भारत के एविएशन सेक्टर में असली संकट मौसम या युद्ध नहीं, बल्कि कॉर्पोरेट लालच है.2006 में बनी एक सस्ती एयरलाइन को भारत के आसमान की चाबी सौंप दी गई. आज इंडिगो केपास 60% से ज्यादा बाजार की हिस्सेदारी है. लेकिन फ्लाइट कैंसिल और लेट फ्लाइट नेयात्रियों का तबाह कर दिया है. सरकार ने इस पर नकेल कसी, तो इसके 500+ प्लेन जमीनपर ही जम जाएंगे. देश की आधी उड़ानें बंद होने की खबर क्या नेता झेल पाएंगे? दीलल्लनटॉप एपिसोड में बात करेंगे कि कैसे एक एयरलाइन बार-बार सुरक्षा संबंधीसमय-सीमाओं का उल्लंघन करती है. कैसे ये सरकार पर अपनी शर्तें थोप सकती है? इसकेअलावा पीएम नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नए परमाणु और LNGसमझौतों पर हस्ताक्षर की भी चर्चा करेंगे.