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जिस प्रियंका तनेजा को राम रहीम ने हनीप्रीत और अब 'रूहानी दीदी' बना दिया, उसकी कहानी क्या है?

हनीप्रीत के 'पति' ने राम रहीम पर हनीप्रीत के यौन उत्पीड़न आरोप लगाए थे.

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हनीप्रीत बीजेपी पर कई गंभीर आरोप लगा चुकी है.
26 अक्तूबर 2022 (Updated: 26 अक्तूबर 2022, 23:06 IST)
Updated: 26 अक्तूबर 2022 23:06 IST
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बलात्कारी और हत्यारा गुरमीत राम रहीम सिंह (Gurmeet Ram Rahim) फ़िलहाल परोल पर जेल से बाहर है. ‘वर्चुअल सत्संग’ कर रहा है. जन सभाएं कर रहा है. म्यूज़िक वीडियो बना रहा है. आज, 26 अक्टूबर को ख़बर आई कि उसने अपनी ख़ास अनुयायी हनीप्रीत (Honeypreet) का नाम बदल दिया है. राम रहीम ने हनीप्रीत का नाम बदलकर 'रूहानी दीदी' रख दिया है. तो, आज के मौक़े पर आपको सुनाते हैं कहानी हनीप्रीत की.

गुरमीत की 'गुड्डी', जिसके बिना उसका एक मिनट नहीं कटता

25 अगस्त 2017 को बाबा कहलाने वाला गुरमीत राम रहीम सिंह 'इंसां' जब कोर्ट में रेपिस्ट साबित हुआ, तभी से एक लड़की उसके साथ साए की तरह दिखाई पड़ रही थी. वो उसके साथ कोर्ट में भी गई और कोर्ट से निकलने के बाद गुरमीत के साथ हेलिकॉप्टर में जाती हुई भी दिखी. ये कोई और नहीं, गुरमीत की बेटी थीं, जिन्हें कुछ साल पहले गुरमीत ने अडॉप्ट कर अपना नाम दिया था. नाम, हनीप्रीत.

20 साल के लिए जेल में बुक हो चुके बलात्कारी राम रहीम ने CBI कोर्ट से अपील भा की थी कि हनीप्रीत को जेल में उसके साथ रहने दिया जाए. वो कहता था कि हनीप्रीत उसकी फिजियोथेरेपिस्ट है और उसका मसाज भी करती है. दोनों एक-दूसरे के साथ रहना चाहते थे. हनीप्रीत ने भी कोर्ट में एप्लीकेशन दिया था. कोर्ट ने दोनों की गुहार नहीं सुनी. कुछ समय बाद हनीप्रीत के गायब होने की ख़बरें आने लगीं. उनका एक लेटर वायरल हुआ था, जिसमें लिखा था,

'मैं हनीप्रीत इंसा सही सलामत सिपाही विकास नम्बर 3/783 फतेहाबाद के साथ जा रही हूं.'

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हनीप्रीत का लेटर.

हनीप्रीत के खिलाफ लुकआउट नोटिस

हरियाणा पुलिस ने हनीप्रीत इंसा के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया था. इसमें उस इन्सान को रोकने से लेकर गिरफ्तारी तक अलर्ट शामिल होता है. ये नोटिस सीधे एयरपोर्ट इमीग्रेशन विभाग को भेजा जाता है. उस शख्स को एयरपोर्ट में घुसने से रोका जा सकता है. एयरपोर्ट विभाग उस शख्स के आने पर सूचना देता है. हिरासत में भी ले सकता है. तो हनीप्रीत के लिए यही वाला नोटिस जारी कर दिया गया था. हनीप्रीत पर आरोप लगे थे कि उसने रामरहीम को जेल से भगाने की साजिश रची थी. एक इंटरव्यू में हनीप्रीत के 'पति' ने दावा किया था कि गुरमीत और हनीप्रीत के बीच यौन संबंध थे. हालांकि डेरा सच्चा सौदा ने इन आरोपों को खारिज किया था.

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रेपिस्ट करार दिए जाने के बाद राम रहीम के साथ हेलिकॉप्टर में हनीप्रीत

गुरमीत का अपनी बेटी और बेटी का अपने पिता के लिए ये प्रेम नया नहीं. हनीप्रीत के सोशल मीडिया अकाउंट्स अपने पिता के साथ बनाए गए वीडियो से भरे पड़े हैं. कोई साथ में की हुई उनकी फिल्मों के बारे में है, तो कोई यूं ही, बस पिता को नमन करते हुए. पिताजी भी इन्हें प्यार से गुड्डी बुलाते हैं. ये प्रेम इतना ज्यादा है कि जिस दिन केस का नतीजा आना था, कोर्ट से ख़ास इजाज़त लेकर, गुरमीत अपनी बेटी को कोर्ट लेकर गया था.

‘हमारी back में दर्द है’

फैसले के दिन, यानी 25 अगस्त को गुरमीत जब कोर्ट में गया, उसकी बेटी उसके साथ थी. कोर्ट ने जब उसे रेपिस्ट बताया, तो उसके बाद जेल जाते वक्त हेलिकॉप्टर में भी हनीप्रीत उसके साथ थीं. राम रहीम चाहता था कि हनीप्रीत उसके साथ जेल में भी रहे. अखबार दैनिक भास्कर के मुताबिक़ गुरमीत ने कहा था कि उनकी पीठ में तकलीफ है. उसके मुताबिक उसकी बेटी हनीप्रीत एक्यूप्रेशर स्पेशलिस्ट हैं. वो ही उसका खयाल रखती हैं इसलिए उनका साथ में रहना बेहद जरूरी है.

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मगर जेल में किसी का परिजन उसके साथ नहीं रह सकता. जाहिर सी बात है कि हनीप्रीत को गुरमीत के साथ जेल में नहीं जाने दिया गया. मगर गुरमीत नहीं माना और नियमों के खिलाफ अपनी बेटी को बुलाने के लिए कहा. जब पुलिस अफसरों ने मना किया, गुरमीत ने उन्हें धमकी दी. कि मेरी बेटी को आने की इजाज़त दो, वरना CM से कहकर तुम्हें सस्पेंड करा दूंगा.

कैसे मिले पापा और बेटी?

हनीप्रीत डेरा सच्चा सौदा की अनुयायी थीं. वो 1999 में डेरे से जुड़ीं. और जुड़ने की वजह थी उनके पति. उसी साल उनकी शादी विश्वास गुप्ता नाम के व्यक्ति से हुई थी. विश्वास गुप्ता का परिवार डेरा के साथ जुड़ा हुआ था. 1990 में गुरमीत डेरे के प्रमुख बने थे. 9 साल बाद यानी 1999 में गुरमीत राम रहीम सिंह की उपस्थिति और उसके आशीर्वाद के साथ ही दोनों की शादी संपन्न हुई थी. शादी के पहले उनका नाम प्रियंका तनेजा था.

कौन हैं विश्वास गुप्ता?

विश्वास गुप्ता बाएं)
विश्वास गुप्ता (बाएं) और उनके पिता एमपी गुप्ता.

विश्वास करनाल डिस्ट्रिक्ट की घरौंदा सीट से दो बार MLA रहे रुलिया राम के पोते हैं. विश्वास के पिता का नाम एमपी गुप्ता है. विश्वास के पिता ने ही डेरा को सबसे पहले अपनाया था. तब उसके गुरु राम रहीम नहीं, शाह सतनाम हुआ करते थे. शाह सतनाम वही थे जिनके जाने के बाद गुरमीत को डेरा के 'पिताजी' का दर्जा मिला था. एमपी गुप्ता और गुरमीत गुरु भाई कहलाते थे, क्योंकि दोनों ही शाह सतनाम के अनुयायी थे.

मगर गुरमीत से बनी नहीं

2011 में प्रियंका तनेजा ने अपने पति और ससुर पर दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाया. तब तक प्रियंका को गुरमीत अपनी बेटी जैसा बताने लगा था. बाबा का बेटी के ऊपर हाथ था. बदले में गुप्ता परिवार कोर्ट पहुंचा. विश्वास गुप्ता ने अपनी पत्नी की कस्टडी की मांग की.

सोर्स: इन्स्टाग्राम
सोर्स: इन्स्टाग्राम

इधर डेरा वालों ने भी विश्वास गुप्ता और एमपी गुप्ता पर एकाध केस ठोंक दिए थे. दहेज उत्पीड़न का केस फाइल होने के दो साल बाद एमपी गुप्ता ने गुरमीत राम रहीम पर केस फाइल कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि जब डेरे के प्रमुख शाह सतनाम थे, तब गुरमीत ने उन्हें लालच देकर डेरा जॉइन करवाया. आरोप लगा कि गुरमीत ने उन्हें सारी प्रॉपर्टी बेचकर पैसे डेरा की फैक्ट्रियों में लगाने के लिए कहा.

सोर्स: ट्विटर/चितलीन सेठी
सोर्स: ट्विटर/चितलीन सेठी

 
हनीप्रीत और बाबा के बीच अफेयर के आरोप

विश्वास गुप्ता ने गुरमीत राम रहीम पर अपनी पत्नी के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. न्यूज़ चैनल इंडिया टीवी को दिए गए बयान में विश्वास ने कहा था:

'मई 2011 में मैं बाबाजी की गुफा में रह रहा था. हम वहां इकट्ठे रहते थे. बीच में एक दिन दरवाजा खुला रह गया. मैंने दरवाजे से देखा, दोनों न्यूड थे. सेक्स कर रहे थे. उन्होंने मुझे देखा तो वो शॉक हो गए. मैं भी बहुत ज्यादा शॉक हो गया.'

सोर्स: डेलीमोशन
सोर्स: डेलीमोशन

विश्वास ने उस समय ऐसा भी कहा कि उनकी पत्नी पर हमेशा से बाबा की बुरी नजर थी. इसीलिए उन्होंने उसे मुंहबोली बेटी बनाया था. विश्वास ने ये भी कहा था कि बाबा और पत्नी को साथ देखने के बाद बाबा ने उन्हें धमकी दी थी. कि वो उनके पूरे परिवार को मार डालेंगे. जिसके चलते विश्वास और उनके परिवार को डेरा और शहर छोड़कर वहां से भागना पड़ा. मगर हनीप्रीत बाबा के साथ रहती रहीं.

सोर्स: हनीप्रीत इंसां वेबसाइट
सोर्स: हनीप्रीत इंसां वेबसाइट


गुरमीत के सामने कौन टिक सकता था!

गुरमीत के नाम पर उसके अंधभक्तों की गुंडई और हिंसा के बाद भी अधिकतर नेता चुप दिखे. गुरमीत राम रहीम एरिया के सभी नेताओं का बड़ा वोट बैंक है, इस बात में कोई दो राय नहीं. अब सोचिए कि जब नेताओं पर किसी आदमी का इतना प्रभाव हो सकता है, तो एक आम व्यक्ति पर कितना होगा. विश्वास गुप्ता और एमएल गुप्ता ने बाबा के आगे घुटने टेक दिए थे. 

गुरमीत पर आरोप लगाने के अगले ही साल दोनों एक डेरा के एक सत्संग में गिड़गिड़ाते हुए देखे गए. उनका कहना था कि वो शर्मिंदा हैं कि उन्हें बाहरी लोगों ने भड़का दिया था. उन्होंने पब्लिक में रोते हुए कहा कि उनके आरोप निराधार और झूठे थे. उन्होंने हनीप्रीत से भी उसी वक़्त पब्लिक में माफ़ी मांगी. उनके मुताबिक़ जबसे उन्होंने बाबा के खिलाफ बोला, उनके घर में बीमारियों का अंबार लग गया. तबसे एक भी रात सुकून से सो नहीं पाए.

एक्टर, डायरेक्टर
तबसे लेकर आज तक हनीप्रीत को गुरमीत अपनी तीसरी बेटी बताता आया है. गुरमीत की दो सगी बेटियां हैं, अमनप्रीत और चरणप्रीत. उनका बेटा भी है, जिसको जसमीत इंसां के नाम से जाना जाता है. मगर इन तीनों को ही मीडिया और पब्लिक में उतना नहीं देखा गया, जिस तरह हनीप्रीत को देखा गया है.



हनीप्रीत की मौजूदगी गुरमीत की मौजूदगी के साथ-साथ दिखी है. दोनों ने साथ में फ़िल्में बनाई हैं. हनीप्रीत एक्टिंग करने के अलावा क्रिएटिव डायरेक्टर और डायरेक्टर के तौर पर देखी गई हैं. गुरमीत की पिछली दो फिल्मों 'हिंद का नापाक को जवाब' और 'जट्टू इंजिनियर' में हनीप्रीत के 20 से ज्यादा क्रेडिट्स थे.

‘पापा की परी’

हनीप्रीत इन्स्टाग्राम और ट्विटर पर दिखती रहती हैं. उनके अकाउंट को देखकर उनके पिता के लिए उनकी भक्ति का अंदाजा मिलता है. फादर्स दे, रक्षाबंधन से लेकर रोज यानी गुलाब डे तक पर उन्होंने वीडियो अपलोड कर 'पापा जी' को विश किया था. उनकी एक वेबसाइट भी है जो उन्हें समाज के हित में काम करने वाली महिला के साथ-साथ एक्टर, एडिटर और डायरेक्टर बताती है.

सोर्स: इन्स्टाग्राम
सोर्स: इन्स्टाग्राम

मीडिया में हनीप्रीत की उपस्थिति और गुरमीत राम रहीम सिंह का उनके प्रति प्रेम नुमायां है. कहा जा रहा है कि गुरमीत की अनुपस्थिति में अब वो ही डेरा संभाल रही हैं. 2 साल पहले हुई एक मीटिंग में बाबा ने संकेत भी दिए थे कि उनके बाद गद्दी उनकी बेटी हनीप्रीत संभाल सकती हैं. हनीप्रीत की बात डेरा सच्चा सौदा में पत्थर की लकीर जैसी होती है.

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