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उंगली चटकाना छोड़ दोगे अगर ये जान लोगे

सोच भी नहीं सकते कि इससे क्या हो सकता है.

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16 फ़रवरी 2018 (Updated: 16 फ़रवरी 2018, 08:17 IST)
Updated: 16 फ़रवरी 2018 08:17 IST
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मोबाइल पर घंटों चैट और कम्प्यूटर पर टिपिर-टिपिर करने के बाद क्या करते हैं आप? अंगड़ाई लेने का मन करता है. हाथ को कितनी तरह से मोड़ा-तोड़ा जा सकता है ये उसी वक़्त पता चलता है. लेकिन ऑफिस या मीटिंग में बैठे हों तो ऐसा करने में थोड़ा अटपटा लगता है. तब क्या करते हैं? उंगलियां फोड़ने के बारे में क्या विचार है? हीही. मज़ा आता है न. अब चटकाने न लग जाना. पहले पढ़ लो. मेरी मां बहुत डांटती हैं उंगलियां फोड़ने पर. कहती हैं इससे उंगली मोटी हो जाती हैं और आंख के नीचे काले घेरे बन जाते हैं. हालांकि ये सिर्फ हर मां की तरह की जाने वाली फिक्र और फर्जी डराने वाली बात है. और ये बात साइंस के मुताबिक गलत भी है. लेकिन मां का मना करना गलत नहीं है.
उंगलियों को फोड़ना या चटकाना सेहत के लिए ठीक नहीं है. डॉक्टरों का मानना है कि हाथ या पैर की उंगलियां चटकाने से हडि्डयों पर बुरा असर पड़ता है. इससे काम करने की क्षमता कम होती है. इस आदत को छोड़ देना चाहिए.finger1

होता क्या है आखिर

उंगलियों के जोड़ और घुटने और कोहनी के जोड़ों में एक खास लिक्विड होता है. इसका नाम होता है synovial fluid. ये लिक्विड हमारी हडि्डयों के जोड़ों में ग्रीस का काम करता है. साथ ही हडि्डयों को एक दूसरे से रगड़ खाने से रोकता है. ठीक वैसे ही जैसे गाड़ियों में ग्रीस डाला जाता है. उस लिक्विड में मौजूद गैस जैसे कार्बन डाई ऑक्साइड नई जगह बनाती है. इससे वहां बुलबुले बन जाते हैं. अब जब हम हड्डी चटकाते हैं तो वही बुलबुले फूट जाते हैं. तभी कुट-कुट की आवाज़ आती है. यही होता है उंगली फोड़ने पर. fluid

एक बार फूटने के बाद क्यों नहीं आती आवाज़

जब 1 बार जोड़ों में बने बुलबुले फूट जाते हैं. उसके बाद उस लिक्विड में वापस गैस घुलने में करीब 15 से 30 मिनट लगते हैं. इसीलिए एक बार उंगलियां चटक जाती हैं तो दोबारा चटकाने पर आवाज़ नहीं आती है. चाहे जितनी बार कोशिश कर लो, जब तक बुलबुले नहीं बनेंगे तब तक कुट-कुट नहीं बोलेगा.

हल्के में लेना भारी पड़ सकता है

एक रिपोर्ट के मुताबिक हडि्डयां आपस में लिगामेंट से जुड़ी होती हैं. बार-बार उंगलियां चटकाने से उनके बीच होने वाला लिक्विड कम होने लगता है. अगर ये पूरा ख़त्म हो जाए तो गठिया हो सकता है. इसके साथ ही यदि जोड़ों को बार-बार खींचा जाए तो हमारी हडि्डयों की पकड़ भी कम हो सकती है. हालांकि इस पर कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के साथ-साथ कई जगह शोध किए गए हैं. लेकिन उंगली फोड़ने से बीमारी होने की बात हर शोध में साबित नहीं हुई है. हां इससे कुछ दिक्कतें हो सकती हैं.

इस वीडियो से समझिए:


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