हो सके तो लौट आओ ‘रिटायर’ लियोनल मेसी...
लगातार दो फाइनल्स में रो चुके मेसी को इस बार फाइनल के बाद हंसते हुए देखने की तमन्ना थी लेकिन मेसी फिर रोया. वजह कहीं ये तो नहीं.
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फोटो - thelallantop
'यह कठिन क्षण है. एनालसिस करना संभव नहीं है. मैंने लॉकर रूम में इस बारे में काफी सोचा और मुझे लगता है कि मेरे लिए नेशनल टीम करियर अब खत्म हुआ. यह मेरे लिए नहीं है. मेरे लिए नेशनल टीम अब खत्म हो गई. मैं जो कर सकता था, किया. चैंपियन ना बन पाना बहुत तकलीफ देता है.'ये शब्द उस खिलाड़ी के हैं, जिसने अकेले दम पर अपनी टीम को फीफा वर्ल्ड कप 2014, कोपा अमेरिका 2015, कोपा अमेरिका 2016 के फाइनल में पहुंचाया. वो खिलाड़ी जिसके बाएं पैर से हिट की हुई गेंद को रोकना शायद भगवान के लिए भी संभव नहीं है. जिसे घातक बीमारी नहीं हरा पाई, वो हार गया. ये तो सबको पता था कि क्लब फुटबॉल में बार्सिलोना के लिए खेलते हुए दुनिया का हरसंभव खिताब जीत चुके प्लेयर को लगातार तीन फाइनल में मिली हार हर्ट तो करेगी ही, लेकिन इतना करेगी इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी.फिर रोया लिजेंड...लगातार दो फाइनल्स में रो चुके मेसी को इस बार फाइनल के बाद हंसते हुए देखने की तमन्ना थी, लेकिन मेसी फिर रोया. इस बार इतना रोया कि उसके आंसुओं के सैलाब में सारी खुशियां धुल गईं. तीन दिन पहले ही 29 साल के हुए मेसी के फैंस का जश्न अभी थमा भी नहीं था कि उन पर रिटायरमेंट की बिजली गिर गई.इस टूर्नामेंट के पहले दो मैचों में ना खेल पाए मेसी ने वापस आते ही कमाल का खेल दिखाया और तीस मिनट में हैट्रिक जमा दी. हर मैच में गोल और असिस्ट करते आ रहे मेसी के दम पर गोंजालो हिगुएन जैसे अहम मौकों पर चूकने वाले प्लेयर भी हीरो बन गए थे. लेकिन फाइनल मैच में जैसे पूरी टीम मिलकर इस हीरो को हराने पर जुट जाती है. रोमेरो से सेव नहीं होते, हिगुएन तो हिगुएन, एग्वेरो भी गोल नहीं कर पाते. रोजो जैसे जोशीले डिफेंडर जरूरत के वक्त रेड कार्ड लेकर बेंच पर हो लेते हैं. लेकिन मेसी, इट्स नॉट फेयर यार. तुम हार नहीं सकते मेसी जब तुम छोटे थे और इतनी बड़ी बीमारी से जूझ रहे थे. तब तो तुमने हार मानी नहीं और अब जबकि तुम सर्वकालिक महान फुटबॉलर बन गए हो तो इतनी आसानी से हार मान लोगे.एसोसिएशन का तो काम ही है सिर्फ पैसे बटोरना फिर चाहे वो AFA हो या AIFF लेकिन तुम जैसे सितारों का काम है जीतना और तुम उसे कर रहे हो. AS रोमा को चैंपियन बने कितने दशक हो गए लेकिन फ्रैंसिस्को टोटी ने हार नहीं मानी. बंदा चालीस का होने वाला है लेकिन उसी जज्बे के साथ खेल रहा है. आंद्रिया पिर्लो को टीम में नहीं सेलेक्ट किया गया लेकिन वो रिटायर नहीं हुआ. अगर तुम ज्लाटन इब्राहिमोविच की देखा-देखी रिटायर हो रहे हो तो एक बात कान खोलकर सुन लो, स्वीडन से तो लाख गुना अच्छी है तुम्हारी टीम. खेल में भी और टीम स्पिरिट में भी. तुम रिटायर क्या हुए एग्वेरो, मस्करान्हो ने भी रिटायर होने की बात कह दी. लुकास बिग्लिया, एंजेल डि मरिया इनका क्या कसूर है कि ये अभी से रिटायर हो जाएं? लवेजी और हिगुएन का तो खैर छोड़ ही दो वो आज ही रिटायर हो जाएं वही ठीक होगा. ‘भगवान’ की तो सुन लेते. अरे हां, एक बात और. तुम्हारे बारे में इब्राहिमोविच ने क्या कहा है पता है तुम्हें? ना पता हो तो पढ़ लो, वो सिर्फ अपने बाएं पैर का इस्तेमाल करता है तो वो दुनिया में बेस्ट है. सोचो अगर वो अपना दायां पैर भी यूज करे तो? हमें सच में गंभीर समस्या हो जाएगी.’ दुनिया के सबसे एरोगेंट फुटबॉलर का ये कोट तुम्हें और खेलने पर मजबूर नहीं करता? सच बताना. एक और बात कही थी इब्राहिमोविच ने, मेसी प्योर टैलेंट है जबकि रोनाल्डो अत्यधिक ट्रेनिंग का प्रोडक्ट ऐसे कोट भी अगर तुम्हें रिटायरमेंट वापस लेने को प्रेरित ना कर पाएं तो जरा एक बार याद करना, 2009 से 11 का वो दौर जब अपने करियर के पीक पर चल रहा इब्रा बार्सिलोना आया था. दुनिया के बेस्ट मैनेजर्स में से एक पेप गॉर्डियोला ने उस वक्त दुनिया के बेस्ट स्ट्राइकर को सिर्फ तुम्हारे चलते साइडलाइन कर दिया था. जबकि इब्राहिमोविच ने लगातार गोल पर गोल किए थे. ये था फुटबॉल के सबसे जीनियस मैनेजर का तुम पर भरोसा. इस भरोसे ने इब्राहिमोविच को इतनी तकलीफ दी कि उसने अपनी फरारी 330 KMPH की स्पीड से ले जाकर ट्रेनिंग ग्राउंड की चारदीवारी पर ठोंक दी. वो लड़ गया गॉर्डियोला से कि उसे विंग पर क्यों खिलाया जा रहा है. हर तरफ से निराश होकर वो इब्राहिमोविच वापस चला गया जिसने कई क्लबों और देशों को घरवापसी पर मजबूर कर दिया था. इन सबसे बावजूद इब्रा ने अपनी बायोग्राफी में सिर्फ तुम्हारी तारीफ ही की है. ये तो तुम जानते ही होगे कि ज्लाटन अपने आगे किसी की तारीफ नहीं करता. क्या ये भी तुम्हारे लिए मायने नहीं रखता कि खुद को गॉड कहने वाला तुम्हारे लिए कहता है, ‘He Is Genius & I M God; Zlatan Ibrahimovic खैर अब, जबकि तुम रिटायर हो ही गए हो तो हम क्या कर सकते हैं, यूट्यूब पर तुम्हारी वर्ल्ड कप में ईरान और कोपा अमेरिका में अमेरिका के खिलाफ ली हुई फ्री किक के वीडियो देखेंगे. तुम्हारी वो क्रिएटिविटी देखेंगे जिस पर इसी कोपा अमेरिका में लवेजी, हिगुएन ने गोल कर अपने लिए नाम कमाया. माना कि तुम AFA से खुश नहीं थे, जैसा कि तुमने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा था. लेकिन मेरे हीरो, मैदान के बाहर की मुसीबतों से घबराकर जो मैदान में उतरना छोड़ दे उसका नाम कोई याद नहीं रखता. नाम उनके याद रखे जाते हैं जो बाहर की मुसीबतों को मैदान में लाकर उनसे पार पाएं और दुनिया को दिखा दें, He Is An Absolute Genius हो सके तो ये कोट पढ़ लो और लौट आओ लिटिल मैजीशियन:Zlatan Ibrahimovic- He does things only seen in video games. I saw his second goal against Getafe and it was incredible, magical. He is back and he looks hungry. I really enjoy watching him play. Pep Guardiola– (Manager Manchester City, Ex Barcelona & Bayern Munich); Don’t write about him. Don’t try to describe him. Watch him. Diego Maradona– I have seen the player who will inherit my place in Argentine Football and his name is Messi. Messi is a genius and he can become an even better player. Pele- I like Messi a lot, he’s a great player. Technically, we’re practically at the same level. Arsene Wenger (Manager Arsenal) – Messi is a Playstation. Kobe Bryant (BasketBall Legend)- I wear the number 10 Jersey for the US National Team in honour of the Greatest athlete I have ever seen: Jose Mourinho (Manager Manchester United, Ex Real Madrid, Chelsea, Inter Milan)- The best way to stop Messi is when you play with 11 men and then you can double mark him, one player to stay on him and the other to help out. If it is 11 against 10 then you have almost no chance of stopping him.