महाराष्ट्र में स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के तौर पर अनिवार्य करने के मामले में बड़ा राजनीतिक विवाद छिड़ गया है. शिवसेना (UBT) और MNS जैसी विपक्षी पार्टियों की तीखी प्रतिक्रिया का सामना करते हुए फडणवीस सरकार ने मानसून सत्र से ठीक पहले अपना पुराना आदेश वापस ले लिया है. सीएम देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया कि डॉ. नरेंद्र जाधव की अध्यक्षता वाली एक नई समिति तीन-भाषा नीति के भविष्य के कार्यान्वयन पर फैसला करेगी. विपक्षी नेताओं ने भाजपा पर हिंदी थोपने और मराठी पहचान को कमजोर करने का आरोप लगाया है. राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने 5 जुलाई को एक बड़ी विरोध रैली की घोषणा की है. विवाद, राजनीति और महाराष्ट्र में भाषा नीति के लिए आगे क्या है, यह समझने के लिए पूरा वीडियो देखें.