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6 दिसंबर, 1992: बाबरी ध्वंस की मिनट दर मिनट कहानी

अयोध्या से दिल्ली तक क्या-क्या हुआ उस दिन, जानिए...

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विवादित इमारत को ध्वंस करते कारसेवक. फोटो. इंडिया टुडे आर्काइव.
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30 सितंबर 2020 (Updated: 30 सितंबर 2020, 05:56 IST)
Updated: 30 सितंबर 2020 05:56 IST
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6 दिसंबर, 1992. अयोध्या में बाबरी ढांचा ध्वस्त किया गया. सीबीआई की विशेष अदालत बुधवार 30 सितंबर 2020 को फैसला सुनाने जा रही है. वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा की किताब 'यु्द्ध में अयोध्या' में उस दिन का पूरा किस्सा दर्ज है. हेमंत शर्मा उन दिनों 'जनसत्ता' के रिपोर्टर थे. और बाबरी ध्वंस के वक्त मौके पर मौजूद थे.
हेमंत शर्मा लिखते हैं सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में सांकेतिक कारसेवा की इजाज़त दी थी. इसके लिए लाखों कारसेवक यहां पहुंच चुके थे. तनाव चरम पर था. और उस दिन राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र था विश्व हिंदू परिषद के नेता विनय कटियार का घर. यहीं बीजेपी और वीएचपी के सारे नेता जुटे. यहां से विवादित स्थल पर पहुंचे. मुख्यमंत्री कल्याण सिंह लखनऊ से और प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव दिल्ली से हालात का जायजा ले रहे थे. 6 दिसंबर 92 को और क्या-क्या हुआ मिनट दर मिनट ब्योरा जानिए.


 
बाबरी ध्वंस. फोटो. इंडिया टुडे आर्काइव.
बाबरी ध्वंस. फोटो. इंडिया टुडे आर्काइव.


                      सुबह 7 से शाम 7 बजे तक कुछ यूं चला घटनाक्रम 
7.00 बजेः विहिप नेता विनय कटियार अयोध्या में अपने घर 'हिंदू धाम' में हैं. उनके पास प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव का फोन आता है. प्रधानमंत्री कटियार से बात करके हालात का जायजा लेते हैं. विनय कटियार उनको आश्वस्त करते हैं कि कारसेवा प्रतीकात्मक होगी, जैसा कल तय हुआ था, आप निश्चिंत रहें.
8.00 बजेः विनय कटियार के घर बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी पहुंचते हैं. अशोक सिंहल यहां पहले से मौजूद थे. सबने साथ नाश्ता किया. कारसेवकों को कैसे काबू में रखा जाए, इस पर रणनीति बनी. कारसेवकों की बढ़ती संख्या इनकी चिंता का कारण थी.
8.30 बजेः विनय कटियार के घर पर मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने तीनों नेताओं से फोन पर बात की. और स्थिति संभालने का आग्रह किया. अनहोनी की आशंका से कल्याण सिंह चिंतित थे.
9.00 बजेः फैजाबाद सर्किट हाउस में जिलाधिकारी और एसएसपी के साथ सुप्रीम कोर्ट ऑब्जर्बर तेजशंकर के साथ बैठक होती है.
9.30 बजेः केंद्रीय गृह सचिव माधव गोडबोले ने आईटीबीपी यानी भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के महानिदेशक से कहा कि वे केंद्रीय बलों के साथ तैयार रहें. जैसे ही राज्य सरकार उनकी मदद मांगे, वे केंद्र सरकार के औपचारिक आदेश के बिना कूच करें. आईटीबीपी के महानिदेशक फैजाबाद में ही कैंप कर रहे थे.
10.00 बजेः जिस विवादित चबूतरे पर प्रतीकात्मक कारसेवा यज्ञ और हवन के रूप में होनी थी, वहां आडवाणी, जोशी को देख कारसेवक भड़क गए. नारेबाजी होने लगी. कारसेवकों ने पहली बार बाड़ तोड़ी.
11.30 बजेः रामकथा कुंज में कोई एक लाख कारसेवकों की मौजूदगी की खबर दिल्ली को लगी. यहां नेताओं के भाषण चल रहे थे. मंच पर बीजेपी, विश्व हिंदू परिषद और संघ के शीर्ष नेता मौजूद थे. चौतरफा उत्तेजना थी, लेकिन सब काबू में.
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12.00 बजे गृह मंत्रालय को आईबी के जरिए सूचना मिली कि 200 कारसेवक विवादित इमारत में जबरन घुस गए हैं. राज्य पुलिस और पीएसी उन्हें रोक नहीं पाई. स्थानीय अफसरों ने भी कोई दखल नहीं दिया. कारसेवकों ने तोड़-फोड़ शुरू कर दी है. ये सूचना प्रधानमंत्री नरसिंह राव और गृह मंत्री एसबी चव्हाण को तुरंत दी गई. आईबी ने मानस भवन के एक कमरे में तीन कैमरे लगा रखे थे. जहां से पूरे दिन की उन्होंने वीडियो रिकॉर्डिंग की थी. बाद में यही रिकॉर्डिंग सीबीआई जांच का आधार बनी.
12.10 बजेः केंद्रीय गृह सचिव ने यूपी के मुख्य सचिव को फोन किया. लेकिन बात नहीं हो पाई. तब राज्य के पुलिस महानिदेशक से कहा कि वे तुरंत फैज़ाबाद में तैनात केंद्रीय बलों का इस्तेमाल करें.
12.25 बजेः गृहमंत्री एसबी चव्हाण ने मुख्यमंत्री कल्याण सिंह से बात की. और ढांचे पर हमले की चिंता जता, उनसे फौरन कार्रवाई करके ढांचे को खाली कराने की अपील की. गृहमंत्री ने मुख्यमंत्री से कहा, आप केंद्रीय बलों का इस्तेमाल करें. कल्याण सिंह बोले, हमें परस्पर विरोधी खबरें मिल रही हैं. मैं मामले की जांच कर आपको बताता हूं. लेकिन कल्याण सिंह ने गृहमंत्री को दुबारा फोन नहीं किया.
12.30 बजेः मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने अयोध्या कंट्रोलरूम से संपर्क साधा और कमिश्नर से बात की. उनसे जो कुछ चल रहा था, उस पर अपना गुस्सा जताया. साथ ही ये भी कहा, बिना गोली चलाए हालात को संभालें. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के पर्यवेक्षक तेजशंकर ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को बताया कि ढांचे पर कुछ कारसेवक चढ़ गए हैं. वैसे कोई स्थाई निर्माण नहीं हो रहा है. असल में तेजशंकर स्थाई निर्माण पर नज़र रखने के लिए आए थे. जबकि वहां तो ध्वंस हो रहा था.
12.40 बजेः आईटीबीपी के महानिदेशक ने गृह मंत्रालय को सूचित किया कि ढांचे को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. लेकिन यूपी पुलिस कोई एक्शन नहीं ले रही है. रैपिड एक्शन फोर्स की 2 बटालियन कार्रवाई के लिए तैयार हैं. दोनों बटालियनें फैजाबाद के डोगरा रेजिमेंटल सेंटर में राज्य सरकार के मजिस्ट्रेटों का इंतजार कर रही हैं.
1.00 बजेः केंद्रीय गृहमंत्री ने यूपी के राज्यपाल बी सत्यनारायण रेड्डी से बात की. उन्हें बाबरी ढांचे पर हमले की सूचना दी. और उन्हें ढांचे को बचाने के लिए दखल देने को कहा.
1.15 बजेः डीएम फैजाबाद, ने डीआईजी सीआरपीएफ से 50 कंपनी केंद्रीय बलों की मांग की. महानिदेशक आईटीबीपी ने जिला प्रशासन से इन केंद्रीय बलों के लिए मजिस्ट्रेट मांगे. असल में कानून के तहत मजिस्ट्रेट के बिना सुरक्षा बल आगे नहीं बढ़ सकते.
1.30 बजेः अयोध्या कंट्रोलरूम को मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का लिखित संदेश  मिलता है कि गोली नहीं चलेगी. उसके बिना विवादित परिसर खाली कराएं.
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1.40 बजेः केंद्रीय बलों को लाने के लिए एक मजिस्ट्रेट और सर्किल अफसर फैजाबाद के डोगरा रेजिमेंटल सेंटर पहुंचे.
1.50 बजेः आईटीबीपी के महानिदेशक ने गृह मंत्रालय से फिर कहा, ढांचे को काफी नुकसान पहुंचा है. पर यूपी पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है. केंद्रीय बलों की तीन बटालियनें मजिस्ट्रट के साथ अयोध्या के लिए रवाना हो गईं.
2.00 बजेः गृहमंत्री चव्हाण ने मुख्यमंत्री कल्याण सिंह से बात करके फिर पूछा कि ढांचे की हिफाजत के लिए अब तक क्या किया? कल्याण सिंह ने कहा, वे पूरी तरह ढांचे को बचाने की कोशिश में लगे हैं. पर गोली चलाने से मना किया है.
2.20 बजेः डीजी आईटीबीपी ने गृह मंत्रालय को सूचित किया कि फैजाबाद कैंप से चली अर्धसैनिक बलों की तीनों बटालियनों को विरोध और बाधाओं का सामना करना पड़ा है. रास्ते में लोगों ने बाधाएं खड़ी कर सड़क रोक रखी है. पथराव की घटना भी हुई. तब मजिस्ट्रेट ने उन्हें लिखकर दिया कि वे वापस लौट जाएं. तीनों बटालियनें वापस लौट गईं. स्थिति जस की तस बनी हुई है.
2.30 बजेः केंद्रीय गृहसचिव यूपी के डीजीपी से कहा, केंद्रीय बलों को लोकल अफसरों ने वापस कर दिया है. आप उन्हें हिदायत दें कि वे सुरक्षा बलों का इस्तेमाल करें.
2.40 बजेः केंद्रीय गृहसचिव ने रक्षा सचिव से बात कर कुछ हेलीकॉप्टर तैयार रखने को कहा, ताकि जरूरी हो तो केंद्रीय बल हवाई मार्ग से जा सकें. उनसे एक-दो ट्रांसपोर्ट जहाज भी तैयार रखने को कहा.
2.50 बजेः आईबी ने गृह मंत्रालय को सूचित किया कि ढांचे का पहला गुंबद गिर गया है. स्थिति तेजी से बिगड़ रही है. अयोध्या में सांप्रदायिक वारदातें भी शुरू हो गई हैं. दंगे भड़कने की आशंका है. केंद्रीय बल मौके पर जाने में असमर्थ हैं. डीजीपी उत्तर प्रदेश ने सूचित किया बिना फायरिंग अब स्थिति को काबू में नहीं रखा जा सकता. इसके लिए मुख्यमंत्री से आदेश लिए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने अब तक कोई आदेश नहीं दिया है. रामकथा कुंज के मंच पर आडवाणी, जोशी और सिंहल फिर आए. तीनों काफी चिंतित दिख रहे थे. उमा भारती खुशी से उछल रही थीं. वे खुशी में डॉ. जोशी की पीठ पर चढ़ गईं.
3.00 बजेः रेसकोर्स रोड पर प्रधानमंत्री निवास में प्रधानमंत्री के निजी डॉक्टर के श्रीनाथ राव की तबीयत देखने दोबारा आते हैं. सुबह वे आकर जा चुके थे. रेड्डी बताते हैं, राव का ब्लडप्रेशर बढ़ा हुआ था. चेहरा लाल था. वे काफी उत्तेजित थे. उनकी धड़कन और नाड़ी तेज थी. वे कुछ बोल नहीं रहे थे. आमतौर पर वे मुझसे तेलुगू या अंग्रेजी में बात करते थे. पर आज कुछ नहीं कहा.
4.30 बजेः केंद्रीय गृह सचिव ने सभी राज्यों के गृह सचिवों, पुलिस महानिदेशकों से कहा कि सांप्रदायिक स्थिति पर नजर रखें. अगर स्थिति बिगड़ती है तो केंद्र की मदद लें. सैन्य अधिकारियों से भी सीधे मदद ली जा सकती है. गृह सचिव ने सेनाध्यक्ष और रक्षा सचिव  से कहा, स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए सेना तैयार रहे.
4.40 बजेः विवादित इमारत का मुख्य गुंबद भी गिर गया. इसे विश्व हिंदू परिषद गर्भगृह कहती है. सारे स्थानीय अफसर अब अपनी जगह छोड़ भाग खड़े हुए. रामकथा कुंज में सिर्फ कुछ साधु-संत थे. आचार्य धर्मेंद्र, साध्वी ऋतंभरा आदि कारसेवकों को ललकार रहे थे. कारसेवक भी लौटने लगे. पूरा परिसर विचारहीन दिमाग की तरह खाली दिखने लगा.
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5.00 बजेः अयोध्या में रहने वाले मुसलमानों पर हमले शुरू हो गए. उनके घर और दुकानें जलाई जाने लगीं. अयोध्या से लौटते कारसेवकों का ये कारनामा था. इन वारदातों में कई मुस्लिम मारे गए. स्थानीय बाबरी नेता हाजी महबूब से विवाद के बाद एक कारसेवक के गायब होने की अफवाह के बाद यह हिंसा भड़की.
5.15 बजेः डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने अपने हाथ से एक अपील लिखी. इसमें  विवादित इमारत ध्वस्त करने पर कारसेवकों को बधाई दी गई. कारसेवकों से अनुरोध किया गया कि वे अयोध्या के मसलमानों के घरों और दुकानों पर हमला न करें, क्योंकि अयोध्या के मुसलमानों से उनकी कोई दुश्मनी नहीं है. जोशी ने ये लेटर विधायक लल्लू सिंह के पास इस निर्देश के साथ भेजा था कि वे जीप से घूम-घूमकर कारसेवकों से अपील करें. पर कारसेवकों के गुस्से को देख लल्लू सिंह पहले मौके से अंतर्ध्यान थे. वे प्रशासन को नहीं मिले.
5.30 बजेः कारसेवक बस स्टेशन, रेलवे स्टेशनों की ओर लौट रहे थे. सभी के हाथ में ध्वस्त इमारत की ईंट, बैरिकेडिंग के पाइप और मलबे के टुकड़े थे. कारसेवक विजय के स्मृतिचिह्न ले जा रहे थे. तब तक मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का इस्तीफा हो चुका था.
5.30 बजेः केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यूपी की इस्तीफा दे चुकी सरकार को बताया कि सेना तैयार है. जिलाधिकारी चाहें तो सेना भेजी जा सकती है. गृह मंत्रालय ने रक्षा मंत्रालय से कहा कि तीन एएन-12 जहाज लखनऊ हवाई अड्डे पर तैयार रखें.
5.40 बजेः फैजाबाद के केंद्रीय कैंप में अब तक अर्धसैनिक बलों की मांग वाला कोई लेटर फैजाबाद जिला प्रशासन ने नहीं भेजा था.
6.00 बजेः फैजाबाद में अर्धसैनिक बलों के कैंप में एक एडीएम बिना मजिस्ट्रेट के पहुंचे और 50 में से 6 कंपनी सुरक्षा बल अपने साथ ले गए.
6.45 बजेः बाबरी ढांचे के समतल चबूतरे पर एक तंबू में रामलला की मूर्तियां रख दी गईं. अस्थाई ढांचे का निर्माण शुरू कर दिया गया.
7.00 बजेः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यूपी सरकार को बर्खास्त करने, विधानसभा भंग कर राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर दी.


 
वीडियो देखें: अयोध्या में उस आदमी का इंटरव्यू जिसने बाबरी मस्जिद तोड़ी थी!

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