अगर ब्रेक डांस को ये दर्जा पहले मिल जाता तो माइकल जैक्सन भी ओलिंपिक मेडल जीत जाते
ओलिंपिक गेम्स खेलों की लिस्ट में नए गेम जुड़े हैं
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ओलिंपिक्स में ब्रेक डांसिंग को भी एक खेल के तौर पर शामिल कर लिया गया है. माइकल जैक्सन के जमाने में ऐसा हुआ होता तो शायद वह मेडल्स की लाइन लगा देते.
ब्रेक डांसिंग पर क्यों रीझा ओलिंपिक एसोसिएशन असल में ओलिंपिक एसोसिएशन को इस बात की आशंका है कि खेल को पसंद करने वाले दर्शकों में युवाओं की संख्या घटती जा रही है. ऐसे में ब्रेक डांसिंग ही नहीं, ओलिंपिक में 3 और नए गेम्स की एंट्री हुई है. युवा दर्शकों को लुभाने के लिए आईओसी ने ब्रेकडांसिंग के अलावा स्केटबोर्डिंग, स्पोर्ट क्लाइम्बिंग और सर्फिंग को भी ओलिंपिक्स में शामिल किया है. इन तीन खेलों को टोक्यो ओलंपिक में शामिल किया जाना था, जो कोरोना महामारी के कारण एक साल के लिए स्थगित कर दिए गए.
The @Paris2024
— Olympics (@Olympics) December 7, 2020
sports programme has been approved. It includes these main features: - 100% gender equality - Four additional sports: Skateboarding, sport climbing, surfing and breaking - More youth-focused events - 10,500 athletes and 329 events#StrongerTogether
क्या है ब्रेक डांसिंग और ये आया कहां से
सबसे पहले तो यही समझ लीजिए कि यह ब्रेक क्या है. जब डांस करते वक्त म्यूजिक की धुन रुक जाए और फौरन दूसरी धुन शुरू हो जाए, तो उसे ब्रेक कहते हैं. इस ब्रेक को भी अपने डांस में खास तरीके से पिरोने की अदा को ही ब्रेक डांसिंग कहा गया. नाच के इस अतरंगी तरीके की शुरुआत अमेरिका में 60 के दशक में हुई. ऐसा डांस करने वालों को बहुत सम्मान से नहीं देखा जाता था.अमूमन इन्हें स्ट्रीट डांसर ही समझा जाता था. इसका कारण था, इसे अपनाने वाले लोग. इस डांस को ज्यादातर अफ्रीकन अमेरिकन या लैटिन देश जैसे मैक्सिको, पेरू आदि से आए लोग ही करते थे. इस नाच को मार्शल आर्ट और जिमनास्टिक्स की कलाबाजियों को मिला-जुला कर बनाया गया था. ब्रेकिंग म्यूजिक की शुरुआत सबसे पहले अमेरिकी डीजे कूल हर्क ने की. उन्होंने एक ही गाने को कई बार रोक-रोक कर उसमें अपने हिसाब से म्यूजिक डाला. गाने को इस तरह से लूप में रेकॉर्ड किया गया कि वह घंटों बिना रुके बजता रहे. यह लगातार बजते ब्रेक बीट लोगों को घंटों नाचने पर मजबूर कर देते.

शुरुआत में ब्रेक डांसिंग को रोड साइड डांसिंग के तौर पर ही जाना गया.
और फिर आए माइकल जैक्सन
तकरीबन 20 साल तक ब्रेक डांस का खुमार अमेरिकी और अफ्रीकी सड़कों और म्यूजिक क्लबों पर छाया रहा, लेकिन ये मेनस्ट्रीम में नहीं आ सका. फिर आए डांसिंग के भगवान माइकल जैक्सन. और उनके साथ ही घर-घर पहुंचा ब्रेक डांस. माइकल जैक्सन ने अपने खास मून वॉक के जरिए लोगों को दीवाना बना दिया. इस मूव में माइकल जैक्सन स्टेज पर आगे-पीछे ऐसे तैरते नजर आते हैं, जैसे उन पर धरती के गुरुत्वाकर्षण का कोई असर ही नहीं हो रहा. माइकल जैक्सन ने 25 मार्च 1983 में पहली बार मून वॉक लोगों के सामने लाइव परफॉर्म किया. जब इसे टीवी पर लोगों ने देखा तो इसे पहले एक टीवी ट्रिक समझा गया. बाद में पता चला कि इसे माइकल जैक्सन ने मशहूर डांसर और सिंगर जैफ्री डैनियल से सीखा है.

माइकल जैक्सन ने ब्रेक डांस को घर-घर पहुंचा दिया.
तो फिर ओलिंपिक में मुकाबला कैसे होगा
ओलिंपिक एसोसिएशन ने अभी आधिकारिक रूप से यह नहीं बताया है कि कंपटीशन का फॉर्मेट क्या होगा, लेकिन जानकार मानते हैं कि यह पारंपरिक बैटल स्टाइल ही होगा. इसमें खिलाड़ी दूसरे को ब्रेक बीट पर चैलेंज करते हैं. परफॉर्मेंस को पॉइंट्स में आंका जाता है. जिसके ज्यादा पॉइंट्स होंगे, वह जीतेगा. पॉइंट्स देते वक्त रफ्तार, लचक, इनोवेशन, स्टाइल आदि जैसे मानक ध्यान में रखे जाएंगे. इसे कुछ-कुछ जिमनास्टिक्स की तरह ही समझिए.
किन देशों के बीच होगा कड़ा मुकाबला
चूंकि अमेरिका में यह डांसिंग स्टाइल काफी पॉपुलर और पुराना है, ऐसे में वहां के दावेदार तगड़े हैं लेकिन कुछ और देश हैं, जहां ब्रेक डांसिंग के तगड़े मुकाबले होते हैं. इनमें शामिल हैं ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, जापान, रूस और चीन. अगले ओलिंपिक में इन देशों के ब्रेक डांसर खिलाड़ियों पर सबकी नजर रहेगी.