पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने अरावली की पहाड़ियों की नई परिभाषा को मंजूरी दी. कईलोगों ने इसका विरोध किया और आशंका जताई कि इससे खनन बढ़ सकता है और अरावली का बड़ाहिस्सा संरक्षण से बाहर हो सकता है. पर्यावरणविदों का तर्क है कि इससे पहाड़ नष्टहोंगे, प्रदूषण बढ़ेगा और वन्यजीवों को खतरा होगा. दूसरी तरफ केंद्र सरकार का कहनाहै कि 90 फीसदी अरावली संरक्षित है. दी लल्लनटॉप शो में बात यूपी विधानसभा पर भीकरेंगे. समाजवादी पार्टी ने कोडीन कफ सिरप के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया, तोसीएम योगीने क्या जवाब दिया?