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धंसी सड़क, गांव तक जाने का रास्ता बंद, डॉ जिपलाइन से खाई पार कर इलाज करने पहुंचे

सरकारी अधिकारियों के काम की आलोचना तो खूब होती है. लेकिन कुछ अधिकारी ऐसे भी होते हैं, जो वाकई में जनता की सेवा को अपना कर्तव्य मानते हैं. ऐसे ही एक अधिकारी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. त्रासदी के बीच लोगों की जान बचाने के लिए उनके जज्बे की हर कोई तारीफ कर रहा है.

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west bengal Jalpaiguri BMOH reached village through zipline amid flood and landslide see video
जिपलाइन से खाई पार करते स्वास्थ्य अधिकारी. (Photo: Facebook)
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सचिन कुमार पांडे
9 अक्तूबर 2025 (Updated: 9 अक्तूबर 2025, 03:18 PM IST)
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पश्चिम बंगाल का जलपाईगुड़ी जिला इन दिनों बाढ़ के हालात झेल रहा है. जिले के कई गांव अचानक हुई भारी बारिश के कारण डूब गए हैं. कई जगहों पर भूस्खलन ने तबाही मचाई है. हालांकि त्रासदी के बीच इंसानियत को हौसला देने वाली एक तस्वीर भी सामने आई है. जिले के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने लोगों की जान बचाने के लिए ऐसा जज्बा दिखाया है, जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा है.

जलपाईगुड़ी का बामुंदांगा गांव बाढ़ से सबसे बुरी तरह प्रभावित इलाकों में से है. यहां से गुजरने वाली नदी उफान पर बह रही है. नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार गांव तक जाने वाली सड़क भी धंस गई. जिससे बीच में एक बड़ी खाई सी खाई बन गई. इसके बाद गांव तक आने जाने के लिए रास्ता ही बंद हो गया. जितने लोग गांव में थे, वह वहीं फंस गए. इस बीच प्रशासन को गांव में कुछ लोगों के घायल और बीमार होने की सूचना मिली.

खाई के ऊपर जिपलाइन से बनाया गया रास्ता 

लोगों के इलाज के लिए रविवार, 5 अक्टूबर को ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ इरफान हुसैन और उनकी टीम को बुलाया गया. गांव तक जाने के जाने के लिए NDRF ने जिपलाइन लगाकर अस्थायी रास्ता बनाया. जिपलाइन खाई के बीचों-बीच से होकर गुजर रही थी. ऐसे में उसे पार करना काफी जोखिम भरा काम था. लेकिन लोगों की जान बचाने के लिए इरफान ने अपनी सुरक्षा की चिंता नहीं की. वह जिपलाइन से चढ़कर उस पार गांव तक पहुंचे. खास बात यह है कि इससे पहले उन्होंने कभी भी जिपलाइन से सफर नहीं किया था.

इसके लिए उनकी काफी तारीफ हुई. हालांकि लोगों के इलाज में वह इतने मशगूल थे कि उन्हें इसका पता ही नहीं चला. जब उनके परिवार और दोस्तों के फोन आने शुरू हुए, तब उन्हें इसकी जानकारी मिली. उन्होंने कहा कि अपनी टीम का मनोबल बढ़ाने के लिए उन्होंने सबसे पहले जिपलाइन पर सफर किया.

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पिता ने भी कहा- गर्व है

डॉ इरफान हुसैन ने नवभारत टाइम्स से बात करते हुए बताया कि उनकी टीम गांव पहुंचने के बाद लोगों के इलाज में जुट गई. वह सुबह 10:30 बजे से रात 11:00 बजे तक वहीं रुके और लगभग 200 लोगों का इलाज किया. इनमें से कुछ लोग चोटिल थे तो कुछ लोग सर्दी, बुखार और जुखाम समेत अन्य बीमारियों से पीड़ित थे. अगले दिन जब नदी का जलस्तर घटा तो एक गर्भवती महिला को गांव से बाहर निकाला गया. डॉ इरफान ने बताया कि उनके पिता ने भी वीडियो देखने के बाद कहा कि उन्हें बेटे पर गर्व है. डॉ इरफान ने कहा कि यह अनुभव उनके जीवन का सबसे कठिन और सबसे संतोष देने वाला है.

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