महाराष्ट्र सरकार ने तीन भाषा नीति पर नए सिरे से अपनी स्थिति स्पष्ट की है. पहलेकक्षा एक से पांच तक के छात्रों के लिए हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में शामिल कियागया था. जिसके बाद क्षेत्रीय भाषा की वकालत करने वाले समूहों और राजनीतिक दलों नेइसका विरोध शुरू कर हिंदी को थोपने का आरोप लगाया. अब महाराष्ट्र सरकार ने नएबदलावों के साथ अपनी बात रखी है. क्या है पूरा मामला? देखिए वीडियो.