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असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन बिल को 'गांधी की तरह फाड़ दिया'

Asaduddin Owaisi ने कहा कि सरकार वक्फ बिल पर देश में भ्रम फैला रही है. उन्होंने कहा कि इस बिल का मकसद मुसलमानों को जलील करना है.

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असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. (तस्वीर-इंडिया टुडे)
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सचेंद्र प्रताप सिंह
2 अप्रैल 2025 (Updated: 2 अप्रैल 2025, 12:09 AM IST)
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लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 पर संसद में जारी चर्चा के दौरान बिल को प्रतीकात्मक रूप से फाड़ दिया. इसके लिए उन्होंने महात्मा गांधी का रास्ता अपनाया.

बुधवार, 2 अप्रैल की सुबह से लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 पर शुरू हुई बहस अभी भी जारी है. ओवैसी को देर रात अपनी बात रखने का मौका मिला. अपने भाषण में AIMIM प्रमुख ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वक्फ बिल के जरिए मुसलमानों के साथ अन्याय किया जा रहा है. 

ओवैसी ने कहा, “सरकार वक्फ बिल पर देश में भ्रम फैला रही है. इस बिल से यह तो साफ हो गया कि प्राचीन मंदिरों की हिफाजत होगी, लेकिन मस्जिदों की नहीं होगी… मैं गांधी की तरह वक्फ बिल को फाड़ता हूं.”

ओवैसी ने कहा कि सरकार ये जो कानून बना रही है, वह आर्टिकल 26 का उल्लंघन है. BJP देश में झगड़े पैदा करना चाहती है. उन्होंने आगे कहा, “कल को कलेक्टर कहेगा यह सरकार की संपत्ति है और वहां पोस्टर चस्पा कर देगा. तो कोई भी जमीन सरकार की हो जाएगी. इस तरह से मस्जिदें बंद हो जाएंगी. जब ये बिल पास हो जाएगा तो देश में प्राचीन मंदिरों की हिफाजत होगी. लेकिन मस्जिदों की नहीं होगी.” 

ओवैसी ने कहा, “यह बिल ऐसा है कि जैसे मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं. लेकिन वक्फ का जो अध्यक्ष होगा, उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता. यह कानून धर्म की समानता के संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है. क्योंकि इसमें गैर-मुस्लिमों को भी वक्फ गवर्निंग बॉडी का हिस्सा बनाने की बात कही गई है. जबकि अन्य धर्मों के मामलों में ऐसा नहीं होता.”

लोकसभा सांसद ने गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान पर भी सवाल उठाया, जिसमें कहा गया था कि वक्फ बोर्ड और परिषद इस्लाम से अलग हैं. ओवैसी ने कहा, “अगर यह सच है, तो फिर इस कानून की जरूरत ही क्यों है? विधेयक में किए गए बदलावों के कारण बोर्ड में प्रमुख पदों पर गैर-मुस्लिमों का कब्जा हो जाएगा.”

विधेयक में पांच साल तक इस्लाम का पालन करने वाले व्यक्ति को वक्फ घोषित करने का अधिकार देने वाले प्रावधान पर तंज कसते हुए ओवैसी ने पूछा, "अगर उसकी दाढ़ी है, तो क्या उसे मुसलमान माना जाएगा, या उसे साफ-सुथरा होना चाहिए?" उन्होंने चिंता जताई कि अगर राज्य और केंद्रीय वक्फ बोर्ड अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा नहीं कर सकते. तो फिर उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा?

ओवैसी के अनुसार यह विधेयक मुसलमानों की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान पर हमला करने के लिए लाया गया है. उन्होंने सरकार पर अल्पसंख्यकों के अधिकार छीनने का आरोप लगाया. इसे गंभीर चिंता का विषय बताया है.

वीडियो: 'वक्फ बिल असंवैधानिक...', असदुद्दीन ओवैसी ने BJP के सहयोगियों पर निशाना साधा

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