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पराक्रम, बलिदान और सुधार: भारत की सेनाओं के लिए कैसा रहा साल 2025?

2025 को देखें तो ये साल Indian Army, Indian Navy और Indian Airforce; तीनों के लिए काफी अहम रहा. इस साल भारत ने पाकिस्तानी आतंक का करारा जवाब देते हुए Operation Sindoor लॉन्च किया. तीनों सेनाएं जिस बहादुरी, जिस पराक्रम से जंग लड़ीं, उससे 88 घंटों के भीतर Pakistan के DGMO को भारत फोन करना पड़ा.

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year ender 2025 india army navy air force operation sindoor armed forces quick recap
भारत की सेनाओं को लिए साल 2025 बहुत ही खास रहा (PHOTO- X, Aatish Pilai)
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मानस राज
31 दिसंबर 2025 (Published: 02:54 PM IST)
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'Our Job is To Hit The Target, Not To Count The Body Bags'. यानी 'हमारा काम टारगेट को खत्म करना है, लाशें गिनना नहीं. वो हमारे दुश्मन गिनें'. साल 2025 में इंडियन एयरफोर्स के एक अधिकारी के मुंह से निकली ये बात सुनकर हर भारतीय गर्व से भर जाता है. 2025 खत्म होने के साथ हर जगह 'ईयर-एंडर' चल रहे हैं. कहीं सिनेमा के, तो कहीं किताबों के. लेकिन 2025 में सबसे अधिक चर्चा में भारत की सेनाएं रहीं. लिहाजा जानते हैं कि इंडियन आर्मी, इंडियन एयरफोर्स और इंडियन नेवी के लिए ये साल कैसा रहा. और शुरुआत करते हैं, 'बूट्स ऑन द ग्राउंड' यानी इंडियन आर्मी से.

इंडियन आर्मी : दृढ़ता, वीरता और तकनीक का तालमेल 

2025 की शुरुआत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि ये साल रक्षा क्षेत्र के लिए 'Year Of Reforms' यानी सुधारों का साल है. जनवरी में रक्षा मंत्रालय ने उन जगहों के लिए टूरिज्म सेवा को हरी झंडी दी, जहां हमारे जवान दुश्मनों को मात देते आ रहे हैं. 15 जनवरी 2025 को 'इंडियन आर्मी डे' पर 'भारत रणभूमि दर्शन' की शुरुआत हुई. भारत की सेना की तरफ से इस मौके पर पर 'भारत रणभूमि दर्शन' नाम की एक पहल शुरू की गई है. इस पहल के तहत एक नए किस्म के पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना शुरू हुई. 'भारत रणभूमि दर्शन' के तहत 77 ऐसी साइट्स को शामिल किया गया है जहां बीते कुछ सालों में किसी न किसी किस्म का मिलिट्री एक्शन हुआ है. भारत को वीर जवानों का देश कहा गया है. हर बॉर्डर, हर फ्रंट की अपनी एक कहानी है. और इन्हीं कहानियों को समेटने के लिए 'भारत रणभूमि दर्शन' को लॉन्च किया गया.

फरवरी के महीने में भारत का रक्षा बजट पेश हुआ. और 2025 के बजट में बीते साल से 61 हजार करोड़ की बढ़ोतरी देखने को मिली. इसके बाद दिन बीते और भारत लगातार अपनी क्षमता में वृद्धि करता रहा. सेनाओं के आधुनिकीकरण के साथ साथ स्वदेशीकरण की कवायद जारी रही.

लेकिन भारत में यही शांति पड़ोसी पाकिस्तान को पसंद नहीं आई. लिहाजा 22 अप्रैल को पाकिस्तान द्वारा समर्थित आतंकियों ने भारत के पहलगाम में 26 मासूम लोगों को बेरहमी से मार दिया. पूरा देश गुस्से में था. लग रहा था कि कुछ तो होगा. लेकिन कब और कैसे, इसकी भनक किसी को नहीं थी. पोलिटिकल लीडरशिप ने कुछ कड़े फैसले लेते हुए पाकिस्तान के डिप्लोमैट्स को देश छोड़ने का आदेश दिया. सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया. पूरे देश में युद्ध के दौरान इस्तेमाल होने वाले सायरन बजने लगे. मॉक ड्रिल्स होने लगी. एक तरफ देश के आम नागरिक मॉक ड्रिल की तैयारी में थे, वहीं दूसरी तरफ सेना जवाब देने की तैयारी में लगी थी. 6-7 मई की रात हमला हुआ. ये जंग 10 मई तक चली. तब तक, जब तक पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO को फोन कर सीजफायर के लिए नहीं कहा. ऑपरेशन सिंदूर इस साल सबसे बड़ा मौका था जब सेनाओं ने अपने शौर्य का प्रदर्शन किया. 

ऑपरेशन के दौरान, और उसके बाद भी लल्लनटॉप की टीम जम्मू-कश्मीर में थी. इस दौरान इंडियन आर्मी ने ड्रोन्स, एयर डिफेंस और आर्टिलरी से पाकिस्तानी फायर का जवाब दिया. भारत ने पाकिस्तानी चौकियों को इतना नुकसान पहुंचाया कि कई पोस्ट्स को छोड़ कर पाकिस्तानी सैनिक भाग गए. लल्लनटॉप ने कई ऐसी चीजों को बिल्कुल ग्राउंड जीरो से देखा जो भारतीय सेना देश के लिए कर रही थी. इस पूरे ऑपरेशन में आर्मी ने एयरफोर्स और नेवी के साथ संयुक्त तरीके से शानदार काम किया. इससे न सिर्फ भारत का मिशन सफल रहा, बल्कि तीनों सेनाओं ने एक जॉइंट मिलिट्री ऑपरेशन का शानदार उदाहरण पेश किया. इसके अलावा भारत ने कई हथियारों का परीक्षण किया. कौन से हैं ये हथियार, इनके बारे में भी जान लेते हैं.

ब्रह्मोस: 01 दिसंबर 2025 को दक्षिणी कमान की एक ब्रह्मोस यूनिट ने अंडमान और निकोबार कमान के साथ मिलकर लंबी दूरी की सटीक हमले करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल को लॉन्ट कर सफल टेस्ट किया. 

indian army to get apache attack helicopter 15 months delay equipped with hellfire missile hydra rockets
इंडियन एयरफोर्स का अपाचे हेलीकॉप्टर (PHOTO-Indian Air Force/X)

अपाचे: 22 जुलाई 2025 को 3 हेलीकॉप्टर सेना की आर्मी एविएशन कोर (AAC) को डिलीवर कर दिए गए. आर्मी ने एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी. अपाचे को ऑपरेट करने के लिए AAC ने मार्च 2024 में ही स्क्वाड्रन का गठन कर दिया था. पायलट्स की ट्रेनिंग से लेकर सारी चीजें पूरी कर ली गईं. बस इंतजार था हेलीकॉप्टर का. इसमें कोई शक नहीं कि अपाचे एक शानदार जंगी हेलीकॉप्टर है. 1984 में AH-64A मॉडल लॉन्च हुआ था. समय के साथ इसमें तकनीकी प्रगति हुई और आज अपाचे का सबसे लेटेस्ट E वर्जन इस्तेमाल हो रहा है. बोइंग की वेबसाइट के मुताबिक फिलहाल अमेरिका, भारत समेत 17 देश अपाचे का इस्तेमाल कर रहे हैं. एक खास बात और है कि इस हेलीकॉप्टर का फ्यूसलाज (Fuselage) भारत में बनता है. इसे टाटा एडवांस सिस्टम्स द्वारा बनाया जाता है. ऐसे में मेंटेनेंस के लिहाज से भी ये चॉपर भारत के लिए मुफीद है. 

पिनाका: 29 दिसंबर 2025 को पिनाका लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट (LRGR) का सफल परीक्षण हुआ. 120 किलोमीटर की रेंज के साथ ये हथियार सटीकता वाली डीप फायरिंग की दिशा में एक अहम कदम है.साथ ही 2025 में स्वदेशी रॉकेट विकास में तेजी आई है. इसमें भविष्य के डीप-स्ट्राइक मिशंस के लिए 300 किलोमीटर क्लास पिनाका वेरिएंट पर काम चल रहा है.

 indian army raising bhairav commando unit equipped with state of the art weapons
भैरव कमांडो हर तरह की युद्धकला में माहिर होंगे (PHOTO-India Today)

भैरव कमांडो: ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद इंडियन आर्मी (Indian Army) की ऑफेंसिव यानी हमला करने की क्षमता को और धार देने के लिए सेना में एक नई कमांडो यूनिट ‘भैरव’ का गठन किया गया. इंडियन आर्टिलरी की ताकत बढ़ाने के लिए सेना में दिव्यास्त्र बैटरी का गठन किया गया. दिव्यास्त्र बैटरी आर्टिलरी की हर रेजिमेंट में है. पहले फेज में जिन पांच रेजिमेंट में यह बन रही हैं, वे सेना की सेंट्रल कमांड को छोड़कर अलग-अलग कमांड में होगी. शक्तिबाण रेजिमेंट डेडिकेटेड ड्रोन और लॉइटरिंग (टारगेट के ऊपर मंडराकर सटीक अटैक करने वाले) एम्युनिशन की रेजिमेंट होगी. दिव्यास्त्र बैटरी में ड्रोन और लॉइटरिंग एम्युनिशन होंगे. 

ऑपरेशन सिंदूर के बाद स्लीपर सेल ने भारत में उड़ाए थे ड्रोन? पाक के मददगारों  की तलाश में जुटी जांच एजेंसियां - After Operation Sindoor did sleeper cells  fly drones in ...
ड्रोन ऑपरेट करता इंडियन आर्मी का एक जवान (PHOTO-AajTak)

ड्रोन: रूस-यूक्रेन की लड़ाई हो, ईरान-इजरायल का युद्ध हो या भारत का ऑपरेशन सिंदूर. हर युद्ध में हमने ड्रोन का इस्तेमाल होते देखा. ये एक नए किस्म का वॉरफेयर है जिसमें कम खर्च, कम नुकसान उठाकर दुश्मन को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाया जा सकता है. इसी को देखते हुए इंडियन आर्मी अब अपनी हर बटालियन में ड्रोन प्लाटून का गठन शुरू किया. ड्रोन का इस्तेमाल अभी भी होता है लेकिन इसके लिए कोई डेडिकेटेड प्लाटून नहीं है. लेकिन अब ड्रोन प्लाटून के जवान खास तौर पर ड्रोन ऑपरेट करने के लिए प्रशिक्षित किए जा रहे हैं.

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अग्नि-5 को ओडिशा के चांदीपुर इंटीग्रेटेड टेस्टिंग रेंज से फायर किया गया (PHOTO-X)
अग्नि मिसाइल

20  अगस्त को शाम के करीब साढ़े छह बजे ओडिशा के तट पर लोग घूम रहे थे. तभी उन्हें आसमान में एक चमकती हुई रोशनी दिखाई दी. ये रोशनी किसी एयरक्राफ्ट की नहीं थी. बल्कि भारत की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) अग्नि-5 (Agni-5) थी जिसे इंटीग्रेटेड टेस्टिंग रेंज, चांदीपुर (ITR Chandipur) से फायर किया गया था. कुछ देर बाद ही रक्षा मंत्रायल (Ministry of Defence) ने एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी कि भारत ने Agni-5 का सफल परीक्षण कर लिया है. टेस्ट के दौरान मिसाइल सभी पैमानों पर खरी उतरी. भारत की स्ट्रैटिजिक फोर्स कमांड (Strategic Forces Command) ने इस टेस्टिंग को अंजाम दिया. 

पृथ्वी 2 बैलिस्टिक मिसाइल

पृथ्वी 2 एक जमीन से जमीन (Surface to Surface) पर हमला करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है. इसे रक्षा विकास एवं अनुसंधान संगठन (DRDO) ने इंटीग्रेटेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (IGMDP) के तहत विकसित किया है. पृथ्वी 2 की रेंज 250 से 300 किलोमीटर तक है. और ये 500 से 1 हजार किलोग्राम तक का पेलोड यानी भार ले जाने में सक्षम है. इस मिसाइल में हाई एक्सप्लोसिव, क्लस्टर वेपन के अलावा न्यूक्लियर हमला करने की भी क्षमता है.

अग्नि 1

अग्नि 1 एक 15 मीटर लंबी और करीब 12 हजार किलोग्राम वजनी एक बैलिस्टिक मिसाइल है. इसकी रेंज 500 से 700 किलोमीटर है. साथ ही ये लगभग 1 हजार किलोग्राम तक का पेलोड ले जाने में सक्षम है. हालांकि रक्षा मामलों से जुड़ी वेबसाइट्स दावा करती हैं कि पेलोड कम करने पर इसकी रेंज 1200 किलोमीटर तक बढ़ाई जा सकती है.

india tests agni 1 and prithvi 2 short range ballistic missiles
भारत ने कम दूरी की 2 बैलिस्टिक मिसाइल्स का टेस्ट किया (PHOTO-DRDO)
आकाश प्राइम

भारत की एयर डिफेंस (Indian Air Defence) क्षमता में बड़ा इजाफा हुआ है. सेना (Army Air Defence) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने लद्दाख की दुर्गम पहाड़ियों में आकाश मिसाइल सिस्टम (Akash Missile) के नए वर्जन 'आकाश प्राइम' (Akash Prime) का सफल परीक्षण किया है. जल्द ही इसे सेना की 'आर्मी एयर डिफेंस' के तहत आने वाली तीसरी और चौथी रेजिमेंट में शामिल कर दिया जाएगा. ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) में आकाश मिसाइल सिस्टम ने पाकिस्तानी हमलों को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया था. पाकिस्तान की ओर भेजे गए तुर्किए और चीन के ड्रोन्स और तमाम हवाई हमलों को इस सिस्टम ने रोका था. अब DRDO ने इसी मिसाइल सिस्टम के नए वर्जन का टेस्ट किया है.

army conducts successful test of akash prime air defence system at high altitude in ladakh
आकाश प्राइम एयर डिफेंस (PHOTO-DRDO)
नहीं रुकेगी डिफेंस डील

रक्षा मंत्रालय ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) से पहले और बाद में वित्त मंत्रालय के साथ हुई बैठकों में रक्षा उत्पादों की खरीद (Defence Procurement) पर बड़ा फैसला लिया है. मंत्रालय ने डील्स की समयसीमा को कम करने, कॉन्ट्रैक्ट्स को तेजी से पूरा करने और निजी विक्रेताओं को जल्द पेमेंट करने जैसे कुछ खास कदम उठाए हैं. रक्षा मंत्रालय द्वारा बताए गए खास उपायों में फील्ड इवैल्यूएशन ट्रायल (Evaluation Trial) की जगह पर डिजिटलीकरण (Digitisation) और सिमुलेशन (Simulation) का इस्तेमाल करना शामिल है.

खरीद में तेजी लाने के लिए बातचीत को तेज करना, और एंटी-ड्रोन सिस्टम्स और स्मार्ट गोला-बारूद जैसे जरूरी चीजों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्राइवेट सेक्टर को प्रोत्साहित करना शामिल है. अधिकारियों ने बताया कि खरीद की समयसीमा को इस साल के अंत तक बढ़ाने के लिए काम को तेज किया गया है. इसमें घरेलू रक्षा उद्योग, खास तौर पर प्राइवेट प्लेयर्स को बढ़ावा देने और सशस्त्र बलों की तमाम सर्विसेज के बीच साझा तौर पर इस्तेमाल होने वाले उपकरणों की खरीद पर विशेष ध्यान दिया गया है. 

President undertakes dive sortie in submarine, calls it a very special  experience - The Hindu
प्रेसिडेंट द्रौपदी मुर्मू ने INS वाघशीर में सॉर्टी पूरी की (PHOTO-President Of India)
नौसेना : समंदर का बादशाह बनकर उभरी इंडियन नेवी

इंडियन नेवी एक ऐसी फोर्स है, जिसके बारे में बहुत कम बात होती है. वजह, कि नेवी आम लोगों की आंखों से दूर समंदर में अपने मिशंस को अंजाम देती है. साल 2025 में इंडियन नेवी ने अपने बेड़े में कई नए जंगी जहाजों को जोड़ा. इनमें,

  • INS नीलगिरि (फ्रिगेट) 
  • INS उदयगिरी (फ्रिगेट) 
  • INS हिमगिरी (फ्रिगेट) 
  • INS तमल (रूस में बना फ्रिगेट) 
  • INS वाघशीर (सबमरीन) 
  • INS अर्नाला (ASW शैलो वाटर क्राफ्ट) 
  • INS अंड्रोथ (ASW शैलो वाटर क्राफ्ट) 
  • INS माहे (ASW शैलो वाटर क्राफ्ट)
इंडियन एयरफोर्स : पराक्रम भरपूर, लेकिन चुनौतियां भी हैं

इंडियन एयरफोर्स ने ऑपरेशन सिंदूर को लीड किया. शानदार पायलट्स और जबरदस्त हिम्मत का परिचय देते हुए एयरफोर्स ने आतंकी ठिकानों के अलावा पाकिस्तानी एयरबेसेज को भी नेस्तनाबूद कर दिया. इसमें कोई शक नहीं कि भारत की वायुसेना एक शानदार फोर्स है. हाल के वर्षों में चाहे बालाकोट स्ट्राइक हो या ऑपरेशन सिंदूर, एयरफोर्स ने हमेशा मिशन को पूरा किया है. हालांकि साल 2025 की शुरुआत एयरफोर्स के लिए अच्छी नहीं थी. एयरफोर्स जेट्स की कमी का सामना कर रही है. ये बात खुद एयरफोर्स के चीफ कह चुके हैं. 

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आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी के साथ तेजस में उड़ान भरते एयर चीफ मार्शल एपी सिंह (PHOTO-India Today)

फरवरी 2025 में बेंगलुरु में चल रहे एयर शो एयरो इंडिया (Aero India) में तेजस Mk1A को डिस्प्ले पर लगाया गया था. एयर चीफ मार्शल के साथ आर्मी चीफ ने इसमें उड़ान भी भरी. वहीं दूसरी तरफ एयरफोर्स अपने स्क्वाड्रंस की घटती संख्या को पूरा करने के लिए 83 (Tejas Mk1A)  जेट्स की डिलीवरी का इंतजार कर रही है. अब खुद एयरफोर्स चीफ अमर प्रीत सिंह ने एयरो इंडिया शो के दौरान तेजस बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), जो कि सरकार के अधीन है, उसके अधिकारियों से सामने अपनी नाराजगी जाहिर की है. एयर चीफ मार्शल ने HAL से कहा कि “विमान के ऑर्डर में हो रही देरी के कारण हमें आप पर 'भरोसा' नहीं रहा.” चीफ ने कहा था,

मैं आपको केवल यह बता सकता हूं कि हमारी आवश्यकताएं और चिंताएं क्या हैं. फिलहाल, मैं HAL पर भरोसा नहीं कर रहा हूं, जो कि बहुत गलत बात है. HAL हमारी अपनी कंपनी है, हम सबने वहां काम किया है. मैंने खुद वहां सेवाएं दी हैं. पर मुझे लगता है कि हम मिशन मोड में नहीं हैं. HAL बस ‘सब कुछ हो जाएगा' वाले ढर्रे पर चल रही है.

ये पहली बार नहीं है जब किसी एयर चीफ मार्शल ने तेजस विमानों में हो रही देरी का मुद्दा उठाया हो. पूर्व एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने भी तेजस की डिलीवरी में देरी पर चिंता जाहिर की थी. कुल मिला कर देखें, तो भारत की तीनों सेनाएं फिलहाल किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए सक्षम हैं. लेकिन फौज और रक्षा एक ऐसा क्षेत्र है जहां बेहतरी की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है. ये कुछ ऐसा है कि आप जिस दिन स्टेल्थ विमान उड़ाएंगे, आपका दुश्मन उसी पल से उसे पकड़ने लायक रडार बनाने में लग जाएगा. फिलहाल 2026 के लिए ये उम्मीद है कि भारत सरकार तीनों सेनाओं को आधुनिक और सशक्त बनाने के लिए सर संभव कदम उठाएगी.

वीडियो: ग्राउंड रिपोर्ट: सेना की इस पोस्ट से ऑर्डर आया, जवानों ने पाकिस्तानी आर्मी को धो डाला

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