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इस कंपनी ने भारत में कारोबार खत्म करने का किया ऐलान, कहा- 'रिश्वत देते-देते परेशान हो गए... '

तमिलनाडु स्थित लॉजिस्टिक्स कंपनी- Wintrack Inc - ने चेन्नई के कस्टम अधिकारियों पर रिश्वत मांगने और परेशान करने का आरोप लगाया है. साथ ही भारत में अपना कारोबार बंद करने का ऐलान भी किया है. कंपनी का कहना है कि उनके लिए काम जारी रखना मुश्किल हो गया है. इसपर कस्टम विभाग की तरफ से भी जवाब आया है. उन्होंने आरोपों को ख़ारिज किया है.

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Wintrack Inc announces to shut its operation in india alledging harrasment from chennai custom officials
कंपनी के फाउंडर प्रवीण गणेशन (बाएं) ने खुद इस मामले की जानकारी दी है (Photo: X/@wintrackinc,@PrawinGaneshan)
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सचिन कुमार पांडे
2 अक्तूबर 2025 (Updated: 2 अक्तूबर 2025, 04:22 PM IST)
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लॉजिस्टिक्स कंपनी - Wintrack Inc - ने बुधवार, 01 अक्टूबर को भारत में अपना ऑपरेशन बंद करने का ऐलान किया है. कंपनी ने आरोप लगाया है कि चेन्नई के कस्टम अधिकारी उनसे रिश्वत मांगते हैं और लगातार उन्हें परेशान करते हैं. इस वजह से उनका बिजनेस जारी रख पाना मुश्किल हो गया है. कंपनी ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट करते हुए ये जानकारियां दीं.

क्या है पूरा मामला?

Wintrack Inc ने बुधवार की सुबह पोस्ट करते हुए लिखा कि 1 अक्टूबर, 2025 से, हमारी कंपनी भारत में इम्पोर्ट या एक्स्पोर्ट का सारा काम बंद कर देगी. उसने आरोप लगाया कि पिछले 45 दिनों से चेन्नई के कस्टम अधिकारी हमें लगातार परेशान कर रहे हैं. कंपनी ने कहा कि इस साल दो बार उनकी रिश्वतखोरी का पर्दाफाश किया, जिससे उन्होंने हमें परेशान करना शुरू कर दिया. इससे भारत में हमारे ऑपरेशन में अड़चनें आईं और हमारे बिजनेस को बड़ा नुकसान हो गया. कंपनी ने कहा है कि हम उन सभी का तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हैं, जिन्होंने इस कठिन समय में हमारा साथ दिया.

कंपनी ने अपनी दूसरी पोस्ट में कहा कि हम जनवरी 2025 से नियमित रूप से शिपमेंट इम्पोर्ट कर रहे हैं. जब भी अधिकारियों द्वारा रिश्वत का मामला सामने आता है, हम उसे उजागर करते हैं तो वे कुछ महीनों तक शांत रहते हैं. इसके बाद फिर से वही सब शुरू कर देते हैं.

'जानबूझकर परेशान किया गया'

कंपनी ने कस्टम अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि जून 2025 में ऐसी ही घटना हुई थीं. अब फिर ऐसा ही हुआ. कंपनी ने कहा कि अधिकारियों ने पहले एक सामान को बार-बार इम्पोर्ट करने के लिए मंजूरी दी, लेकिन जून में रिश्वत की बात का पर्दाफाश करने के बाद वह कंपनी के शिपमेंट में गलतियां निकालने लगे. यहां तक कि उन्होंने कंपनी के खिलाफ एक झूठा DRI (Directorate of Revenue Intelligence) अलर्ट भी जारी कर दिया. कंपनी ने कहा कि इस वजह से उसके अधिकारियों को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ा है. कंपनी के अनुसार उन्होंने अधिकारियों को लिखित में भी दिया कि वह अपने सभी इम्पोर्ट बिजनेस बंद कर देंगे, लेकिन उन्हें परेशान करना बंद नहीं किया गया.

Wintrack Inc के फाउंडर प्रवीण गणेशन ने भी एक पोस्ट करते हुए अपनी पत्नी की कंपनी के शिपमेंट को मंजूरी देने में रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है. उन्होंने पोस्ट में लिखा,

SIIB: आशीष नेहरा वाइटल, EO: बंदी नरियप्पा, AO: ज्ञानेंद्र पांडे. इन अधिकारियों ने पिछले हफ्ते मेरी पत्नी की कंपनी के शिपमेंट को मंजूरी देने के लिए रिश्वत ली थी. मुंबई के फेसलेस असेसमेंट ऑफिसर को 50,000 मिले. जब हमने अपने कर्मचारियों के ज़रिए SIIB अधिकारियों और CHA से व्यक्तिगत रूप से रिश्वत पर बातचीत की तो उन्होंने इसमें 10% की छूट देने की बात कही. अंत में शेड और SIIB को 80,000-80,000 रुपये रिश्वत दी गई.

PMO और वित्त मंत्री से पूछे सवाल

प्रवीण ने एक दूसरे पोस्ट पर PMO और वित्त मंत्री को टैग करते हुए पूछा कि क्या इन भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने लिखा कि अगर कोई इम्पोर्टर गलत जानकारी देता है तो जुर्माना, दंड और कार्रवाई होती है. अधिकारी रिश्वत लेता है, तो उसका तबादला दूसरे विभाग में कर दिया जाता है और नए डेस्क पर वसूली जारी रहती है. क्या प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री वाकई इन भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई करेंगे? रिश्वत ऊपर तक जाती है, आखिर में जवाबदेह कौन है?

कस्टम डिपार्टमेंट क्या कह रहा?

चेन्नई कस्टम डिपार्टमेंट ने कंपनी के आरोपों को सिरे से नकार दिया है और कहा है कि यह विभाग पर दबाव बनाने की रणनीति है, जिससे कंपनी का माल बिना किसी नियमों की जांच के छोड़ दिया जाए. चेन्नई कस्टम डिपार्टमेंट ने एक्स पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट करते हुए कंपनी पर कई मौकों पर गलत जानकारी देने और नियमों का पालन न करने का आरोप लगाया. विभाग ने पोस्ट में कहा,

इम्पोर्टर के सोशल मीडिया पोस्ट एक सोची-समझी साजिश का खुलासा करते हैं. ये वैलिड जांच के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं… ये बयान अधिकारियों पर उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना माल छोड़ने के लिए, दबाव डालने की एक सोची-समझी रणनीति है. हम स्पष्ट रूप से कहते हैं कि कंपनी पर की गई हर कार्रवाई कानूनी रूप से अनिवार्य, उचित और जांच के दौरान पाए गए दस्तावेज़ों में दर्ज उल्लंघनों पर आधारित थी.

CBIC ने कहा- जांच करेंगे

मामला बढ़ने पर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने कंपनी के फाउंडर द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करने की बात कही है. CBIC ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि प्रवीण गणेशन द्वारा चेन्नई कस्टम्स के खिलाफ उठाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि यह मामला इम्पोर्टर द्वारा गलत घोषणा और गलत वर्गीकरण से संबंधित है. चेन्नई कस्टम्स इस पर पहले ही प्रतिक्रिया दे चुका है. इसके बाद, इम्पोर्टर ने एक्स पर कुछ नाम और स्क्रीनशॉट साझा किए हैं. मामले को संज्ञान में लिया गया है और सभी तथ्यों की विधिवत जांच की जाएगी. कानून के अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

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Wintrack Inc क्या काम करती है?

Wintrack Inc की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, कंपनी चीन और थाईलैंड की ई-कॉमर्स वेबसाइटों से भारत में सामान मंगाने में मदद करती है. ग्राहक अंतरराष्ट्रीय शिपिंग, सीमा शुल्क और टैक्स की चिंता किए बिना सीधे कंपनी के माध्यम से चीन और थाईलैंड से सामान मंगा सकते हैं. कंपनी का दावा है कि वह पूरे भारत में डोरस्टेप यानी घर पर डिलीवरी का ऑप्शन देती है.

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