेचारा सौदास फालतू ही शाप खा गया तो उन्होंने कहा- हम शाप तो कटा नहीं सकते, पर हां, उसको घटाकर 12 साल का कर सकते हैं.
तो सौदास बन गया राक्षस और घूमने लगा जंगल-जंगल. एक दिन घूमते हुए उसने एक ब्राह्मण और उसकी वाइफ को उनके प्राइवेट टाइम के बीच देख लिया. राक्षस बने सौदास को लगी थी भूख और उसने जाकर ब्राह्मण को खा लिया. ब्राह्मण की वाइफ बच्चा चाहती थी. राक्षस बने राजा ने एक तो उनके इंटीमेट पलों में उनको डिस्टर्ब किया था, ऊपर से लेडी ब्राह्मण की बेबी की ख्वाहिश अधूरी रह गयी थी. लेडी को गुस्सा आया और उसने राजा aka राक्षस को शाप दिया- 'जब भी किसी औरत के साथ सोना चाहोगे, तुम मर जाओगे.'
राजा का शाप पीरियड ख़त्म हुआ और वो वापस इंसान बना. जब अपनी वाइफ के साथ रोमैंस करने गया, उसने उसे दूर भगाते हुए कहा, पगले मर जाओगे. रिजल्ट ये हुआ कि वो रह गया संतानहीन. वसिष्ठ ने उनकी वाइफ को पूजा वूजा करके प्रेग्नेंट करवाया. पर उनका बैड लक इतना खराब था कि वाइफ सात साल तक प्रेग्नेंट रही, पर बेबी नहीं हुआ. फिर वसिष्ठ ने उनके पेट पर पत्थर मारा, तब जाकर उनकी डिलिवरी हुई. बच्चा अश्म यानि पत्थर की चोट से पैदा हुआ इसलिए अश्मक कहलाया.
(श्रीमद्भागवत महापुराण)