आखिरकार पता चल गया कि नोट पर 'सोनम गुप्ता बेवफा है' किसने लिखा था
सोनम गुप्ता, हमें पता है बेवफा तुम नहीं, हमारा शहर, हमारा मोहल्ला, हमारा वक्त था.

इधर बीच केवल सोनम गुप्ता की धूम है. फॉग और स्मॉग धुआं हो चुके हैं. नरेंद्र मोदी पर चीख-चीखकर लोग थक चुके हैं. नोट बैन पर बहस को अगर किसी ने टक्कर दी है, तो वो सोनम गुप्ता है. फेसबुक पर एक-एक लाइक को तरसने वाले लोग सोनम गुप्ता की फ्रेंड रिक्वेस्ट पाकर कृतार्थ हुए हैं. सोनम गुप्ता की 'कथित बेवफाई' ने लोगों के दिलों पर जो मरहम लगाया है, उसका अहसान कोई नहीं चुका सकता.
इसी बीच हमारे डियर राइटर दिव्य प्रकाश दुबे ने सोनम गुप्ता के नाम एक खत लिक्खा है. खत क्या है, यूं समझिए कि दिल पर चीरा लगाया और जो निकला, वो सामने रख दिया. हमें तो पता ही नहीं था कि जिस शख्स ने हमारे लिए 'संडे वाली चिट्ठियां' लिखीं, उसका सोनम से ऐसा गहरा नाता था. तो छोड़ो बाकी सब. आओ और सीधे खत ही पढ़ लो.
डियर सोनम गुप्ता बेवफा,
सोनम, तुम सबको बता दो कि शादी से पहले तुम सिर्फ और सिर्फ सोनम थीं. गुप्ता तो तुम उस हरामी गुप्ता जनरल स्टोर वाले के लौंडे से शादी करके हुई थीं. गुप्ता जनरल स्टोर वाला एक किलो में सात सौ ग्राम तौलता है, पूरे शहर को पता है. जैसे गुप्ता जनरल स्टोर का हर सामान मिलावटी है, वैसे ही ये पूरी दुनिया मिलावटी है. ये दुनिया हमारे शुद्ध देसी घी जैसे प्यार को बर्दाश्त नहीं कर पाई.
दस रुपए के नोट से लेकर डॉलर तक, नए वाले 500 रुपए के नोट से लेकर पांच रुपए के सिक्के तक. हर जगह तुम्हारी बेवफाई छप चुकी है. मुझे मालूम है कि तुम बेवफा नहीं थीं. बेवफा हमारा शहर, हमारा मोहल्ला, हमारा वक्त था.
जब भी कोई लड़का किसी लड़की से मिल नहीं पाता, तो मन ही मन एक कहानी बना लेता है. मैंने भी मन ही मन मान लिया था कि तुम बेवफा हो. जब तक तुम थीं, तो तुमने हर बात का ख्याल रखा. अब जब तुम नहीं हो, तो तुम्हारी बेवफाई वाली कहानी ने मुझे जिंदा रखा सोनम.
तुम सबको बता क्यों नहीं देतीं कि उस दस रुपए के नोट पर तुमने खुद अपनी बेवफाई लिखी थी. उस नोट पर तुमने अपना नाम लिखकर क्यों हमारे प्यार को ऐसी सजा दी.
लोग प्यार में पड़कर कविताएं-कहानियां लिखते हैं, लेकिन सोनम. तुमने उस दस रुपए के नोट पर अपने हाथ से एक लाइन लिखकर हमारे प्यार की पूरी किताब लिख दी. सरकार चाहे कितने भी नोट बदल ले, लेकिन हमारे प्यार की निशानी इस दुनिया के आखिरी नोट तक रहेगी.
सोनम, तुम वापस लौट आओ. मैं तुम्हारे नाम से रंगे एक-एक नोट को ढूंढकर उसकी चादर बनाकर तुम्हारे साथ चैन से सोना चाहता हूं.

मैं दुनिया के हर एक नोट पर 'सोनम गुप्ता बेवफा है' लिख देना चाहता हूं, ताकि जिसको नोट मिले, उसको अपनी बेवफाई याद आए. थोड़ा-बहुत बेवफा तो दुनिया की हर वो लड़की है, जिसका नाम सोनम गुप्ता नहीं है. थोड़ा-बहुत बेचैन तो दुनिया का हर वो लड़का है, जिसने कभी अपनी सोनम गुप्ता से प्यार किया था.
सोनम गुप्ता, तुम जहां कहीं भी हो, तुम्हें सलाम पहुंचे. नोट तो तुम तक कभी न कभी पहुंच ही जाएगा.
दिव्य प्रकाश दुबे
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