The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Lallankhas
  • Kadam Milakar Chalna Hoga poetry by fromer Prime Minister Atal Bihari Vajpayee

अटल बिहारी वाजपेयी की कविता: कदम मिलाकर चलना होगा

उद्यानों में, वीरानों में, अपमानों में, सम्मानों में, उन्नत मस्तक, उभरा सीना, पीड़ाओं में पलना होगा. कदम मिलाकर चलना होगा.

Advertisement
Img The Lallantop
अटल बिहारी वाजपेयी के पिता उनके साथ ही पढ़ाई करने कानपुर पहुंच गए थे.
pic
लल्लनटॉप
16 अगस्त 2018 (Updated: 16 अगस्त 2018, 02:03 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
अटल बिहारी वाजपेयी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री. एक बार नहीं तीन बार उन्हें इस राष्ट्र के प्रधानमंत्री होने का गौरव प्राप्त हुआ. लेकिन वो सिर्फ नेता नहीं थे, उन विरले नेताओं में से थे, जिनका महज साहित्य में झुकाव भर नहीं था. वो खुद लिखते भी थे. कविताएं. विविध मंचों से और यहां तक कि संसद में भी वो अपनी कविताओं का सस्वर पाठ कर चुके हैं. उनकी कविताओं का एक एल्बम भी आ चुका है जिन्हें जगजीत सिंह ने भी अपनी अावाज़ दी है. पढ़िए उनकी कविता- कदम मिलाकर चलना होगा

बाधाएं आती हैं आएं घिरें प्रलय की घोर घटाएं,पावों के नीचे अंगारे, सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं, निज हाथों में हंसते-हंसते, आग लगाकर जलना होगा. कदम मिलाकर चलना होगा.

हास्य-रूदन में, तूफ़ानों में, अगर असंख्यक बलिदानों में, उद्यानों में, वीरानों में, अपमानों में, सम्मानों में, उन्नत मस्तक, उभरा सीना, पीड़ाओं में पलना होगा. कदम मिलाकर चलना होगा.

उजियारे में, अंधकार में, कल कहार में, बीच धार में, घोर घृणा में, पूत प्यार में, क्षणिक जीत में, दीर्घ हार में, जीवन के शत-शत आकर्षक, अरमानों को ढलना होगा. कदम मिलाकर चलना होगा.

सम्मुख फैला अगर ध्येय पथ, प्रगति चिरंतन कैसा इति अब, सुस्मित हर्षित कैसा श्रम श्लथ, असफल, सफल समान मनोरथ, सब कुछ देकर कुछ न मांगते, पावस बनकर ढलना होगा. कदम मिलाकर चलना होगा.

कुछ कांटों से सज्जित जीवन, प्रखर प्यार से वंचित यौवन, नीरवता से मुखरित मधुबन, परहित अर्पित अपना तन-मन, जीवन को शत-शत आहुति में, जलना होगा, गलना होगा. कदम मिलाकर चलना होगा.


ये भी पढ़ें:अटल बिहारी वाजपेयी की कविता: मौत से ठन गई ‘शून्य में अकेला खड़ा होना पहाड़ की महानता नहीं मजबूरी है’ यह स्वदेश का दिया प्राण के समान है! जो भी हो, मैं आता रहूंगा उजली रातों में
कविता वीडियो: प्रधानमंत्री के कमांडो

Advertisement

Advertisement

()