बंगाल के मजदूर की ओडिशा में पीट-पीटकर हत्या, "बांग्लादेशी" कह कर मारने का आरोप
पीड़ित युवक 19 साल का था. उसके परिजनों के मुताबिक वह 600 रुपये की दिहाड़ी पर तीन महीने काम करने के लिए ओडिशा गया था.
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पश्चिम बंगाल के 19 साल के एक युवक की ओडिशा में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. मृतक के परिवार वालों का आरोप है कि उसे बांग्लादेशी होने के शक में मारा गया है. उसके साथी युवकों का कहना है कि कुछ लोगों ने पहले उनसे आधार कार्ड मांगा, फिर उन्हें पीटना शुरू कर दिया. हालांकि, ओडिशा पुलिस ने इस दावे से इनकार किया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित युवक का नाम ज्वेल शेख था. वह पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के सूती पुलिस स्टेशन इलाके के चकबहादुरपुर गांव का रहने वाला था. ज्वेल ओडिशा के संबलपुर में मजदूरी करने गया था. युवक के परिजनों का कहना है कि वह 600 रुपये की दिहाड़ी पर काम करने के लिए 20 दिसंबर को ही ओडिशा से गया था. पुलिस के मुताबिक घटना बुधवार, 24 दिसंबर की शाम की है, जब ज्वेल और उसके साथी काम से लौटे थे. ज्वेल के एक साथी मजदूर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया,
600 रुपये की दिहाड़ी पर गया था ओडिशाहम लोग एक चाय की दुकान पर बैठे थे, तभी कुछ लोगों ने ज्वेल से बीड़ी मांगी. इसके बाद उन्होंने हम सभी से आधार कार्ड मांगना शुरू कर दिया और पूछने लगे कि कहां से हो. हमने अपना आधार कार्ड दिखाया. इसके बाद अचानक उन लोगों ने लाठियों से हम पर हमला कर दिया. हमें पीटने लगे. हमले में ज्वेल के सिर पर चोट लगी और हम में से कुछ लोग घायल हो गए. हम उसे तुरंत अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मैंने ओडिशा में 12 साल काम किया है. यह पहली बार है, जब इस तरह की घटना देखी है.
इधर, ज्वेल की मौत की खबर मिलने पर उसके गांव चकबहादुरपुर में मातम पसर गया. ज्वेल शेख की मां ने मीडिया को बताया कि
वह 20 दिसंबर को ओडिशा राजमिस्त्री का काम करने गया था. उसे तीन महीने काम करना था, लेकिन अब उसकी लाश वापस आएगी. हमने उसके साथ काम करने वालों से सुना कि गुंडों ने उसे बुरी तरह पीटा.
मां ने आरोप लगाया कि पीटने वालों ने ज्वेल को बांग्लादेशी कहा था. उन्होंने अपने बेटे के लिए न्याय की मांग की. वहीं ज्वेल के चाचा ने कहा कि हम गरीब लोग हैं. ज्वेल वहां 600 रुपये की दिहाड़ी के लिए गया था.
हालांकि, पुलिस ने ज्वेल को बांग्लादेशी होने के शक में मारने के दावे को खारिज किया है. पुलिस का कहना है कि पीड़ित और आरोपी पहले से एक-दूसरे को जानते थे. उनके बीच बीड़ी मांगने को लेकर बहस हुई थी, जो कि बाद में झगड़े में बदल गई. उनमें से एक गुट ने अचानक बंगाली प्रवासी मजदूरों पर हमला कर दिया. पुलिस ने बताया कि उसने मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. हमले में शामिल अन्य लोगों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है.
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इधर, घटना के बाद बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने भी पीड़ित परिवार से मुलाकात की. उन्होंने ज्वेल के घर वालों को सरकार की तरफ से मदद का भरोसा दिया. TMC राज्यसभा सांसद समीरुल इस्लाम ने आरोप लगाया कि यह BJP शासित ओडिशा में लगातार हो रहा है. बांग्लादेशी पहचान के नाम पर अवैध हिरासत, हमले, और अब एक गरीब प्रवासी मज़दूर की लिंचिंग. BJP के हाथों पर खून लगा है. हम परिवार के साथ हैं, और हर संभव मदद दी जाएगी.
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