बप्पी दा सिर्फ 'डिस्को वाले' ही नहीं थे, उन्हें कई तरह से याद किया जा सकता है
एक पूरी पीढ़ी का नॉस्टेल्जिया बप्पी लाहिड़ी से जुड़ा हुआ है.
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बप्पी लाहिड़ी को श्रद्धांजलि देती एक महिला. (तस्वीर- पीटीआई)

आशुतोष दुबे.
ये आर्टिकल आशुतोष दुबे ने लिखा है. आशुतोष सुपरिचित कवि-लेखक-स्तम्भकार हैं. उनके चार कविता-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं. चोर दरवाज़े से, असम्भव सारांश, यक़ीन की आयतें और विदा लेना बाक़ी रहे. आशुतोष अक्सर सिनेमा पर लिखते रहते हैं. बप्पी लाहिड़ी के निधन पर उन्होंने कुछ लिखा है, जो बप्पी दा के संगीत के अन्य पहलूओं को टटोलता है. ये आर्टिकल 'डिस्को म्यूजिक' से इतर बप्पी दा की रचनाधर्मिता को समग्रता से देखने की कोशिश करता है. हम इसे आशुतोष की इजाज़त से अपने पाठकों के सामने रख रहे हैं.