मिडिल ईस्ट का एक देश है बहरीन. यहां F1 रेसिंग चल रही थी. इंटरनेशनल रेसिंग सर्किट पर कारें बेहद रफ्तार से दौड़ रही थीं. इसी दौरान एक हादसा हुआ. एक कार बैरियर से टकरा गई. जोरदार धमाका हुआ. गाड़ी के दो टुकड़े हो गए. उसमें आग लग गई. लेकिन ड्राइवर को कुछ नहीं हुआ. ये कोई चमत्कार नहीं है. ये विज्ञान है. वो भी 100 फीसदी. ऐसा विज्ञान, जिसने ड्राइवर की जान तो बचाई ही, फॉर्मूला वन रेसिंग को पहले कहीं सुरक्षित बना दिया. चलिए बताते हैं इसी के बारे में. सबसे पहले ये विडियो देख लीजिए-
https://twitter.com/F1/status/1333127810353950722
हादसा कितना भयानक था, देख लीजिए
इतने खतरनाक हादसे में भी जान बचाने वाले इस सिस्टम के बारे में आपको बताएं, उससे पहले बहरीन में हुए हादसे की थोड़े विस्तार में जानकारी ले लीजिए. फॉर्मूला वन रेसिंग के दौरान हास नाम की एक टीम के ड्राइवर रोमेन ग्रोस्जेन अपनी कार में थे. कार की स्पीड 225 किलोमीटर प्रतिघंटे से थोड़ी ज्यादा ही थी. शुरूआती लैप ही चल रहे थे. ग्रोस्जेन एक दूसरी कार को ओवरटेक करना चाहते थे. उन्होंने ऐसा किया भी, लेकिन इसके तुरंत बाद कार पर उनका कंट्रोल खत्म हो गया. उनकी कार बैरियर से जा टकराई. कुछ ही सेंकेंड्स में उनकी कार आग का गोला बन गई.
https://twitter.com/F1/status/1333103417347219457
उनकी कार बैरियर के दूसरी तरफ चली गई थी. दो टुकड़े हो गई थी. आग की लपटों में घिरी हुई थी. ये नजारा देखकर वहां मौजूद सभी के होश उड़ गए. रोमेन ग्रोस्जेन तुरंत कार से बाहर निकले. बैरियर पर चढ़कर दूसरी ओर पहुंच गए. इस बीच सेफ्टी वर्कर्स ने आग बुझाने की कोशिश की. ग्रोस्जेन सही सलामत थे. बस, हाथ थोड़ा सा जल गए थे. उन्हें तुरंत ही बहरीन के डिफेंस कोर्ट अस्पताल पहुंचाया गया. अस्पताल से रोमेन ने वीडियो और फोटो जारी किए. अपने ठीक होने की जानकारी दी. कहा कि वह अब ठीक हैं. जल्द ही प्रशंसकों के मेसेज का रिप्लाई करेंगे.
https://twitter.com/RGrosjean/status/1333395622267920390
क्या है वो सिस्टम, जिसने जान बचाई
अब आपको उस खास सिस्टम के बारे में बताते हैं, जिसने दिल दहलाने वाले हादसे में भी रोमेन की जान बचा ली. इस सिस्टम को HALO System कहा जाता है. साल 2018 में इस सिस्टम को F1 रेसिंग गाड़ियों में लगाया जाना शुरू किया गया था. ये एक मेटल रिंग की तरह होता है, जो ड्राइवर के सिर को बचाती है. शुरूआत में इस सिस्टम की काफी आलोचना भी हुई थी. उस वक्त कहा गया था कि इससे ड्राइवर को सामने देखने में मुश्किल होगी, और वह कार दौड़ाने पर फोकस नहीं कर सकेगा. लेकिन इस हादसे ने हालो सिस्टम की अहमियत बता दी है.
इस सिस्टम की खास बातें भी जान लीजिए# हालो रिंग सिस्टम को ग्रेड-5 टाइटेनियम से बनाया जाता है. ये बहुत अधिक मजबूत होता है.# ये हालो रिंग इतनी मजबूत होती है कि दो अफ्रीकी हाथियों का वजन भी झेल सकती है. # अगर सामने से कार का एक्सिडेंट हो तो ये रिंग उसके इम्पैक्ट को पीछे ट्रांसफर कर देती है. इससे ड्राइवर को नुकसान नहीं होता.
# 2018 में लॉन्च किए जाने से पहले सात साल तक इसको टेस्ट किया गया था.
कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि हालो सिस्टम एक विज्ञान है, एक ऐसी तकनीक है, जो मुसीबत के वक्त F1 ड्राइवरों की जान बचा सकती है. इसमें केमिस्ट्री है, और फिजिक्स भी. बाकी रेसिंग तो है ही जोश और जुनून का खेल. खबर खत्म करने से पहले बता दें कि ये हालो सिस्टम किसी साधारण कार में नहीं आता है. लिहाजा अपनी कार को F1 कार ना समझें, गाड़ी को सावधानी और सुरक्षा के साथ चलाएं.