The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • Wintrack Inc bribery allegations on chennai custom department Finance Ministry orders probe

'यहां धंधा बंद करेंगे, घूस देते-देते परेशान', इस कंपनी का 'दुखड़ा' पता लगते ही वित्त मंत्रालय ने लिया एक्शन

विन्ट्रैक इंक (Wintrack Inc) नाम की कंपनी ने चेन्नई के कस्टम डिपार्टमेंट पर कई आरोप लगाए थे. अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. वित्त मंत्रालय ने खुद अब इस पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं. राजस्व विभाग के एक सीनियर ऑफिसर को इसका जिम्मा सौंपा गया है.

Advertisement
Finance Ministry orders probe into Wintrack Inc allegations of bribery in chennai custom department
कंपनी के फाउंडर प्रवीण गणेशन (बाएं) और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (दाएं). (Photo: X/ITG)
pic
सचिन कुमार पांडे
3 अक्तूबर 2025 (Updated: 3 अक्तूबर 2025, 04:28 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

लॉजिस्टिक फर्म विन्ट्रैक इंक (Wintrack Inc) द्वारा चेन्नई के कस्टम विभाग पर लगाए गए रिश्वतखोरी के आरोपों का मामला वित्त मंत्रालय तक पहुंच गया है. फाइनेंस मिनिस्ट्री ने कहा है कि उसने राजस्व विभाग को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं. कंपनी ने बुधवार, 1 अक्टूबर को कस्टम विभाग पर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाते हुए भारत में अपना कामकाज बंद करने का ऐलान किया था.  

जांच के आदेश

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कहा है कि इस पूरे मामले की विस्तृत जांच की जाएगी. मंत्रालय ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा कि सरकार ने विन्ट्रैक इंक (चेन्नई) द्वारा उठाए गए मामले का संज्ञान लिया है. फाइनेंस मिनिस्ट्री के राजस्व विभाग (DoR) को मुद्दे की निष्पक्ष, पारदर्शी और फैक्ट-आधारित जांच करने के लिए कहा गया है. वित्त मंत्रालय ने कहा,

राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को विस्तृत तथ्यात्मक (Factual) जांच करने, संबंधित पक्षों और अधिकारियों की सुनवाई करने और सभी प्रासंगिक दस्तावेजी सबूतों को चेक करने के लिए नियुक्त किया गया है. हाल के वर्षों में सरकार ने टैक्सपेयर के लिए अनूकूल माहौल बनाने के लिए कई फैसले लिए हैं. इनमें टैक्सपेयर चार्टर को अपनाना, फेसलेस कस्टम प्रोसीजर की शुरुआत और विवाद समाधान के लिए अपीलीय निकायों की स्थापना शामिल है. इसका उद्देश्य है कि व्यापार करना आसान हो और उसमें पारदर्शिता बढ़े. इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है और सरकार कानून के अनुसार उचित और शीघ्र कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है. यह दोहराया जाता है कि सरकार व्यापार में सुगमता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है.

क्या हैं आरोप?

इससे पहले तमिलनाडु स्थित विन्ट्रैक इंक नाम की कंपनी ने देश में अपना सारा कामकाज बंद करने का ऐलान किया था. कंपनी ने चेन्नई के कस्टम विभाग पर उन्हें परेशान करने और बार-बार रिश्वत मांगने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे. कंपनी ने अपने बयान में कहा था कि ऐसे हालात में उनके लिए कामकाज जारी रखना मुश्किल हो गया है. कंपनी के फाउंडर प्रवीण गणेशन ने भी अपनी पत्नी की कंपनी के शिपमेंट को मंजूरी देने में रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था. उन्होंने कई अधिकारियों के नाम भी लिए थे, जिन्होंने कथित तौर पर रिश्वत की मांग की थी.

यह भी पढ़ें- इस कंपनी ने भारत में कारोबार खत्म करने का किया ऐलान, कहा- ‘रिश्वत देते-देते परेशान हो गए... ’

कस्टम विभाग का जवाब

हालांकि कस्टम विभाग ने इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया था. विभाग ने कंपनी पर ही नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था. विभाग ने कहा था कि कंपनी उस पर दबाव बनाने के लिए झूठ बोल रही है, जिससे उनके शिपमेंट में गलतियां न देखी जाएं और उन्हें जाने दिया जाए.

वीडियो: Odisha Administrative Service का टॉपर 15,000 की रिश्वत लेते पकड़ा गया

Advertisement

Advertisement

()