जिस बंदे के नाम पर पड़ा अमेरिका का नाम उसका है आज बर्थडे
न वो कोई नेता था, न कलाकार, न कोई धर्मगुरु, न अवतार फिर काहे मिली इतनी फुटेज?
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फोटो - thelallantop
अमेरिगो वेस्पूची का जन्म इटली के फ्लोरेंस शहर में 9 मार्च 1454 को हुआ था. मने आज बड्डे है. ओ तेरा बड्डे आया. बड्डे बॉय के पैतृक नाम 'अमेरीगो' पर अमरीका का नाम पड़ा. इत्ता भौकाल काहे बे? ऐसा इसलिए क्योंकि सबसे पहले इन्होंने ही इसे 'नई दुनिया' के रूप में पहचाना था. इन्होंने प्रूव किया कि ब्राजील और वेस्टइंडीज इस्टर्न एशिया का हिस्सा नहीं है.
वेस्पूची चचा के घर पढ़े थे. अंकल एंटोनियो ने पढ़ाई-लिखाई कराई. इनके जो भाई थे वो पढ़ाई पूरी करने के लिए पीसा की यूनवर्सिटी चले गए. तब इनने इन्होंने सौदागर की जिंदगी जीना पसंद किया. सौदागर, सौदाकर दिल ले ले. दिल देकर.
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24 साल की उम्र में वेस्पूची अपने चचा की कंपनी घूमने फ्रांस गए. इनके पापा ने कहा कुछ काम धंधा कर लो. इनने कर लिया. फ्लोरेंस में मेडिसी के व्यापारिक कार्यालय में क्लर्क का काम करते थे. व्यापारिक समझते हो? हिंदी पढ़ा करो. इस दौरान इनकी दिलचस्पी भूगोल, ग्लोब, रेखाचित्र और मानचित्रों को स्टडी करने में हुई.
स्टडी की और बन गए मानचित्रकार. मैप बनाता है जो. गूगल मैप वाला ऐप नहीं ढपोरशंख! बाद में अपने फ्लोरेंस के साथी जानतो वेरार्डी के साथ सविल में काम करने लगे. 1495 में वेरार्डी की मौत के बाद सब खत्म हो गया. अब निकल लो. अमेरिका के नामकरण का किस्सा सुनाए हैं. खबर को शेयर करो नहीं तो ट्रंप छोड़ देंगे तुमपे.