The Lallantop
Advertisement

युधिष्ठिर क्या कह दिए कि विराट उनको पांसा फेंककर मार दिए थे?

बृहन्नला बने अर्जुन उत्तर के साथ गए थे, गइयाचोर कौरवों से लड़ने, यहां युधिष्ठिर का हो गया अपमान.

Advertisement
Img The Lallantop
Source- Epified
pic
आशीष मिश्रा
4 जून 2016 (Updated: 4 जून 2016, 08:45 AM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
राजा विराट के राज्य पर कौरवों ने हमला किया. गायचोर लोग विराट की गइया माता चुराने आए थे. उधर द्रोण, कर्ण, कृपाचार्य, अश्वत्थामा और दुर्योधन जैसे धुरंधर. इधर अकेले विराट का लड़का, उत्तर. उत्तर था कूल ड्यूड. घर में बकैती छोड़ आया कि मैं तो अकेले कौरवों को खेल लूंगा. चल दिया. सारथि थे बृहन्नला बने अर्जुन. मौके पर पहुंचे तो उत्तर को सांप सूंघ गया. अर्जुन बोले. रहन दो लल्ला तुमसे न हो पाएगा. हमको जूझने दो. इधर जो हुआ सो आप जानते ही हैं. अर्जुन ने अकेले ही कौरवों को लथेड़-पथेड़ दिया. जो बचे सो लहसुन-हल्दी का सेवन करने वापिस भग लिए . दूसरी ओर विराट के राज्य में खबर आई कि उत्तर ने कौरवों को हरा दिया. विराट खेल रहे थे जुआं. उनके राज में बेटिंग लीगल रही होगी. सामने थे युधिष्ठिर. विराट अपने छोकरे की बड़किया गाए जा रहे थे. युधिष्ठिर तो सच जानते थे, उनके मुंह से निकला 'बृहन्नला गया है साथ में. उसी ने कुछ कारनामा किया होगा. आपके बेटे के बस का नहीं है.' विराट के ब्लू ब्लड वाला ईगो हर्ट हो गया. फिर कुछ बड़ाई किए. युधिष्ठिर फिर टोंक दिए. खिसिया के विराट ने पांसा फेंककर युधिष्ठिर को मार दिया. खून भलभला आया. नाक से टिप-टिपा के चू पड़ा जमीन पर. इतने में उत्तर आ गया. उसने बताया- पापा हमारी तो सूख ही गई थी. वो तो पूरी आर्मी लेकर आए थे. भला हो बृहन्नला का. क्या मार मारी उनको. छठी का दूध याद दिला दिया. नाक बचा ली हमारे राज्य की. आज उसी की वजह से आप चौड़े में पांसे खेल पा रहे हैं. विराट को अपनी गलती का अहसास हुआ. समझ आया बलंडर मिसटेक हो गया है. माफी-वाफी मांगे. युधिष्ठिर थे संत आदमी कर दिए माफ. बोलो जय कन्हैयालाल की.

Advertisement

Advertisement

()