ई-मेल लिखते हुए हाथ-पांव फूल जाते हैं तो ये आसान चीज़ें सीख लो, चौड़ियाए घूमोगे
To, Cc, Bcc को लेकर हमेशा कनफ़्यूज रहने वाले इस स्टोरी को पढ़कर थैंक्स नहीं, थैंक यू बोलेंगे.
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टॉम हैंक्स की मूवी, ‘यू हैव गॉट मेल’ का पोस्टर. तस्वीर सांकेतिक है.
क्या आपको पता है, वर्ल्ड वाइड वेब (www) के आने से क़रीब 15 साल पहले से ई-मेल अस्तित्व में है. मतलब ये कि ई-मेल इतना भी नया नहीं, जितना आपको-हमें लगता है. और इसी के चलते ई-मेल अब इवॉल्व होते-होते, औपचारिक बातचीत का एक प्रमुख हिस्सा बन गया है. आपके साथ भी कभी हुआ होगा कि आप हाथ लहराते हुए बॉस से छुट्टी मांगने गए हों, HR से रिंबर्समेंट या IT से माउस. पर सबने आपको दोटूक कह दिया होगा, ‘put it in the mail’. मतलब जो मांगता है, वो मिलेगा तुमको, लेकिन औपचारिक रास्ते से आओ, मेल के रास्ते से आओ.इसलिए ज़रूरी हो जाता है कि हमें मेल लिखना आना चाहिए. हालांकि अनौपचारिक मेल लिखने के लिए सिर्फ़ भाषा का थोड़ा बहुत ज्ञान और जिसे मेल लिखना है उसका ईमेल एड्रेस होना पर्याप्त है. लेकिन औपचारिक ईमेल के मामले में बात अलहदा है. तो आइए आज ‘औपचारिक मेल’ लिखने से जुड़ी कुछ बेसिक चीज़ें समझते हैं. इस स्टोरी को आप ‘formal mail writing techniques for dummies’ भी कह सकते हैं. जैसे रिव्यू करने से पहले समीक्षक स्पॉइलर अलर्ट दे दिया करते हैं, वैसे ही इस स्टोरी को पढ़ने से पहले मैं आपको english alert देना चाहूँगा. चूंकि हम औपचारिक मेल की बात कर रहे हैं, तो भाषा भी औपचारिक ही होगी. अंग्रेज़ी. # To, Cc और Bcc के बीच अंतर आप कभी भी मेल ‘स्वांत सुखाय’ तो लिखते नहीं. वो अलग बात है कि आप अपने कंटेंट को सेव करने के लिए कभी-कभी मेल के ‘ड्राफ़्ट’ फ़ीचर का उपयोग कर लेते होंगे. लेकिन ‘ड्राफ़्ट’ मेल का मूल उद्देश्य नहीं. जैसे माचिस की तिल्ली से कान भी खुजाए जा सकते हैं, वैसे ही मेल का उपयोग आवश्यक कंटेंट को फ़्यूचर रेफ़रेंस के वास्ते सेव करने के लिए भी किया जा सकता है.

तो जिसे मेल भेजना है उसे कहेंगे रिसीवर. रिसीवर का ई-मेल एड्रेस डालने के लिए आपके पास तीन डिफ़ॉल्ट विकल्प उपलब्ध होते हैं.
सबसे ऊपर मौजूद ‘To’, ‘Cc’ या ‘Bcc’ वाले किसी भी खाने में आप रिसीवर का ई-मेल एड्रेस डालें, मेल उस बंदे को रिसीव हो जाएगा.
तो फिर इन तीनों का अलग अस्तित्व क्यों है?
अव्वल तो अगर आप सिर्फ़ एक बंदे को मेल भेज रहे हैं तो उसका ई-मेल एड्रेस हमेशा ‘to’ में जाएगा. अगर एक से अधिक लोगों को मेल भेज रहे हैं तो कम से कम एक बंदे का ई-मेल एड्रेस ‘To’ में होना होना चाहिए.
‘Cc’ का फुल फ़ॉर्म होता है ‘कॉपी’.
अब आप पूछेंगे कि, दो ‘c’ क्यूं?
वो इसलिए क्योंकि अतीत में किसी चीज़ का शॉर्ट फ़ॉर्म लिखना होता था तो अंग्रेज पहले दो अक्षरों को रिपीट कर देते थे, जैसे ‘pp. 324’ मतलब पेज 324 या पृष्ठ संख्या 324.
तो ‘Cc’ में उस बंदे का ई-मेल एड्रेस जाएगा, जिसे मेल में बताई या पूछी गई किसी चीज़ पर कोई एक्शन नहीं लेना है, कोई रिप्लाई नहीं करना है. उसे तो बस ‘साक्षी भाव’ से मेल रूपी इस काया को सर्वर रूपी संसार में टू एंड फ़्रो होते हुए देखना भर है.

उदाहरण के लिए अगर आपने IT डिपार्टमेंट के यहां माउस लेने के लिए रिक्वेस्ट डालनी है तो आप IT को ‘To’ में और अपने सुपरवाइज़र को ‘Cc’ में रखेंगे. हालांकि सुपरवाइज़र को कुछ नहीं करना इसमें, लेकिन कभी अगर वो पूछे कि निठल्ले काहे बैठे हो, तो आप कह सको, ‘सर आपको सीसी में रखा तो था मेल में. माउस ही काम नहीं कर रहा.’
Cc कई और जगह भी काम आ सकता है. इसका उपयोग कैसे और कब करना है, ये काफ़ी हद तक आपके विवेक और अनुभव पर भी निर्भर करता है. एक और उदाहरण देखिए, आपको अपने ऑफ़िस के अंदर नहीं, किसी को ऑफ़िस के बाहर (इंटर-ऑर्गनाइज़ेशनल) मेल करना है. लेकिन फ़ॉर्मल मेल. जैसे अपने क्लाइंट को या सप्लायर को. तो आप क्रमशः क्लाइंट या सप्लायर को तो ‘To’ में रखेंगे. मगर अपने उन सीनियर या सीनियर्स को, जिनके लिए मेल का स्टेट्स जानना ज़रूरी तो है, मगर उन्हें इसमें ख़ुद कुछ नहीं करना है, ‘Cc’ में रखेंगे.
ज़रूरी नहीं कि आप हमेशा अपने सीनियर को ही 'Cc' में रखें. बस ये समझ लीजिए कि-
अब रह जाता है 'Bcc' को समझना. ये बहुत सिंपल है:आप जिनसे मेल के रिप्लाई की या उस पर कोई एक्शन लेने की उम्मीद कर रहे हैं, वो सब 'To' में आएंगे. जिनको उस मेल के बारे में सिर्फ़ जानकारी होनी चाहिए, वो ‘Cc' वाले खाने में.
'Bcc' में आप जिस किसी को भी रख रहे हैं, या जिस किसी का भी ई-मेल एड्रेस डाल रहे हैं, उसका एड्रेस बाक़ियों के लिए छुपा रहेगा.तो इस ‘टेक्निकल’ फ़ायदे के चलते 'Bcc' का उपयोग आप कई तरह से कर सकते हैं. जैसे, ढेर सारे लोगों को इन्विटेशन देना है, लेकिन आप ये भी चाहते हैं कि इन सभी को एकदूसरे का ई-मेल एड्रेस न पता लगे, तो आप सभी के एड्रेस 'Bcc' में डाल दीजिए. अब कोई रिसीवर नहीं जान पाएगा कि मेल किस-किस को भेजा गया है. ऐसे ही अगर आप किसी को मेल भेज रहे हैं, लेकिन चाहते हैं कि आपका एक जूनियर भी उस मेल को पढ़े, सिर्फ़ देखने के लिए कि मेल कैसे किया जाता है, तो आप उसे 'Bcc' में रख दीजिए. या फिर आप एक औपचारिक मेल किसी को भेज रहे हैं, लेकिन चाहते हैं कि उसकी एक कॉपी आपके पर्सनल मेल पर भी आ जाए, और बाकी लोगों को आपका पर्सनल ई-मेल एड्रेस पता न लगे, तो आप अपनी पर्सनल मेल आईडी 'Bcc' में डाल दीजिए.

हमने शुरू में कहा था कि अगर आप एकाधिक लोगों को मेल भेज रहे हैं तो कम से कम एक बंदे का ई-मेल एड्रेस ‘To’ में होना ही चाहिए. लेकिन एक एक्सेप्शन है. वो ये कि जब आप ढेर सारे लोगों को इन्विटेशन भेज रहे हों, उनका ई-मेल एड्रेस और उनकी आइडेंटिटी गुप्त रखते हुए, तो ज़रूरी नहीं कि आप किसी को 'To' में रखो ही रखो. सबके सब 'Bcc' में भी रखे जा सकते हैं. हालांकि किसी का भी 'To' में न होना काफ़ी हद तक अनप्रोफ़ेशनल रवैया है.
अगले सेक्शन पर जाने से पहले आपको दो बातें और बता दें.
# पहली ये कि 'Bcc' का फुल फ़ॉर्म होता है ब्लाइंड कॉपी.# ‘ई-मेल’ वाले यूनिवर्स के अपने शॉर्ट फ़ॉर्म्स वैसे तो औपचारिक मेल लिखते हुए ‘शॉर्ट कट’ या सहारा लेने से बचना चाहिए. मतलब थैंक्स के बदले थैंक यू और w8 के बदले wait का उपयोग करना चाहिए. लेकिन इंट्रेस्टिंगली औपचारिक मेल ने धीरे-धीरे अपने लिए ख़ुद ही कुछ शॉर्ट फ़ॉर्म्स बना लिए हैं. कई तो ऐसे हैं, जिन्हें आप ‘फ़ॉर्मल ई-मेल’ के अलावा कहीं और नहीं पाएंगे. ठीक वैसे जैसे वांडा विजन को मार्वल यूनिवर्स और बैटमैन को DC यूनिवर्स के अलावा कहीं नहीं पाएंगे :
# और दूसरी ये कि 'Cc' का फुल फ़ॉर्म आपको कई जगह कार्बन कॉपी और 'Bcc' का फुल फ़ॉर्म ब्लाइंड कार्बन कॉपी पढ़ने को मिलेगा. आप भी चाहें तो ऐसा बोल सकते हैं, कोई नहीं टोकेगा आपको, सिर्फ़ शुद्धतावादियों को छोड़कर.
# ASAP: As soon as possible. या ज़ल्द से ज़ल्द:
Do reply me ASAP# EOD: End of day. मतलब आज घर जाने से पहले. या अगर वर्क फ़्रॉम होम है तो लैपटॉप बंद करके रखने से पहले. इसका शब्दशः अर्थ हुआ, ‘दिन ख़त्म होते-होते’:
Please send me your work report EOD.# PFA: Please find attachment. मतलब इस मेल के साथ जो अटैच किया है, उसे देखो.
PFA the excel sheet as requested by you.# PFB: Please find below. मतलब नीचे कुछ लिखा या दिया है. देख ल्यो.
PFB the telephone numbers of the candidates as requested.# FYI: For your information. मतलब, 'आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि…' FYI का उपयोग किसी वाक्य के शुरू में होता है.
FYI: Neeta has already called it a day.

# EOM: End of message. ये शॉर्ट फ़ॉर्म बड़ा काम आता है अगर आपके ऑफ़िस में लोग आलसी हैं, या काम के बोझ तले दबे हैं. यानी उनके पास ई-मेल पढ़ने का समय या ऊर्जा नहीं है. तो आप मैसेज के सब्जेक्ट लाइन में ही कंटेंट डाल दो और आगे लिख दो EOM. और अंदर कुछ मत लिखो. EOM का मतलब ये हुआ कि, ‘मेल काहे खोल रहे हो, पूरा मैसेज सब्जेक्ट लाइन में ही लिख डाला है. अंदर कुच्छो नहीं है.’ अगर ‘क्लासिक मेल’ वाली भाषा में कहूं तो आपने अंतरदेशी को पोस्टकार्ड बना डाला.
लेकिन, ज़ाहिर है इसके वास्ते आपका मैसेज शॉर्ट एंड क्रिस्प होना चाहिए. मल्लब सोचिए, आप 3,000 शब्दों का टेक्स्ट तो नहीं डाल सकते न सब्जेक्ट लाइन में. सब्जेक्ट लाइन में EOM लिखने के बाद अगर किसी ने मेल के कंटेंट में भी कुछ लिख मारा है तो फिर उसके लिए तो GOW के रामाधीर का ही डायलॉग याद आएगा. वैसे GOW मेल का कोई एब्रीविएशन नहीं गैंग्स ऑफ़ वासेपुर का शॉर्ट फ़ॉर्म है. बहरहाल ये रहा उदाहारण-
Subject: Tea party @ 1700 HRS. Venue: Cafeteria. (EOM)# NRN: No reply necessary. मतलब जवाब देने की आवश्यकता नहीं है. ये किसी मेल के अंत में इसलिए लिखा जाता है ताकि जिसको मेल भेजा गया है, उसे जवाब में ‘ओके’, ‘थैंक्स’ (सॉरी, थैंक यूं) या ‘नोटेड’ लिखने की ज़हमत नहीं उठानी पड़े.
FYA: For your action. ये ज़्यादातर सीनियर्स ही आपको भेजेंगे. FYA लिख देंगे और नीचे एक फोन नम्बर डाल देंगे. आपको समझना होगा कि इस नंबर पर कॉल करना है.
PS: Postscriptum. ये वाला एब्रीविएशन न नया है और न सिर्फ़ फ़ॉर्मल मेल तक सीमित. जब आप अपनी बात पूरी कह चुके हों और अंत में एक छोटी सी चीज़ और जोड़नी हो तो PS का उपयोग ‘और हां’ की तरह करें. जैसे-
PS: Hope you’ll not forget to send the work report today.# OOO: Out of office. जब होटल इंडस्ट्री में थे तब OOO का अर्थ हमारे लिए था Out of order. मतलब जो चीज़ ख़राब है, उसके ऊपर ये चिप्पी लगा दो. लेकिन औपचारिक मेल में Out of office का मतलब है कि अभी मैं ऑफ़िस में नहीं हूँ. अब आप पूछेंगे कि जो ऑफ़िस में नहीं है, वो मेल का रिप्लाई कैसे कर दे रहा है? और अगर मेल का रिप्लाई कर दे रहा है तो Out of office कहने के बजाय मेल पर पूछे गए सवाल का रिप्लाई क्यूं नहीं कर दे रहा? इसका उत्तर है, ‘ऑटो जनरेटेड मेल’. मतलब, माना आप 10 दिन के लिए छुट्टी पर जा रहे हैं तो मेल आपको ऑप्शन देता है कि इस दौरान आने वाले मेल्स का उत्तर अपने आप चला जाएगा. तो आप इस ‘ऑटो जनरेटेड मेल’ में OOO लिखकर कुछ और चीज़ें जोड़ सकते हैं. जैसे-
OOO. Kindly contact me @ my personal e-mail address xyz@abc.com

# कुछ और औपचारिक शब्द कुछ ऐसे शब्द और वाक्य हैं जो एब्रीविएशन तो नहीं हैं, लेकिन मेल में ख़ूब यूज़ होते हैं. जैसे:
Keep me posted (मतलब जो भी अपडेट हो मुझे बताते रहना).
trailing mail (जब ख़ूब ज़्यादा मेल का आदान-प्रदान हो गया हो और आप पिछली बातचीत में से किसी फ़ैक्ट फ़िगर या बात को दोबारा लिखे बिना रेफ़र करना चाहते हों तो कह सकते हो- kindly refer to trailing mail, as par our telephonic communication. (अगर फ़ोन पर कोई बात हुई हो और उससे आगे मेल पर बात करनी हो तो. या फिर जैसा शुरू में बताया कि माना आपने IT को फ़ोन लगाया और उन्होंने कहा ‘put it in the mail’, तो आप as par our telephonic communication से शुरू कर सकते हो. ऐसे ही as per our previous communication का भी यूज़ किया जा सकता है.
kindly expedite (ये ASAP का थोड़ा ज़्यादा डिप्लोमेटिक फ़ॉर्म है.
regards (मेल में लास्ट में जाता है, सिग्नेचर से पहले. इसकी बात स्पेशली इसलिए क्यूंकि कुछ लोग वहां पर thanks and regards लिखते हैं. ये ग़लत है. या तो thanks या फिर सिर्फ़ regards लिखा कीजिए).
इसके अलावा भी ढेरों शब्द हैं. अगर आपको कोई याद आए तो कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं. हम सबकी जानकारी बढ़ेगी. # मेल एटिकेट्स आखिर में बात करते हैं कुछ ऐसी चीजों की जिनका एक औपचारिक मेल लिखते हुए आपको ध्यान रखना चाहिए-
# मेल आईडी लास्ट में डालें: मेल पर सब चीज़ें लिख लें. सब्जेक्ट, टेक्स्ट सब. उसके बाद अगर कोई अटैचमेंट जोड़ना है तो वो भी जोड़ लें. एक बार मेल प्रूफ़-रीड कर लें. (इस स्टोरी में टाइपो मिले तो 'plz' कमेंट करके न कहें, ‘पहले अपनी स्टोरी तो प्रूफ़ रीड कर लेता लल्लन.’)
दरअसल कई बार अर्थ का अनर्थ हो जाता है. इंबेरेसमेंट का सामना करना पड़ता है. लेकिन सब कुछ कर चुकने के बाद सबसे अंत में मेल आईडी डालने से ग़लती से, अधूरी और ग़लत जगह मेल जाने की संभावनाएं कम हो जाएँगी. टाइपोज़ भी कम होंगी और इंबेरेसमेंट भी.
# सिग्नेचर बनाएं: आप मेल के लास्ट में regards वग़ैरह लिखते हैं. उसके बाद अपनी ऑर्गनाईज़ेशन का बैनर लगाते हैं. और ऐसा हर मेल में करते हैं. बावज़ूद इसके कि हर मेल में सेम चीज़ लिखते हैं. इससे अच्छा आप वंस फ़ॉर ऑल एक सिग्नेचर बना सकते हैं. जीमेल से लेकर आउटलुक तक हर औपचारिक-अनौपचारिक मेल-प्लेटफ़ॉर्म में ये सुविधा उपलब्ध है.
# सब्जेक्ट लाइन: सब्जेक्ट लाइन ज़रूर डालें. हर मेल पर इम्पॉर्टेंट या अर्जेंट न लिखें. क्यूंकि ऐसा करके दरअसल आप बार-बार ‘बाघ-आया, बाघ-आया’ पुकार रहे होते हैं. और हां, सब्जेक्ट लाइन क्रिस्प और क्लियर होनी चाहिए ताकि लोग लिफ़ाफ़ा देखकर ख़त का मज़मून भांप लें.
# फ़ॉन्ट: कॉमिक सेन्स फ़ॉन्ट तो ख़ैर देखने में भी अच्छा नहीं लगता तो वो तो आप क्या ही यूज़ करते होंगे. लेकिन उसके अलावा भी कई अजब ग़ज़ब फ़ॉन्ट हैं, जिनसे आप आकर्षित हो सकते हैं. ऑफ़िस में उनका उपयोग अधिक से अधिक PPT बनाने तक सीमित रखिए. मेल के लिए एरियल, केलिब्री, टाइम्स न्यू रोमन, हेलवेक्टिका और सैन्स सेरिफ़ सबसे उपर्युक्त फ़ॉन्ट्स हैं.

और दिखने में अनप्रोफ़ेशनल लगने के अलावा हो सकता है कि कुछ कम यूज़ किए जाने वाले फ़ॉन्ट्स रेसिपियेंट के एंड में न हों. वहाँ आपका मेल ‘डब्बे-डब्बे’ या ‘चाइनीज़ जैसी भाषा’ दिखा रहा हो.
फ़ॉन्ट साइज़ भी पढ़ने योग्य हो. अंग्रेज़ी में कैपिटल लैटर्स का उपयोग सोच समझ कर करें. किसी बात को हाइलाइट करने के लिए दूसरा कलर या ‘बोल्ड’ विकल्प का इस्तेमाल करना बेहतर है, बजाय कैपिटल लैटर्स के. क्योंकि कैपिटल लैटर्स में कोई चीज़ लिखने का मतलब होता है, ग़ुस्से में बात करना.
# स्लैंग्स और SMS वाली भाषा का उपयोग क़तई न करें. सिंपल!
स्लैंग्स बोले तो: ‘wanaa’, ‘gonna’, ‘yo man’, ‘supp?’ और SMS वाली भाषा तो आपको पता ही है, thx, w8, BRB वग़ैरह.
और हां, सिंपल के बाद ‘एक्सक्लेमेशन’ लगाते हुए याद आया कि इस ‘उल्टे i’ यानी विस्मयादिबोधक चिह्न का उपयोग कम से कम करें. अपने ‘wow!!!!!!!!!!!!!!!’ और अपने ‘noooooo……’ अनौपचारिक मेल्स के लिए संभालकर रखें.
लो देखो, SMS वाली बात से एक और बात याद आ गई. इमोजी या इमोटिकाज़ का उपयोग न ही करें तो बेहतर. इंटर्नल मेल्स तक तो ठीक है, लेकिन इंटर-डिपार्टमेंटल और इंटर-ऑर्गनाइज़ेशनल मेल्स के लिए तो इनसे पूरी तरह बचें.
# सबूत: लास्ट में एक सवाल का उत्तर ढूंढते हैं. वो ये कि क्या आपको पता है HR, आपका बॉस और IT आपसे ‘put it in the mail’ क्यूं कहता है? ताकि सारी चीज़ें डॉक्यूमेंटेड रहे. फोन में या फेस टू फेस बात करके तो कोई भी मुकर सकता है. या चलिए आपके ऑफ़िस के लोग अच्छे हैं, मुकरते नहीं, तो भूल तो सकते हैं न? इसलिए ही कॉरपॉरेट वर्ल्ड में ‘drop me a mail’ या ‘put it in the mail’ का चलन है.
लेकिन इस बात से हमें एक और सीख मिलती है. वो ये कि अगर आप किसी चीज़ को राज़ रखना चाहते हैं, गुप्त रखना चाहते हैं तो अव्वल तो वो किसी को न बताइए. क्यूंकि जब आप अपना राज़ नहीं रख पाए तो दूसरे से कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि वो आपका राज़ छुपाकर रखेगा. चलिए बता भी रहे हैं तो कम से कम उसे डॉक्यूमेंटेड मत कीजिए. मतलब मेल के माध्यम से न भेजिए. न औपचारिक, न अनौपचारिक. इवन SMS, वॉट्सऐप, फ़ेसबुक मैसेंज़र, सिग्नल, टेलीग्राम, किसी भी लिखित माध्यम से नहीं. क्यूंकि जैसा सुभाष घई की मूवी में कहा गया था-
बातें भूल जाती हैं…